राजस्थान शिक्षा विभाग ने शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने और संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस वर्ष 449 स्कूलों के सफल विलय के बाद, विभाग ने अगले शैक्षणिक वर्ष में 312 और स्कूलों को नजदीकी विद्यालयों में विलय करने की तैयारी कर ली है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता में इस योजना का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया, जिसमें कम नामांकन वाले स्कूलों को लक्षित किया गया है।
कम नामांकन वाले स्कूलों का विलय
मंत्री दिलावर ने बताया कि इस विलय प्रक्रिया के तहत 155 उच्च माध्यमिक विद्यालयों की पहचान की गई है, जहाँ विद्यार्थियों की संख्या 25 से कम है। इसके अतिरिक्त, 157 प्राथमिक विद्यालयों को भी विलय किया जाएगा, जिनमें 5 या उससे कम विद्यार्थी हैं, या कुछ मामलों में तो शून्य नामांकन है और यह निर्णय दो वर्षों के लगातार प्रयासों के बाद लिया गया है, क्योंकि इन स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के सभी प्रयास विफल रहे और विद्यार्थियों की संख्या में कोई खास वृद्धि नहीं हुई। इन स्कूलों का विलय मुख्य रूप से उन क्षेत्रों में किया जा रहा है जहाँ पहले से ही कई सरकारी स्कूल संचालित हैं, जिसके कारण विद्यार्थी अक्सर पास के अन्य स्कूलों में जाना पसंद करते हैं।
विद्यार्थियों की सुविधा का ध्यान
शिक्षा विभाग यह सुनिश्चित कर रहा है कि विलय की प्रक्रिया में विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और मंत्री ने स्पष्ट किया कि इन 312 स्कूलों को उनके सबसे नजदीकी सरकारी स्कूलों में ही मिलाया जाएगा। इस कदम का मुख्य उद्देश्य यह है कि विद्यार्थियों को अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए अधिक दूरी तय न करनी पड़े। उचित स्कूलों की पहचान के लिए एक व्यापक सर्वेक्षण जारी है, और। यह प्रक्रिया अगले वर्ष की शुरुआत तक पूरी होने की उम्मीद है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि विलय के बाद भी विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
शिक्षकों का स्थानांतरण और स्टाफिंग पैटर्न
स्कूलों के विलय के साथ-साथ, शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों के। स्थानांतरण और स्टाफिंग पैटर्न प्रक्रिया शुरू करने की भी घोषणा की। विभाग 18,157 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों और विद्यार्थियों के अनुपात को संतुलित करने के लिए एक विस्तृत योजना पर काम करेगा और दिलावर ने बताया कि एक सर्वेक्षण के माध्यम से शिक्षकों की वास्तविक आवश्यकता का आकलन किया जाएगा। जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, वहाँ नई नियुक्तियाँ की जाएंगी या शिक्षकों का स्थानांतरण किया जाएगा। वहीं, जिन स्कूलों में आवश्यकता से अधिक शिक्षक हैं, उन्हें ऐसे स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा जहाँ शिक्षकों की संख्या कम है। इस प्रक्रिया से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और शिक्षकों का उचित वितरण सुनिश्चित होगा।
कंप्यूटर विज्ञान पाठ्यक्रम की शुरुआत
शिक्षा के आधुनिकीकरण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, मंत्री दिलावर ने घोषणा की कि जिन स्कूलों में स्टाफिंग प्रक्रिया की जाएगी, वहाँ एक मूल कंप्यूटर प्रशिक्षक नियुक्त किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य कंप्यूटर विज्ञान पाठ्यक्रम को सुचारू रूप से चलाना है, जिससे विद्यार्थी डिजिटल साक्षरता प्राप्त कर सकें। ये कंप्यूटर प्रशिक्षक न केवल छात्रों को कंप्यूटर विज्ञान पढ़ाएंगे, बल्कि स्कूल से संबंधित सभी ऑनलाइन या डिजिटल कार्यों को भी संभालेंगे। यह कदम राजस्थान के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीक। से जोड़ने में सहायक होगा और उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करेगा। यह पहल राज्य में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।