राजस्थान / दिल्ली में कांग्रेस सरकार पर गरजे बीजेपी नेता, पूनिया बोले- सीएम गहलोत प्रदेश का बिगाड़ रहे माहौल

Zoom News : Apr 08, 2022, 10:24 PM
राजस्थान के करौली जिले में पिछले हफ्ते उपजी हिंसा, उपद्रव और तनाव के शांत होने के बाद सियासी तलवारें खिंच गई है. करौली में 2 अप्रैल को हिन्दू नववर्ष पर निकली गई रैली के दौरान हुई हिंसा और सांप्रदायिक तनाव को लेकर राजनीतिक बयानबाजी और तेज हो गई है. इस मामले को लेकर सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और रामलाल शर्मा, वासुदेव देवनानी ने दिल्ली बीजेपी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा.


सीएम से इस्तीफे की मांग पर बीजेपी नेता बोले- जनता तय करेगी

राजस्थान को अशोक गहलोत ने जला कर राख कर दिया है. पिछले 3 वर्षों में करीब 7 लाख FIR राजस्थान में दर्ज हुई हैं.इसमें मॉब लिंचिंग के मामले, सांप्रदायिक हिंसा समेत कई वारदात शामिल हैं. खास तौर पर महिलाओं से दुष्कर्म के मामले एक साल में ही 6,337 सामने आए हैं. करौली घटना के मामले में बीजेपी नेताओं से जब यह सवाल किया गया कि क्या आप मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराते हुए इस्तीफा मांगेंगे जवाब में राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि इसका हिसाब जनता करेगी.


सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि राजस्थान जल रहा है और तुष्टिकरण की राजनीति चरम पर है.हिंदू आतंकवादी शब्द का नाम देने वाली कांग्रेस पार्टी, जहां-जहां हिंदुओं की धर्म जुलूस निकाले जा रहे वहां धारा 144 लगाई जा रही है.


प्रदेश में शांति भंग करने के लिए सीएम गहलोत जिम्मेदार- बीजेपी

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है. ऐसी अराजक सरकार मैंने पहले कभी नहीं देखी.राजस्थान में चौपट कानून व्यवस्था से पर्यटन भी प्रभावित हो गया है. सरकार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को खुश करने का काम कर रही है. प्रदेश में भय और खौफ का माहौल है.लोग भय में जी रहे हैं. प्रदेश में कोई भी सुरक्षित नहीं है.उन्होंने कहा कि करौली में भड़काऊ नारे लगाए गए. बीकानेर में जुलूस पर रोक लगाई गई. प्रदेश में अल्पसंख्यक लोग त्योहार मनाने से डर रहे हैं. जिस राजाराम की तलाश कर रही पुलिस, उससे कांग्रेस कमेटी के सदस्य रफीक खान ने फोन पर बात की.सतीश पूनिया ने कहा कि प्रियंका गांधी कहती थीं की लड़की हूं लड़ सकती हूं, लेकिन आज राजस्थान में महिलाएं सुरक्षित नहीं है. आज बहुसंख्या खुलकर त्योहार मनाने में भी डरते हैं.


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