- भारत,
- 07-Aug-2025 12:40 PM IST
Asim Munir News: वैश्विक मंच पर जहां एक तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ युद्ध के जरिए कई देशों के साथ तनाव बढ़ाया है, वहीं दूसरी तरफ उनका पाकिस्तान के प्रति रुख नरम और दोस्ताना नजर आ रहा है। हाल के घटनाक्रमों में पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर की दो महीने में दूसरी अमेरिका यात्रा और पाकिस्तान को दी गई आर्थिक रियायतें इस बात का स्पष्ट संकेत हैं।
मुनीर की अमेरिका यात्रा
पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर जल्द ही अमेरिका की यात्रा पर जा रहे हैं। उनका यह दौरा यूएस सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के कमांडर जनरल माइकल ई कुरिल्ला के विदाई समारोह में भाग लेने के लिए है, जो फ्लोरिडा के टैम्पा में CENTCOM मुख्यालय में आयोजित होगा। इससे पहले जून 2025 में मुनीर ने अमेरिका का दौरा किया था, जहां उनकी मुलाकात राष्ट्रपति ट्रंप के साथ हुई थी। इसके अलावा, पाकिस्तान वायु सेना प्रमुख जहीर अहमद बाबर सिद्धू ने भी हाल ही में अमेरिका की यात्रा की थी।
कुरिल्ला का पाकिस्तान कनेक्शन
जनरल माइकल ई कुरिल्ला का पाकिस्तान के प्रति विशेष लगाव रहा है। उन्होंने आतंकवाद, खासकर इस्लामिक स्टेट - खुरासान (ISIS-K) के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान की भूमिका की बार-बार प्रशंसा की है। कुरिल्ला ने जुलाई 2025 में पाकिस्तान का दौरा किया था, जिससे दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को और मजबूती मिली। हालांकि, कुरिल्ला का मानना है कि अमेरिका को भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ संतुलित संबंध बनाए रखने चाहिए।
ट्रंप और मुनीर की मुलाकात
जून 2025 में जनरल मुनीर की अमेरिका यात्रा के दौरान उनकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ दो घंटे की मुलाकात हुई थी। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता अन्ना केली के अनुसार, ट्रंप ने मुनीर को इसलिए बुलाया था क्योंकि मुनीर ने भारत-पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध को रोकने के लिए ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार की सिफारिश की थी। यह मुलाकात दोनों देशों के बीच बढ़ते भरोसे को दर्शाती है।
पाकिस्तान के प्रति ट्रंप की उदारता
ट्रंप प्रशासन ने हाल के दिनों में पाकिस्तान के प्रति कई उदार नीतियां अपनाई हैं। अमेरिका ने पाकिस्तान पर लगाए गए टैरिफ को 29% से घटाकर 19% कर दिया है, जो एक बड़ा कदम है। इसके अलावा, अमेरिका और पाकिस्तान के बीच हाल ही में एक तेल समझौता भी हुआ है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से पाकिस्तान को मिली आर्थिक मदद में भी अमेरिका की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। ये सभी कदम ट्रंप प्रशासन के पाकिस्तान के प्रति नरम रुख को दर्शाते हैं।
