भोजपुरी सिनेमा के पावर स्टार पवन सिंह और उनकी पत्नी ज्योति सिंह के बीच विवाद गहराता जा रहा है। लखनऊ में मीडिया से बातचीत में ज्योति सिंह ने पवन सिंह पर कई सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि जब वह 5 तारीख को पवन सिंह से मिलने लखनऊ पहुंचीं, तो उन्हें गार्ड ने रोक दिया और ऊपर जाने नहीं दिया गया और ज्योति ने पवन सिंह के इस दावे को झूठा बताया कि वहां पुलिस पहले से मौजूद थी।
राजनीतिक खींचतान और व्यक्तिगत रिश्ते
ज्योति सिंह ने कहा कि पवन सिंह ने चुनाव लड़ने की बात कही थी, लेकिन अगर वे उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार कर लें तो वह चुनाव नहीं लड़ेंगी और अपने परिवार से भी नाता तोड़ देंगी। उन्होंने इस बात पर भी सवाल उठाया कि जिस पार्टी के लिए पवन सिंह 15 साल से स्टार प्रचारक हैं, वहां से उन्हें खुद का टिकट नहीं मिला, तो वे उन्हें कैसे टिकट दिला सकते हैं।
गर्भपात की दवाओं का आरोप
ज्योति ने पवन सिंह पर सबसे गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने उन्हें लगातार गर्भपात की दवाएं खिलाईं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका मकसद विवाद बढ़ाना नहीं, बल्कि सच्चाई सामने लाना और अपने हक के लिए लड़ना है।
प्रशासनिक दुर्व्यवहार और आर्थिक उपेक्षा
ज्योति ने यह भी बताया कि जब वे पवन सिंह। से मिलने गईं, तो प्रशासन बुलाकर उनके साथ बदतमीजी की गई। पवन सिंह और उनके भाई रितिक सिंह अलग-अलग बातें कर रहे थे। ज्योति ने कहा कि उनसे मिलने की उनकी कई कोशिशें नाकाम रहीं। स्टाफ ने उन्हें कमरे से बाहर कर दिया और उन्हें मेंटेनेंस के नाम पर एक रुपया भी नहीं दिया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें सिर्फ साड़ी खरीदने के लिए पैसे दिए गए थे।
मानसिक स्वास्थ्य पर असर और सुरक्षा की गुहार
इस तनाव के कारण ज्योति ने बताया कि उन्होंने 25 नींद की गोलियां खा ली थीं और उन्हें मुंबई के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया और उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अमित शाह से अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई, यह कहते हुए कि पवन सिंह को सुरक्षा मिली है, लेकिन उनकी सुरक्षा पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। ज्योति ने अंत में कहा कि वे आज भी पवन सिंह के साथ अपना। रिश्ता बचाने के लिए तैयार हैं, बशर्ते वे उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार करें। वहीं, पवन सिंह ने इस मामले पर कहा है कि परिवार की बातें कैमरे पर। नहीं, कमरे में होती हैं और वह हर बार सफाई देने के पक्ष में नहीं हैं।