- भारत,
- 22-Sep-2025 08:20 AM IST
22 सितंबर 2025, यानी नवरात्रि के पहले दिन से, भारत में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) में बड़े बदलाव लागू होने जा रहे हैं। इसे जीएसटी 2.0 के रूप में भी जाना जा रहा है, क्योंकि यह टैक्स सिस्टम में एक क्रांतिकारी कदम है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल ने सितंबर 2025 में इन बदलावों को मंजूरी दी थी। इसका उद्देश्य टैक्स दरों को सरल करना, खरीदारी को बढ़ावा देना और टैक्स प्रणाली को और तर्कसंगत बनाना है। लेकिन इन नए नियमों को लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं। इस लेख में हम आपको जीएसटी के इन बदलावों को सरल भाषा में समझाएंगे।
1. जीएसटी क्या है?
जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर, भारत में वस्तुओं और सेवाओं पर लगने वाला एक एकीकृत अप्रत्यक्ष कर है। यह पुराने वैट, उत्पाद शुल्क, और सेवा कर जैसे विभिन्न करों को एकीकृत करता है और पूरे देश में एक समान टैक्स प्रणाली लागू करता है।
2. संशोधित जीएसटी दरें कब लागू होंगी?
नई जीएसटी दरें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी। ये दरें जीएसटी काउंसिल की सिफारिशों पर आधारित हैं।
3. 22 सितंबर से जीएसटी में क्या बदलाव होंगे?
दो मुख्य दरें: अब जीएसटी की दो मुख्य दरें होंगी—5% और 18%।
उच्च दर: शराब, तंबाकू जैसे हानिकारक उत्पादों पर 40% टैक्स लगेगा।
लक्ष्य: टैक्स दरों को सरल और स्पष्ट करना, उपभोक्ताओं और व्यवसायों को लाभ देना।
4. क्या पंजीकरण नियमों में बदलाव होगा?
नहीं, जीएसटी पंजीकरण के नियम और सीमा में कोई बदलाव नहीं होगा। केवल टैक्स दरों में संशोधन किया जाएगा।
5. नई दरों की सूचना कैसे मिलेगी?
सरकार आधिकारिक अधिसूचनाओं के माध्यम से नई दरों की घोषणा करेगी। ये अधिसूचनाएं केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) की वेबसाइट पर उपलब्ध होंगी।
6. अगर आपूर्ति पहले हुई और चालान बाद में जारी हुआ, तो कौन सी दर लागू होगी?
आपूर्ति की तारीख के आधार पर टैक्स दर लागू होगी। यदि आपूर्ति और भुगतान दोनों 22 सितंबर से पहले हुए हैं, तो पुरानी दर लागू होगी। अन्यथा, नई दर लागू होगी।
7. अग्रिम भुगतान के मामले में कर दर क्या होगी?
22 सितंबर से पहले: अग्रिम भुगतान पर पुरानी दर लागू होगी।
22 सितंबर या बाद में: अग्रिम भुगतान पर नई दर लागू होगी।
8. क्या ई-वे बिल को रद्द कर फिर से जारी करना होगा?
नहीं, दरों के बदलाव से पहले जारी किए गए ई-वे बिल अपनी वैधता अवधि तक मान्य रहेंगे।
9. पहले से मौजूद स्टॉक पर कौन सी दर लागू होगी?
जीएसटी आपूर्ति के समय लागू होता है। इसलिए, 22 सितंबर 2025 के बाद की आपूर्ति पर नई दर लागू होगी, भले ही स्टॉक पुराना हो।
10. पुरानी खरीद पर मिला इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का क्या होगा?
पहले की खरीद पर मिला आईटीसी वैध रहेगा और उसका उपयोग किया जा सकता है। दरों के बदलाव से पुराना आईटीसी प्रभावित नहीं होगा।
11. अगर अब आपूर्ति पर छूट मिलती है, तो पहले से मिला आईटीसी क्या होगा?
22 सितंबर से छूट वाली आपूर्ति के लिए आईटीसी का उपयोग नहीं होगा और इसे उलटना होगा।
12. इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर के तहत आईटीसी की वापसी संभव होगी?
नहीं, अस्थायी दर बदलाव के कारण इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर के तहत आईटीसी वापसी नहीं मिलेगी। यह केवल स्थायी कर दर अंतर पर लागू होगा।
13. कौन सी जीवन बीमा पॉलिसियां जीएसटी से छूट पाएंगी?
सभी व्यक्तिगत जीवन बीमा पॉलिसियां, जैसे टर्म प्लान, एंडोमेंट, और यूएलआईपी, जीएसटी से छूट प्राप्त करेंगी। इनके पुनर्बीमा पर भी छूट मिलेगी।
14. स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों को क्या छूट मिलेगी?
प्राइवेट स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियां, जैसे फैमिली फ्लोटर और वरिष्ठ नागरिक योजनाएं, जीएसटी से मुक्त रहेंगी। इनके पुनर्बीमा पर भी छूट लागू होगी।
15. बीमा कंपनियों की इनपुट सेवाओं पर क्या नियम होंगे?
पुनर्बीमा सेवाएं: छूट प्राप्त होगी।
कमीशन और ब्रोकरेज: टैक्स लागू होगा, और इन पर आईटीसी का दावा नहीं किया जा सकेगा।
16. यात्री परिवहन सेवाओं पर टैक्स क्या रहेगा?
सड़क मार्ग: 5% टैक्स (बिना आईटीसी) या 18% टैक्स (आईटीसी के साथ)।
हवाई यात्रा: इकोनॉमी क्लास पर 5%, अन्य श्रेणियों पर 18% टैक्स।
17. मल्टीमॉडल माल परिवहन पर लागू दर क्या होगी?
बिना हवाई यात्रा: 5% टैक्स, आईटीसी 5% तक सीमित।
हवाई यात्रा सहित: 18% टैक्स, पूरा आईटीसी उपलब्ध।
18. ई-कॉमर्स ऑपरेटर के माध्यम से स्थानीय डिलीवरी पर टैक्स कौन देगा?
अपंजीकृत सेवा प्रदाता: ई-कॉमर्स ऑपरेटर टैक्स देगा।
पंजीकृत सेवा प्रदाता: स्वयं टैक्स देगा।
19. स्थानीय डिलीवरी सेवाओं पर जीएसटी दर क्या है?
18% टैक्स लागू होगा। पंजीकृत आपूर्तिकर्ता स्वयं टैक्स देगा, अन्यथा ई-कॉमर्स ऑपरेटर जिम्मेदार होगा।
20. क्या ई-कॉमर्स के जरिए दी गई स्थानीय डिलीवरी माल परिवहन एजेंसी (जीटीए) मानी जाएगी?
नहीं, यह माल परिवहन एजेंसी नहीं मानी जाएगी, बल्कि एक अलग सेवा श्रेणी होगी।
21. 22 सितंबर से पहले मौजूद दवाओं के एमआरपी को वापस लेना होगा?
नहीं, स्टॉक वापस लेने की जरूरत नहीं है। बस नई मूल्य सूची जारी कर बाजार में साझा करनी होगी।
22. दवाओं को जीएसटी से पूरी तरह क्यों नहीं छूट दी गई?
पूरी छूट देने पर निर्माता इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं ले पाएंगे, जिससे लागत बढ़ेगी और उपभोक्ताओं पर बोझ पड़ेगा। इसलिए, दवाओं पर रियायती 5% दर रखी गई है।
23. कृषि मशीनरी को पूरी तरह टैक्स मुक्त क्यों नहीं किया गया?
पूरी छूट से निर्माता आईटीसी खो देंगे, जिससे कीमतें बढ़ेंगी। इसलिए, किसानों और उत्पादकों की सुविधा के लिए रियायती टैक्स दर रखी गई है।
24. कच्चे कपास पर जीएसटी क्यों नहीं हटाया गया?
कपास पर रिवर्स चार्ज लागू है, जिससे किसान सीधे टैक्स नहीं देते। यह व्यवस्था उद्योग के आईटीसी को बनाए रखती है और कीमतों को नियंत्रित करती है।
25. जियोटेक्सटाइल और एग्रो टेक्सटाइल पर क्या नियम हैं?
इन्हें कपड़ा माना जाता है, प्लास्टिक नहीं। जीएसटी इनपुट क्रेडिट की वापसी प्रक्रिया को तेज करता है, हालांकि कुछ उलटफेर संभव है।
26. बिना ऑपरेटर वाली लीज या किराए पर क्या टैक्स लगेगा?
वस्तुओं के समान टैक्स दर लागू होगी। उदाहरण: कार पर 18% टैक्स है, तो बिना ड्राइवर के किराए पर भी 18% टैक्स लगेगा।
27. संशोधित जीएसटी दरें आयातित वस्तुओं पर भी लागू होंगी?
हां, 22 सितंबर 2025 से सभी आयातित वस्तुओं पर नई दरें लागू होंगी, सिवाय जिन पर छूट हो।
28. यूएचटी दूध पर छूट है, वनस्पति-आधारित दूध पर क्या टैक्स?
यूएचटी दूध पर छूट है, लेकिन बादाम या सोया दूध जैसे प्लांट-बेस्ड पेय पर 5% टैक्स लागू होगा।
29. फेस पाउडर और शैम्पू पर टैक्स क्यों घटाया गया?
ये रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुएं हैं। टैक्स दरों में कटौती से कर प्रणाली सरल होगी और उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, चाहे उत्पाद लग्जरी हो या सामान्य।
30. नकली जरी (धातुकृत प्लास्टिक फिल्म) पर रिफंड प्रतिबंध क्यों?
जीएसटी परिषद ने नकली जरी पर रिफंड रोकने का फैसला लिया है, जबकि अन्य प्लास्टिक या रबर आधारित कपड़ों पर यह प्रतिबंध नहीं है।
