Rajendra Rathore / राजेंद्र राठौड़ के 'राजनीति में सांप डसने' वाले बयान पर गजेंद्र शेखावत का पलटवार: 'कर्मों का फल'

राजेंद्र राठौड़ के "राजनीति में सांप डसने" वाले बयान पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने रोचक प्रतिक्रिया दी है। शेखावत ने कहा कि हार-जीत व्यक्ति के कर्मों का फल होता है। उन्होंने इन टिप्पणियों को सहजता से लेने की बात कही और उन्हें राजनैतिक रंग न देने की सलाह दी।

बीजेपी के पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के राजनीति को 'सांप सीढ़ी का खेल' बताने और चुनाव में हार को 'सांप का डसना' कहने वाले बयान पर अब केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और शेखावत ने इसे 'कर्मों का फल' बताया है। यह बयानबाजी रविवार, 12 अक्टूबर को बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष सतीश पूनिया की पुस्तक 'अग्निपथ नहीं जनपथ' के विमोचन के अवसर पर शुरू हुई थी, जब राठौड़ ने कहा था कि उन्हें और पूनिया को राजनीति में सांप ने डस लिया।

चुनाव में हार पर 'सांप का डसने' की टिप्पणी

दरअसल, गत विधानसभा चुनाव में राजेंद्र राठौड़ और सतीश पूनिया दोनों को हार का सामना करना पड़ा था। इसी पर टिप्पणी करते हुए राठौड़ ने कहा कि राजनीति के 'सांप सीढ़ी' के खेल में वे काफी आगे थे लेकिन सांप के डसने से नीचे आ गए। राठौड़ की इस टिप्पणी के बाद बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने भी मजाक में तंज कस दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें भी शायद दो बार राजेंद्र राठौड़ और सतीश पूनिया ने डस लिया होगा, क्योंकि उन्हें वर्ष 2013 और 2023 में भाजपा का टिकट नहीं मिला था। सोमवार को बीकानेर में मीडिया से बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से जब पूछा। गया कि क्या उन्हें भी कभी राजनीति के सांप ने डसा है, तो उन्होंने रोचक जवाब दिया। शेखावत ने कहा, 'राजनीति ही नहीं बल्कि पूरे जीवन में व्यक्ति क्या अपेक्षा करता है और उसे क्या मिलता है, उसमें आपके कर्मों का फल बहुत बड़ा योगदान करता है। ' उन्होंने राठौड़ और मदन राठौड़ की टिप्पणियों का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसी टिप्पणियों को सहजता से लेना चाहिए और उनमें राजनीतिक रंग नहीं डालना चाहिए।