Bihar / 65 साल की बुजुर्ग ने 14 महीने में दिया 8 बेटियों को जन्म- बिहार में सामने आया बड़ा घोटाला

Jansatta : Aug 22, 2020, 02:35 PM
बिहार में फिर सरकारी योजना में बंदरबांट का मामला सामने आया है। मुजफ्फरपुर जिले के मुशहरी प्रखंड में बिचौलियों ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का लाखों रुपया हड़प लिया है। हद तो तब हो गई, जब 65 साल की एक महिला से 14 महीने के अंदर आठ-आठ बच्चियों की डिलीवरी दिखाकर फर्जी खाते में मातृत्व लाभ का पैसा ट्रांसफर करवा लिया गया।

सिस्टम की मिलीभगत ऐसी कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना के अधिकारी और बैंक के अधिकारी उसी फर्जी कागजात के आधार पर बुजुर्ग महिला को प्रोत्साहन राशि भेजते रहे। हालांकि, जिन महिलाओं का नाम इसमें शामिल किया गया उन्हें इसकी जानकारी तक नहीं है। मामले में मुशहरी पीएचसी के कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आ रही है।

यही नहीं एक ही महिला के खाते में एक वर्ष में कई बार प्रोत्साहन राशि 1400 रुपये डाले गए हैं और उसकी निकासी भी कर ली गयी है। इस मामले में मुशहरी स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉक्टर उपेंद्र चौधरी ने लेखपाल अवधेश कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है जिसमें लेखपाल पर जननी बाल सुरक्षा योजना में एक ही लाभार्थी लीला देवी को चौदह माह में आठ बार, शांति देवी को नौ माह में 5 बार तथा सोनिया देवी को 5 माह में चार बार 1400 रुपये की दर से फर्जीवाड़ा कर अवैध भुगतान किया गया है।

मीडिया में खबर आने के बाद से अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। मामले में प्राथमिकी दर्ज कर अपर समाहर्ता की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए अपर समाहर्ता राजस्व (राजेश कुमार) की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी में अपर समाहर्ता के साथ स्वास्थ विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, लेखा प्रबंधक एवं वरीय प्रभारी पदाधिकारी मुसहरी-सह- प्रभारी पदाधिकारी सामान्य शाखा शामिल हैं। जिलाधिकारी द्वारा दो दिन के अंदर प्रतिवेदन मांगा गया है ।

जिलाधिकारी ने पिछले एक साल के दौरान इस योजना के तहत किए गए भुगतान का भी जांच कराने का निर्देश देते हुए कहा कि यदि किसी भी तरह की अनियमितता पाई जाती है तो विधि सम्मत कठोर कार्रवाई की जाएगी। आरोप है कि इस योजना का लाभ पाने वाली महिलाओं में कई की उम्र 60 वर्ष से भी ज्यादा है और पिछले बीस वर्षों में उन्होंने किसी बच्चे को जन्म नहीं दिया। बावजूद इन महिलाओं के खातों में प्रोत्साहन राशि डालकर पैसे की निकासी कर ली गयी है जबकि इन महिलाओं को एक बार भी पैसा नहीं मिला।

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