Maratha Protest / मराठा आरक्षण को लेकर पुणे-मुंबई हाईवे जाम, प्रदर्शन जारी- सरकार ने बैठक बुलाई

Zoom News : Oct 31, 2023, 06:25 PM
Maratha Protest: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर शुरू हुआ आंदोलन हिंसक हो गया है। यह राज्य के मराठवाड़ा इलाके के 8 जिलों में फैल गया है। इनके अलावा पुणे, अहमदनगर में भी प्रदर्शन हो रहे हैं। मुंबई-पुणे एक्सप्रेस पर 6 किमी जाम लग गया। इन शहरों में आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं। बीड और माजलगांव के बाद मंगलवार को जालना के पंचायत बॉडी ऑफिस में आग लगा दी गई। इसके पहले ​​​​​​उमरगा कस्बे के नजदीक तुरोरी गांव में भी सोमवार देर रात आगजनी हुई। तुरोरी में प्रदर्शनकारियों ने कर्नाटक डिपो की एक बस में आग लगा दी थी। राज्य सरकार ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

उधर, इस आंदोलन से सबसे ज्यादा प्रभावित बीड शहर के बाद उस्मानाबाद में भी प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया है। बीड में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। वहीं, जालना शहर में भी पिछले 12 घंटों में तीन लोगों ने सुसाइड करने की कोशिश की। यहां भी पिछले 13 दिनों से प्रदर्शन जारी है।

सूत्रों के मुताबिक, शिंदे सरकार विधानसभा का स्पेशल सेशन बुलाने पर विचार कर रही है। इसके लिए कैबिनेट मीटिंग हो सकती है। इसमें मराठाओं को आरक्षण देने के लिए अध्यादेश लाया जा सकता है।

मराठा आंदोलन से जुड़े आज के बड़े अपडेट्स

आंदोलन के नेता मनोज जारंगे ने कहा कि आधा नहीं, पूरा आरक्षण लेंगे। कोई भी ताकत आ जाए, महाराष्ट्र के मराठा नहीं रुकेंगे। विधायकों, सांसदों को आरक्षण मिलने तक मुंबई में रहना चाहिए।

CM एकनाथ शिंदे ने कहा कहा कि मराठा समाज बहुत ही शांतिप्रिय तरीके से आंदोलन करता है, कौन भड़काने का काम कर रहा है, आगजनी कर रहा है इसपर सरकार का ध्यान है।

मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने मनोज जरांगे पाटिल को लेटर लिखकर अनशन छोड़ने की बात कही। उन्होंने कहा कि आप जिस मांग के लिए अनशन कर रहे हैं, राजनेताओं को उससे कोई लेना देना हैं।

डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार 11 बजे राज्यपाल रमेश बैस से राजभवन में मुलाकात की। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार रात राज भवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की थी।

फडणवीस ने कहा कि कल बीड़ जिले में जो घटना हुई है, उसका समर्थन नहीं किया जा सकता। OBC नेताओं को धमकी देने वालों पर करवाई का आदेश दिया गया है। पुलिस 307 के तहत केस दर्ज कर रही है। हम मराठा आरक्षण को लेकर गंभीर हैं। कुछ निर्णय कैबिनेट में हुआ है। हम सुप्रीम कोर्ट में भी पक्ष मजबूती से रखेंगे ,लेकिन हिंसा बर्दास्त नहीं की जाएगी ।

बीड कलेक्टर दीपा मुधोल-मुंडेने कहा कि सोमवार देर रात हालात ठीक नहीं थे, लेकिन अब स्थिति नियंत्रण में हैं। सभी दुकानें और मार्केट बंद हैं।

उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को मुंबई में कहा कि मराठा आरक्षण पर अभी तक कोई तोड़ नही निकाला जा सका है। आरक्षण पर रास्ता निकालिए, हम आपके साथ हैं। जरूरत पड़े तो संसद का विशेष अधिवेशन बुलाइए।

1.आंदोलन क्यों हो रहा है?

पिछले 4 दशक से महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग कर रहे हैं। राज्य सरकार ने ओबीसी के तहत मराठाओं को 2018 में 16% आरक्षण दिया था। इससे राज्य में कुल आरक्षण 50% की सीमा को पार कर गया। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने मई 2021 में मराठा आरक्षण रद्द कर दिया था।

इसके बाद मराठा नेताओं ने मांग की कि उनके समुदाय को ‘कुनबी’ जाति के प्रमाणपत्र दिए जाएं। मौजूदा सरकार ने मराठा समुदाय के कुछ लोगों को कुनबी प्रमाणपत्र देने का फैसला कर लिया है। मंगलवार को शिंदे सरकार 11 हजार कुनबी सर्टिफिकेट दे सकती है।

मुख्यमंत्री शिंदे ने सितंबर में घोषणा की कि कैबिनेट ने मराठवाड़ा के मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने का संकल्प लिया है। इसके लिए गठित पैनल ने दो महीने का समय मांगा। शिंदे की समय समय सीमा 24 अक्टूबर को पूरी हो गई। जारांगे पाटिल ने 14 अक्टूबर को जालना जिले में एक विशाल रैली में कहा कि 24 अक्टूबर के बाद या तो मेरा अंतिम संस्कार जुलूस होगा या समुदाय की जीत का जश्न होगा। इसके बाद से ही प्रदर्शन शुरू हो गए।

2. कुनबी समुदाय ही क्यों?

कुनबी खेती-बाड़ी से जुड़ा समुदाय है। इसे महाराष्ट्र में OBC कैटेगरी में रखा गया है। इन्हें सरकारी नौकरियों से लेकर शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण मिलता है। दावा है कि सितंबर 1948 तक निजाम का शासन खत्म होने तक मराठाओं को कुनबी माना जाता था और ये OBC थे। इसलिए इन्हें कुनबी जाति का दर्जा देकर OBC में शामिल किया जाए।

मराठा आरक्षण की मांग को लेकर अनशन पर बैठे मनोज जरांगे का कहना है कि जब तक मराठियों को कुनबी जाति का सर्टिफिकेट नहीं दिया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

3. किस इलाके में आंदोलन हो रहा है?

मराठवाड़ा इलाके के 8 जिले- छत्रपति संभाजी नगर (औरंगाबाद), जालना, बीड, धाराशिव (उस्मानाबाद), लातूर, परभणी, हिंगोली और नांदेड़ हैं। इस बार जालना और बीड सेंटर है।

4. अब तक कितना नुकसान हुआ?

राज्य में दो दिन से हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। आंदोलनकारियों ने सोमवार को NCP के 2 विधायकों के घरों में आग लगा दी। सुबह करीब 11 बजे बीड जिले के माजलगांव से एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके के बंगले में घुसकर पथराव किया और आग लगा दी। उस समय विधायक, परिवार और स्टाफ बंगले में ही थे।

दोपहर बाद बीड में ही एनसीपी के एक और विधायक संदीप क्षीरसागर का घर जला दिया। प्रकाश सोलंके अजीत पवार गुट के हैं, वहीं क्षीरसागर शरद पवार गुट के हैं। आंदोलनकारियों ने बीड में ही नगर परिषद भवन और एनसीपी दफ्तर में भी आग लगाई है।

राज्य परिवहन निगम की 13 बसों में तोड़फोड़ की गई है। इसके चलते 250 में से 30 डिपो बंद करने पड़े हैं। पथराव के बाद पुणे-बीड बस सेवा बंद कर दी गई है। सोमवार रात को करीब एक हजार लोग बीड डिपो में घुस गए और 60 से ज्यादा बसों में तोड़फोड़ की।

​​​​​​अब 121 साल पहले की बात, जब पड़ी मराठा आरक्षण की नींव

26 जुलाई 1902। छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और कोल्हापुर के महाराजा छत्रपति शाहूजी ने एक फरमान जारी किया। इसमें कहा गया कि उनके राज्य में जो भी सरकारी पद खाली हैं, उनमें 50% आरक्षण मराठा, कुनबी और अन्य पिछड़े समूहों को दिया जाए।

यह एक ऐसा फैसला था जिसने आगे चलकर आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था करने की राह दिखाई। मराठा समुदाय भी इसे ही अपनी मांग का आधार बताता है। 1942 से 1952 तक बॉम्बे सरकार के दौरान भी मराठा समुदाय को 10 साल तक आरक्षण मिला था। इसके बाद मामला ठंडा पड़ गया।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER