Nepal / भारत को आंखें दिखा रहे नेपाली PM की कुर्सी खतरे में, देंगे राष्ट्र के नाम संदेश

AajTak : Jul 02, 2020, 01:54 PM
Nepal: भारत के साथ जारी विवाद के बीच नेपाल में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है। गुरुवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कैबिनेट बैठक से पहले राष्ट्रपति बिद्या भंडारी से मुलाकात की। इसके बाद आपात कैबिनेट बैठक में मौजूदा बजट सत्र को रद्द करने का फैसला किया गया। अब खबर है कि केपी ओली नेपाल की जनता को संबोधित कर सकते हैं।

बता दें कि भारत के साथ नक्शा विवाद होने के बाद से ही पार्टी में केपी ओली के खिलाफ माहौल बनना शुरू हो गया था। पार्टी के नेताओं ने पहले केपी ओली से प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने को कहा और फिर पार्टी प्रमुख पद छोड़ने की बात कही। जिस वक्त केपी ओली राष्ट्रपति से मुलाकात कर रहे थे, तब कम्युनिस्ट पार्टी की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक उनकी गैर मौजूदगी में जारी थी।

गुरुवार को ऐसे बदला घटनाक्रम

गुरुवार सुबह PM केपी ओली ने नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी से मुलाकात की। मुलाकात के बाद उन्होंने कैबिनेट की बैठक बुलाई है। नेपाल की राजनीति में लगातार बदलाव हो रहा है। प्रधानमंत्री केपी ओली ने आज 11 बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई थी, जिसे अब टाल कर आगे बढ़ाया गया था।

बीते कई दिनों से उनके इस्तीफे की मांग उठ रही थी, ऐसे में अब क्या होता है इसपर हर किसी की नजर है। केपी ओली के फैसले की अभी किसी भी मंत्री को जानकारी नहीं है।

भारत के साथ विवाद के बीच केपी ओली के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने की मांग उठ रही है। इस बीच अब एक और मांग उठने लगी है कि उन्हें पीएम पद के साथ-साथ पार्टी के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा देना चाहिए।

पार्टी अध्यक्ष पद को लेकर विरोध

केपी ओली अभी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख हैं और प्रधानमंत्री होने के साथ-साथ पार्टी के प्रमुख फैसले भी वही लेते हैं। लेकिन, बीते दिनों पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड की अगुवाई में जब से उनका विरोध शुरू हुआ है तभी से केपी ओली संकट में हैं।

बुधवार को भी नेपाली पीएम ने अपने करीबी मंत्रियों और पार्टी के नेताओं के साथ बैठक की थी, जिसमें आगे की रणनीति पर मंथन हुआ था।

भारत के साथ विवाद के बाद बिगड़े हालात

भारत के साथ नक्शा विवाद होने के बाद से ही केपी ओली के खिलाफ पार्टी में आवाज उठ रही है। इस बीच पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने उनके इस्तीफे की मांग कर दी।

दरअसल, नए कार्यकाल में नेपाल की दोनों कम्युनिस्ट पार्टियों ने एक साथ आकर सरकार बनाई थी और कार्यकाल दर कार्यकाल पीएम पद पर बात बनी थी। लेकिन, अब जब हालात बिगड़ रहे हैं तो ओली का विरोध शुरू हो गया है।

केपी ओली ने उनकी गद्दी पर आए संकट के पीछे भारत का हाथ बताया था, हालांकि वह कुछ सबूत नहीं दे सके। बल्कि प्रचंड ने भी कहा कि भारत पर आरोप लगाने से पहले उन्हें सोचना चाहिए।

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