श्रद्धांजलि / नारी सशक्तिकरण का अद्भुत उदाहरण रही हैं स्व. महेन्द्रा कुमारी

Zoom News : Jun 28, 2020, 04:48 PM
जयपुर | राजस्थान के श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने कहा है कि अलवर की पूर्व सांसद स्व. श्रीमती महेन्द्रा कुमारी नारी सशक्तीकरण का अद्भुत उदाहरण रही हैं। श्रम, कारखाना एवं बॉयलर्स निरीक्षण विभाग राज्य मंत्री जूली ने पूर्व सांसद स्वर्गीय महेन्द्रा कुमारी की पुण्यतिथि पर मूसी महारानी की छतरी के पास स्थित उनके समाधी स्थल पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

श्रम राज्य मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि पूर्व सांसद स्व. महेन्द्रा कुमारी नारी सशक्तिकरण का अद्भुत उदाहरण रही हैं। जहां एक ओर उन्होंने राजनीति के माध्यम से अलवर का विकास किया, वहीं अन्तर्राष्ट्रीय खेल प्रतिस्पर्धाओं में विजयी होकर देश का गौरव बढ़ाया। आज उनके पुत्र भंंवर जितेन्द्र सिंह उसी राह पर आगे बढ़कर अलवर के विकास की कहानी लिख रहे हैं। 

एम्बुलेंस भेंट की

इस मौके पर श्रम राज्य मंत्री जूली ने राजीव गांधी सामान्य चिकित्सालय को विधायक निधि कोष से खरीदी गई एम्बुलेंस भेंट की। उन्होंने एम्बुलेंस को सामान्य चिकित्सालय परिसर से हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है जिसके तहत मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने लगभग एक वर्ष पूर्व ही निरोगी राजस्थान का संकल्प लिया था। उन्होंने कहा कि निःशुल्क दवा एवं निःशुल्क जांच योजना को पूरे देशभर में एक मॉडल के रूप में लिया गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम में राजस्थान में अभूतपूर्व कदम उठाए गए हैं जिसके परिणामस्वरूप राजस्थान में कोरोना संक्रमण नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि सामान्य चिकित्सालय में पूर्व में भी विधायक कोष से राशि प्रदान की गई है और भविष्य में भी आवश्यकता के अनुरूप राशि उपलब्ध कराई जाएगी। 

वाटर कूलर का लोकार्पण

श्रम राज्य मंत्री ने पूर्व सांसद स्व. महेन्द्रा कुमारी की पुण्यतिथि पर उनकी याद स्वरूप मोती डूंगरी स्थित अपने कार्यालय पर आरओ वाटर कूलर का लोकार्पण किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि जिले के दूरदराज के क्षेत्रों से व्यक्ति अपनी समस्या लेकर यहां आते हैं। इस आरओ वाटर कूलर से उन्हें शुद्ध एवं स्वच्छ पेयजल उपलब्ध होगा। 

जापानी कम्पनी ने मुख्यमंत्री राहत कोष में राशि भेंट किए

श्रम राज्य मंत्री जूली को नीमराना की जापानी जोन स्थित निसीन ब्रेक इंडिया प्रा. लि. की प्रबंधन टीम द्वारा कोविड-19 मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 4 लाख 32 हजार की राशि का चेक भेंट किया। साथ ही कम्पनी ने जिले में कोरोना वॉरियर्स के लिए एक हजार पीपीई किट, 30 हजार मास्क, 500 की संख्या में आधे लीटर मात्रा के हैण्ड सैनेटाइजर तथा पांच सौ एन-95 मास्क उपलब्ध कराए। श्रम राज्य मंत्री ने कम्पनी प्रबंधन का आभार जताते हुए कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 की रोकथाम में जिस प्रकार जापानी कम्पनी द्वारा सीएसआर के तहत मुख्यमंत्री राहत कोष में राशि उपलब्ध कराई गई है। यह सर्वजन हिताय की जापानी संस्कृति को दर्शाता है। जापानी प्रबंधन के सदस्यों ने कहा कि इस वैश्विक महामारी से एकजुटता के साथ ही लड़ा जा सकता है। 

स्वास्थ्य जागरूकता पोस्टर का विमोचन

श्रम राज्य मंत्री ने आयुर्वेद विभाग की ओर से जारी किए गए स्वास्थ्य जागरूकता संबंधी संदेश देने वाले पोस्टर का विमोचन मोती डूंगरी स्थित अपने कार्यालय में किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आयुर्वेद हमारी सदियों पुरानी श्रेष्ठ उपचार पद्धति है। आयुर्वेद में सहज एवं कम खर्चे में उपचार की सुविधा उपलब्ध है। इस अवसर पर सहायक निदेशक डॉ. महिपाल सिंह चौहान व डॉ. पवन सिंह शेखावत ने रोगों के बचाव के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बीमारियों से बचाव के लिए अमृत धारा वटी का वितरण किया। इस अवसर पर नगर परिषद सभापति श्रीमती बीना गुप्ता, पूर्व विधायक राजेन्द्र गंडूरा सहित अनेक प्रबुद्धजन उपस्थित थे।

बीजेपी से लोकसभा सांसद बनी थीं

महेन्द्रा कुमारी भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में राजस्थान में अलवर से लोकसभा के लिए चुनी गयी। उनका जन्म 1942 में बूंदी में एक शाही परिवार में हुआ था और ग्वालियर के सिंधिया गर्ल्स कॉलेज में उनकी शिक्षा हुई। वह अलवर के शासक प्रताप सिंह की पत्नी थीं। महेन्द्रा कुमारी 1991 से 1996 तक राजस्थान के अलवर संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए दसवीं लोकसभा की सदस्य थी। महेन्द्रा कुमारी 1993 से 1996 तक विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और वन पर समिति के सदस्य और 1993 से 1 995 तक हाउस कमेटी में सदस्य बनीं।

खेल से राजनीति तक

महेन्द्रा कुमारी महिलाओं की पिस्टल शूटिंग की एक पूर्व चैंपियन थी और टेनिस, तैराकी और सवारी में विशेष रुचि थी। एक व्यापक रूप से यात्रा करने वाली, महेंद्र कुमारी 1995 में बीजिंग, चीन में महिलाओं की चौथी विश्व सम्मेलन के भारतीय संसदीय समूह के सदस्य थीं। 27 जून 2002 को नई दिल्ली में 60 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। उनके पुत्र भंवर जितेन्द्रसिंह मनमोहन सरकार में मंत्री रहे हैं और कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार होते हैं।

वन्यजीवों से विशेष लगा  रहा

अलवर रियासत की युवरानी रही महेंद्र कुमारी का जीवनभर वन्यजीवों से विशेष प्रेम रहा। उन्होंने फूलबाग में टाइगर व शेर के शावक पाले। वे जनता की सेवा के लिए महलों से निकलकर राजनीति में आई। सन् 1991 से 96 तक अलवर की सांसद रही। वर्ष 1998 में टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय चुनाव लड़ी और मात्र ढाई हजार वोट से चुनाव हार गई। इसके बाद कांग्रेस का दामन थाम लिया। उनके बेटे भंवर जितेंद्रसिंह 1998 से 2008 लगातार दो बार शहर विधायक रहे। वे सन् 2009 में सांसद बने अाैर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री, रक्षा राज्यमंत्री तथा युवा एवं खेल राज्यमंत्री रहे। युवरानी महेंद्र कुमारी का जन्म 6 फरवरी 1942 को बूंदी रियासत के महाराजा कर्नल बहादुर सिंह के घर हुआ। बचपन से उन्हें घुड़सवारी व निशानेबाजी का शौक था। बूंदी जिले में वे बाईसा के नाम से जानी जाती थी। उनकी शिक्षा अजमेर के साेफिया काॅलेज में हुई। उनके बड़े भाई रणजीत सिंह थे, उनका भी स्वर्गवास हाे चुका है। उनका विवाह 1962 में अलवर के युवराज प्रताप सिंह के साथ हुअा। उनकी दो संतान पुत्र भंवर जितेंद्र सिंह एवं पुत्री मीनाक्षी कुमारी हैं। यहां अाकर उन्हाेंने अलवर स्टर्ड नाम से घाेड़ाें की ट्रेनिंग का स्कूल शुरू किया। अलवर स्टर्ड के एक घाेड़े ने मुंबई में हुई प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। इससे अलवर स्टर्ड की ख्याति विदेशों तक हुई। स्टर्ड में एक डाॅग कैनल भी संचालित था। इसमें विभिन्न प्रजाति के कुत्ते पाले जाते थे।

वन्यजीवांे से उनका विशेष लगाव रहा। फूलबाग पैलेस में टाइगर के दाे शावक यात्रा व पूजा थी। इसके अलावा लाॅयन की सपकाे नामक शावक थी। इस शावक का सितंबर में जन्म हाेने के कारण सपकाे नाम दिया। इन जानवरों से युवराज व युवरानी का काफी लगाव था। सपकाे उनके साथ खुले बाग में बैठी रहती थी। युवराज प्रताप सिंह के देहांत के बाद सपकाे काे जोधपुर चिड़ियाघर में शिफ्ट कर दिया। वहां उसने बच्चे भी दिए। फूलबाग में इनके अलावा 10 हाथी, घाेड़े अाैर ऊंटों का समूह भी था। घाेड़ाें काे शहर वासियों के शादी समारोहों में मुफ्त में भेजा था। युवरानी ने निशानेबाजी में कई स्वर्ण पदक जीते। उनका स्वर्गवास 27 जून 2002 काे हुअा। उन्हें सागर पर अंतिम विदाई दी गई।

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