Gold Price Today / सोने की बढ़ती कीमतों ने लोगों की बढ़ाई मुश्किले, शादियों के सीजन के बाद भी 80% तक घटी मांग

बाजार में गिरावट के बीच सोने के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। बीते महीने में 6% से अधिक बढ़ोतरी हुई, जिससे ज्वेलरी की मांग 80% तक गिर गई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रॉफिट बुकिंग से मामूली गिरावट आई, लेकिन भारत में कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर हैं, जिससे ग्राहक खरीदारी से बच रहे हैं।

Gold Price Today: हाल के दिनों में सोने की कीमतों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है, जिससे आम जनता और ज्वेलरी उद्योग पर गहरा प्रभाव पड़ा है। वैश्विक बाजार में जारी अस्थिरता और आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण सोने की कीमतों में यह उछाल आया है। बीते एक महीने में सोने की कीमतों में 6 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोने की 10 ग्राम की कीमत 459 रुपए बढ़कर 85,146 रुपए हो गई है। चांदी भी इसी रुझान का अनुसरण कर रही है और 46 रुपए बढ़कर 95,632 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई है।

महंगाई का असर: ग्राहकों की मांग घटी

सोने की बढ़ती कीमतों के कारण आभूषण बाजार में मांग में भारी गिरावट देखी गई है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के अनुसार, ज्वेलरी उद्योग में बिक्री लगभग 80 फीसदी तक घट गई है। शादी के मौसम के बावजूद ग्राहक महंगे दामों के कारण सोना खरीदने से परहेज कर रहे हैं। स्थिति को संभालने के लिए चीन के डीलर्स ने अपने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए छूट की पेशकश शुरू कर दी है। हालांकि, भारतीय बाजार में ऐसी कोई प्रवृत्ति अभी देखने को नहीं मिल रही है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार का असर

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी है। प्रॉफिट बुकिंग के कारण हाल ही में सोने की कीमतों में 1% से अधिक की गिरावट आई थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ बढ़ाने के दबाव और वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंकाओं ने सोने की कीमतों को प्रभावित किया है। हाजिर सोना 1.5% गिरकर 2,883.80 डॉलर प्रति औंस पर आ गया, हालांकि यह साप्ताहिक स्तर पर 0.7% की बढ़त बनाए रखने में सफल रहा।

ग्राहकों की दुविधा

बढ़ती कीमतों के बीच ग्राहक खरीदारी करने को लेकर असमंजस में हैं। ज्वेलर्स के अनुसार, कई ग्राहक शादी और अन्य अवसरों के लिए सोना खरीदना चाहते हैं, लेकिन ऊंची कीमतों के कारण वे फिलहाल रुके हुए हैं। वे लगातार यह पूछ रहे हैं कि सोने के दाम कब गिरेंगे और खरीदारी के लिए सही समय क्या होगा।

भारत में सोने की खपत और व्यापार घाटा

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, 2024 में भारत की ज्वेलरी खपत 563.4 मीट्रिक टन थी, जो चीन की 511.4 मीट्रिक टन खपत से अधिक थी। इस साल महज 45 दिनों में ही सोने की कीमतों में 10% से ज्यादा की वृद्धि देखी गई है। इसके चलते भारत का व्यापार घाटा भी प्रभावित हुआ है। जनवरी 2024 में देश का ट्रेड लॉस 20.88 अरब डॉलर रहा, जो दिसंबर 2024 में 21.94 अरब डॉलर था।

गिरावट के संभावित कारण

वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और बढ़ती महंगाई के चलते सोने की कीमतों में उछाल आया है। हालांकि, त्योहारी और शादी के सीजन के खत्म होने के साथ मांग में मामूली गिरावट देखी जा रही है। कीमतों के अधिक बढ़ने से ग्राहक खरीदारी से बच रहे हैं, जिससे व्यापार घाटे में भी कमी आने की संभावना जताई जा रही है।

निष्कर्ष

सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी ने आम जनता और ज्वेलरी व्यवसायियों के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। निवेशकों के लिए यह एक अच्छा अवसर हो सकता है, लेकिन आम ग्राहकों के लिए महंगा सोना परेशानी का कारण बन रहा है। आने वाले दिनों में कीमतों में और उछाल या गिरावट वैश्विक आर्थिक स्थिति और बाजार की मांग पर निर्भर करेगी।