Bhilwara Land Scam / सोलर कन्वर्जन की आड़ में SC-ST की 300 बीघा जमीन का 'खेल', भीलवाड़ा में बड़ा घोटाला

भीलवाड़ा में सोलर प्लांट के नाम पर SC-ST वर्ग की 300 बीघा जमीनें अवैध रूप से सामान्य वर्ग के नाम कर दी गईं। हुरड़ा व अंटाली के तत्कालीन तहसीलदार पर मिलीभगत का आरोप है। नए तहसीलदार ने इन कन्वर्जन को रद्द कर दिया है, क्योंकि मौके पर आज भी फसलें खड़ी हैं।

भीलवाड़ा में सोलर प्लांट लगाने की छूट की आड़ में एक बड़े जमीन घोटाले का खुलासा हुआ है। जिले की हुरड़ा और अंटाली तहसीलों में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग की करीब 300 बीघा जमीनें अवैध तरीके से सामान्य और ओबीसी वर्ग के नाम पर कन्वर्ट कर दी गईं और नियमों के अनुसार, एससी-एसटी की जमीनें इस प्रकार सामान्य वर्ग को हस्तांतरित नहीं की जा सकतीं, लेकिन तत्कालीन तहसीलदार रणवीरसिंह और अन्य कर्मचारियों की मिलीभगत से यह खेल किया गया।

नियमों का उल्लंघन और मिलीभगत

तत्कालीन तहसीलदार रणवीरसिंह ने सोलर प्लांट के नाम पर इन जमीनों का औद्योगिक कन्वर्जन किया। चौंकाने वाली बात यह है कि जिन जमीनों को सोलर प्लांट के लिए कन्वर्ट किया गया, वहां आज भी मक्का जैसी फसलें खड़ी हैं। इससे स्पष्ट होता है कि जमीनों को बेचने के इरादे से यह फर्जीवाड़ा किया गया, न कि सोलर प्लांट लगाने के लिए। इन जमीनों को फिर से सामान्य वर्ग के नाम पर रजिस्ट्री कर नामांतरण आदेश जारी कर दिए गए थे।

नए तहसीलदार ने रद्द किए आदेश

मामले का खुलासा तब हुआ जब नए तहसीलदार गणेश कच्छावा ने इन कन्वर्जन की जांच की। उन्होंने धारा 42 का उल्लंघन मानते हुए करीब 150 फाइलों। में हुए इन नामांतरणों को तत्काल प्रभाव से खारिज कर दिया। राजस्व ग्राम हाजियास के फलामादा, दांतड़ा और बारणी की जमीनें इसमें शामिल थीं। रूपाहेली में प्रकाशचंद्र बैरवा की 17 बीघा और सांवर भांबी की 15 बीघा जमीन का भी इसी तरह कन्वर्जन किया गया था। हाजियास में कमला भील और मगना भील सहित कई अन्य SC-ST वर्ग के लोगों की लगभग 50 बीघा जमीनें भी इसमें शामिल थीं।

पूर्व और वर्तमान तहसीलदार के बयान

अंटाली के वर्तमान तहसीलदार गणेश कच्छावा ने बताया कि एससी-एसटी वर्ग की जमीनों को सामान्य व ओबीसी वर्ग के नाम पर सीधे करना धारा 42 का उल्लंघन है, इसलिए नामांतरण खारिज किए गए हैं और उन्होंने तहसील क्षेत्र में हुई अन्य रजिस्ट्री व नामांतरण की जांच करवाने की बात भी कही। वहीं, तत्कालीन तहसीलदार रणवीरसिंह ने अपने बचाव में कहा कि उन्होंने सरकार के आदेशों के अनुसार ही सोलर कन्वर्जन किया था और इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है।


केस - 1

हाजियास में भैरू पुत्र छोगा बलाई के नाम पर 0.8094 हैक्टेयर यानि पांच बीघा जमीन थी। इस जमीन का संपत्ति पत्नी तेजमल जाट निवासी हाजियास के नाम पर 2079 क्रमांक से नामांतरण खोला। यह जमीन एग्रो प्रोसेसिंग के लिए कन्वर्ट हुई थी। जिसका नामांतरण खारिज हो गया।


केस - 2

गोपाल पुत्र उगमा भील निवासी रूपपुरा के नाम पर हाजियास में 0.6826 हैक्टेयर जमीन यानि की सवा चार बीघा जमीन है। इसका नामांतरण 2078 क्रमांक पर खोला। यह जमीन रामस्वरुप चौधरी पुत्र भैरूलाल चौधरी निवासी हाजियास के नाम हुई। अब नामांतरण खारिज हो गया।


केस -3

कमला पत्नी गणेश भील निवासी बोरखेड़ा के नाम पर हाजियास में 0.6825 हैक्टेयर यानी की सवा चार बीघा जमीन थी। इसका सोहनी पत्नी भैरू जाट निवासी बोरखेड़ा के नाम पर 2080 क्रमांक से नामांतरण खोला। यह जमीन भी सोलर - प्लांट के लिए यह जमीन दी थी।


केस - 4

डालीदेवी पत्नी संपत भील के नाम पर हाजियास में जमीन 0.6826 हैक्टेयर जमीन यानि की सवा चार बीघा जमीन है। यह जमीन रामस्वरुप चौधरी पुत्र भैरूलाल चौधरी निवासी तलनी तहसील मठा जिला जालना महाराष्ट्र के नाम पर की। यह सोलर प्लांट के लिए दी थी।