US Tariff Policy / नई जंग की तैयारी शुरू हुई, US के खिलाफ खड़े हुए 5 देश, हुआ बड़ा ऐलान!

ईरान-इजराइल के बीच जारी जंग के बीच अमेरिका के खिलाफ एक नई जंग की तैयारी शुरू हो गई है। ब्रिक्स के पांच देश—ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका—ने अमेरिकी टैरिफ नीति के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अब ये देश व्यापार में अपनी राष्ट्रीय करेंसी पर जोर देंगे।

US Tariff Policy: जहां एक ओर ईरान और इजराइल के बीच युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है, वहीं दूसरी ओर वैश्विक मंच पर एक नई आर्थिक जंग की आहट सुनाई दे रही है। इस बार लड़ाई बंदूकों या मिसाइलों से नहीं, बल्कि टैरिफ, करेंसी और वर्चस्व के हथियारों से लड़ी जाएगी। अमेरिका की टैरिफ नीति के खिलाफ अब पांच ताकतवर देश खुलकर मैदान में उतर चुके हैं। ये पांचों देश ब्रिक्स समूह के सदस्य हैं – ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका।

अमेरिका के टैरिफ के खिलाफ मोर्चा

इन देशों ने अमेरिकी टैरिफ नीतियों के खिलाफ एक संयुक्त रणनीति तैयार कर ली है। ब्रिक्स नेताओं के जुलाई में रियो डी जेनेरियो में होने वाले शिखर सम्मेलन से पहले ही समूह के राजनयिकों ने संकेत दे दिए हैं कि अब वे व्यापार में अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने की दिशा में कदम बढ़ाएंगे। इनका लक्ष्य है – आपसी व्यापार में राष्ट्रीय मुद्राओं का अधिक उपयोग और अमेरिका की 'डॉलर डिप्लोमेसी' को चुनौती देना।

रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने ब्रिक्स देशों के बीच राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार को मजबूत समर्थन देने की घोषणा की। उन्होंने कहा, “ब्रिक्स कोई समूह विरोधी संगठन नहीं है, बल्कि यह उन देशों के लिए एक मंच है जो संप्रभुता, सम्मान और गैर-हस्तक्षेप पर विश्वास रखते हैं।”

ब्रिक्स करेंसी पर धीमी प्रगति

हालांकि ब्रिक्स के साझा करेंसी पर कोई त्वरित निर्णय आने की संभावना नहीं है। इस दिशा में संरचनात्मक बदलाव और व्यापक सुधारों की जरूरत होगी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही ब्रिक्स को चेतावनी दे चुके हैं कि यदि उन्होंने डॉलर की जगह अपनी कोई करेंसी लाने का प्रयास किया, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।

रियो सम्मेलन: वैश्विक व्यवस्था के बदलाव की ओर कदम

भारत स्थित ब्राजील के दूतावास और सेंटर फॉर ग्लोबल इंडिया इनसाइट्स (CGII) के संयुक्त आयोजन में हुए सम्मेलन में “ब्रिक्स: एक समावेशी और सतत विश्व व्यवस्था का निर्माण” विषय पर चर्चा हुई। इसमें साफ संकेत मिले कि ब्रिक्स देश अब न केवल अमेरिका की आर्थिक नीतियों को चुनौती देना चाहते हैं, बल्कि एक नए बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था की नींव भी रख रहे हैं।

कौन हैं ये पांच देश?

  • ब्राजील: इस वर्ष के ब्रिक्स अध्यक्ष के रूप में रियो सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।

  • रूस: डॉलर वर्चस्व को समाप्त करने के लिए सबसे मुखर आवाज।

  • भारत: संतुलित रणनीति के साथ ग्लोबल साउथ की आवाज बन रहा है।

  • चीन: अमेरिकी प्रभाव को कमजोर करने के लिए तैयार।

  • दक्षिण अफ्रीका: अफ्रीका में ब्रिक्स की पकड़ मजबूत करने वाला अहम सदस्य।