- भारत,
- 06-Aug-2025 03:25 PM IST
India-US Tariff War: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की धमकियों के सामने मोदी खड़े नहीं हो पा रहे हैं। इसका कारण अडाणी समूह के खिलाफ अमेरिका में चल रही जांच है, जिसने मोदी के हाथ बांध दिए हैं। राहुल ने दावा किया कि मोदी का अडाणी और अंबानी (AA) के साथ संबंध अब जगजाहिर हो चुका है।
पिछले साल अमेरिका में अडाणी समेत 8 लोगों पर अरबों रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगा था। अमेरिकी अटॉर्नी ऑफिस के अनुसार, अडाणी की कंपनी ने भारत में रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स गलत तरीके से हासिल किए। इसके लिए सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी गई। इस मामले की जांच अभी जारी है, जिसने भारत-अमेरिका संबंधों पर सवाल खड़े किए हैं।
ट्रम्प के दावों पर राहुल का वार
राहुल गांधी ने ट्रम्प के हालिया बयानों का हवाला देते हुए मोदी सरकार को घेरा। उन्होंने दो प्रमुख मुद्दों पर सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए:
31 जुलाई: भारतीय अर्थव्यवस्था पर राहुल का बयान
राहुल ने ट्रम्प के भारतीय अर्थव्यवस्था को "मृत अर्थव्यवस्था" (Dead Economy) कहने पर तंज कसा। उन्होंने कहा, "मुझे खुशी है कि ट्रम्प ने सच बोला। पूरी दुनिया जानती है कि भाजपा ने अडाणी की मदद के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया।" राहुल ने आगे कहा कि मोदी और वित्त मंत्री को छोड़कर सभी जानते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था मृतप्राय है।
28 जुलाई: ऑपरेशन सिंदूर पर बहस
लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान राहुल ने कहा, "ट्रम्प ने 29 बार दावा किया कि उन्होंने युद्ध रुकवाया। अगर पीएम मोदी में हिम्मत है, तो वह सदन में कहें कि ट्रम्प झूठ बोल रहे हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि अगर मोदी में इंदिरा गांधी की तरह 50% भी हिम्मत है, तो वह साफ करें कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत का एक भी फाइटर जेट नहीं गिरा। राहुल ने आरोप लगाया कि मोदी अपनी छवि बचाने के लिए सशस्त्र बलों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं, जो देश के लिए खतरनाक है।
ट्रम्प का टैरिफ का दबाव
ट्रम्प ने 5 अगस्त को कहा था कि वह 24 घंटे में भारत पर भारी टैरिफ लगाएंगे। इससे पहले 30 जुलाई को उन्होंने भारत पर 25% टैरिफ की घोषणा की थी। ट्रम्प का आरोप है कि भारत रूस के साथ व्यापार करके यूक्रेन के खिलाफ रूसी युद्ध मशीन को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर उसे खुले बाजार में बेच रहा है, जिससे यूक्रेन में हो रहे नरसंहार की उसे परवाह नहीं है।
भारत-रूस तेल व्यापार
यूक्रेन युद्ध से पहले भारत रूस से केवल 0.2% (68 हजार बैरल प्रतिदिन) तेल आयात करता था। मई 2023 तक यह बढ़कर 45% (20 लाख बैरल प्रतिदिन) हो गया। 2025 में जनवरी से जुलाई तक भारत ने प्रतिदिन 17.8 लाख बैरल रूसी तेल खरीदा। पिछले दो साल में भारत ने हर साल 130 अरब डॉलर (11.33 लाख करोड़ रुपये) से अधिक का रूसी तेल आयात किया है।
