- भारत,
- 04-Dec-2019 12:55 PM IST
- (, अपडेटेड 04-Dec-2019 05:56 PM IST)
नई दिल्ली | विशेष सुरक्षा समूह कानून में संशोधन को राजनीति से प्रेरित बताते हुए विपक्ष ने मंगलवार को राज्यसभा में आरोप लगाया कि केवल एक परिवार को एसपीजी सुरक्षा से वंचित करने के लिए यह संशोधन किया जा रहा है वहीं सत्ता पक्ष ने कहा कि संशोधन का मकसद वीआईपी संस्कृति को समाप्त करना तथा एसपीजी बल को और अधिक प्रभावी बनाना है।चर्चा में हिस्सा लेते हुए पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र और भाजपा सांसद नीरज शेखर ने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य वीआईपी संस्कृति को समाप्त करना है। उन्होंने कहा कि लालबत्ती का चलन भी इसी वजह से समाप्त किया गया था। मेरी पार्टी वीआईपी संस्कृति की पक्षधर नहीं है।अतीत में इस कानून में हुए संशोधनों का जिक्र करते हुए शेखर ने कहा कि प्रस्तावित संशोधन के तहत एसपीजी सुरक्षा सिर्फ प्रधानमंत्री और उनके साथ उनके आवास में रहने वालों के लिए ही होगी तथा सरकार द्वारा आवंटित आवास पर रहने वाले पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार को पांच साल की अवधि तक एसपीजी सुरक्षा प्राप्त होगी।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश हित में कई ऐसे कदम उठाए हैं जिससे उनकी सुरक्षा को खतरा बढ़ा है। एसपीजी सुरक्षा का उन पर केंद्रित होना प्रासंगिक है।पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर ने कहा कि वह स्वयं 1990 से 2001 तक एसपीजी सुरक्षा में रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि उन दिनों मैं 22 साल का था। मेरे परिवार को एसपीजी सुरक्षा मिली थी। जिस तरह हमारे आगे पीछे गाड़ियों का काफिला चलता था, उसे देख कर मैं खुद को बहुत ही रसूखदार व्यक्ति समझता था जबकि सचाई यह है कि उन दिनों मुझे कोई जानता नहीं था। जिसे एसपीजी सुरक्षा मिलती है, उसे लगता है कि वह ही प्रधानमंत्री है।शेखर ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह आपकी वजह से हुआ। वरना तब मुझे जानता ही कौन था?’उन्होंने कहा कि सुरक्षा सबको अच्छी लगती है और यह अहसास भी सुखद होता है कि हम खास हैं। लेकिन आज का नौजवान वीआईपी संस्कृति को पसंद नहीं करता। हमारी पार्टी भी इस संस्कृति की पक्षधर नहीं है। हमारी पार्टी इस संस्कृति को खत्म करना चाहती है।