Rajasthan Politics / राजस्थान के कैबिनेट विस्तार में 2024 की झलक- 12 OBC चेहरे, दिग्गजों पर दांव

Zoom News : Dec 30, 2023, 07:15 PM
Rajasthan Politics: राजस्थान में भजनलाल शर्मा के कैबिनेट का विस्तार हो गया है. भजनलाल मंत्रिमंडल में कुल 22 नए मंत्रियों को शामिल किया गया है. मंत्रिमंडल में 12 कैबिनेट मंत्री, 5 विधायकों को राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और 5 राज्य मंत्री बनाया गया है. इसी के साथ राजस्थान में कुल मंत्रियों की संख्या 25 हो गई है, इसमें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उनको दो डिप्टी दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा पहले ही मंत्री पद की शपथ ले चुके थे. भजनलाल मंत्रिमंडल में आगामी चुनाव की तैयारियों की झलक भी देखने को मिली है. मंत्रिमंडल में जातीय समीकरण साधने का पूरा प्रयास किया गया है.

मंत्रिमंडल में 12 ओबीसी चेहरों के साथ-साथ अनुसूचित जनजाति के 3 विधायकों को मंत्री बनाया गया है, जबकि अनुसूचित जाति से आने वाले दो विधायकों को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. सामान्य कैटेगरी से चार और गुर्जर समाज से भी एक विधायकों को मंत्री बनाया गया है. श्रीकरणपुर सीट से विधायक सुरेंद्र पाल सिंह को भी राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया है जो कि सिख समुदाय से आते हैं.

मंत्रिमंडल में 12 ओबीसी चेहरों को जगह

मंत्रिमंडल में शामिल 12 ओबीसी मंत्रियों में 6 नेताओं को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. इनमें जोगाराम पटेल, सुरेश सिंह रावत, अविनाश गहलोत, जोराराम कुमावत, कन्हैया लाल चौधरी और सुमित गोदारा का नाम शामिल है. ओबीसी से आने वाले दो विधायकों झाबर सिंह खर्रा और हीरालाल नागर को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है. मोस्ट बैकवर्ड क्लास गुर्जर समुदाय से आने वाले जवाहर सिंह बेढम को भी राज्य मंत्री बनाया गया है.

आम चुनाव की झलक

भजनलाल कैबिनेट विस्तार में आम चुनाव की झलक इसलिए देखने को मिली है क्योंकि राजस्थान में ओबीसी वोटरों की संख्या करीब 55 फीसदी है. राज्य की करीब-करीब हर सीट पर ओबीसी वोटरों का प्रभाव माना जाता है. ऐसे में भजनलाल शर्मा कैबिनेट में बीजेपी की ओर से ओबीसी वर्ग के वोटरों को साधने की पूरी कोशिश की गई है. विधानसभा चुनाव के दौरान भी ओबीसी आरक्षण का मुद्दा भी उठा था. आम चुनाव से ठीक पहले बीजेपी ने ओबीसी विधायकों को मंत्री बनाकर विरोधियों को साफ संदेश भी दे दिया है.

114 सीटों पर मिली है बीजेपी को जीत

राजस्थान की 200 में से 199 सीटों के लिए 25 नवंबर को वोट डाले गए थे. चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को सामने आए. इसमें बीजेपी ने 114 सीटों पर जीत दर्ज करते हुए सत्ता में वापसी की. वहीं, कांग्रेस पार्ट को 69 सीटों पर संतोष करना पड़ा, बहुजन समाजवादी पार्टी दो सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही. बीजेपी की बंपर जीत के बाद पार्टी ने 15 दिसंबर को भजनलाल शर्मा को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाया.

भजनलाल खुद ब्राह्मण समुदाय से आते हैं

बीजेपी ने राजस्थान में गुर्जरों और राजपूतों को साधने का प्रयास किया है. यही वजह है कि बीजेपी हाईकमान ने भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया है. भजनलाल जो कि ब्राह्मण समुदाय से आते हैं. ब्राह्मण समुदाय के किसी नेता को मुख्यमंत्री बनाए जाने के पीछे बीजेपी की रणनीति यह थी कि इससे न तो गुर्जर नाराज होंगे और नहीं राजपूत और मीणा वोटर. दो डिप्टी सीएम की बात है तो दीया कुमारी राजपूत समाज से आती हैं जबकि प्रेमचंद बैरवा दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. कुल मिलाकर बीजेपी ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तरह राजस्थान में भी ओबीसी के साथ-साथ बाकी समुदाय के वोटरों को साधने का भरपूर कोशिश की है.

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