Fund Of Funds: भारत सरकार ने हाल ही में बजट में कई नई योजनाओं की घोषणा की है। इनमें से एक योजना जो काफी सुर्खियों में है, वह है "फंड ऑफ फंड्स" (FFS)। इस योजना के लिए सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। यह योजना विशेष रूप से स्टार्टअप्स के लिए बनाई गई है और इसका मुख्य ध्यान मैन्युफैक्चरिंग और हाई-टेक क्षेत्रों पर केंद्रित होगा।
DOIIT के सचिव अमरदीप सिंह भाटिया का बयान
डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DOIIT) के सचिव अमरदीप सिंह भाटिया ने इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह पूरी तरह से एक नए प्रकार के कोष पर आधारित होगी। यह योजना विशेष रूप से उन उच्च तकनीकी स्टार्टअप्स की मदद करेगी, जो सार्वजनिक सेवा में सुधार लाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकार इस योजना के माध्यम से नए और उभरते हुए उद्यमियों को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है। वित्त मंत्री ने इस योजना की घोषणा पिछले शनिवार को की थी।
पहले भी लागू की गई थी ऐसी योजना
गौरतलब है कि इससे पहले वर्ष 2016 में भी सरकार ने इसी तरह की एक योजना शुरू की थी, जिसका उद्देश्य स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान करना था। उस समय भी 10,000 करोड़ रुपये का फंड निर्धारित किया गया था। अब सरकार इस योजना को और अधिक प्रभावी तथा विस्तृत रूप में प्रस्तुत कर रही है, जिससे स्टार्टअप्स को अधिक सहूलियत मिल सके।अमरदीप सिंह भाटिया ने यह भी बताया कि पहली FFS योजना ने भारत में वैकल्पिक निवेश कोष (AIF) का एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र तैयार किया था। इसके तहत 1,180 से अधिक स्टार्टअप्स को निवेश मिला और कुल मिलाकर 21,700 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया। अब नई योजना का उद्देश्य उन स्टार्टअप्स को समर्थन प्रदान करना है, जो उच्च तकनीकी इनोवेशन और सार्वजनिक सेवा सुधार में योगदान देना चाहते हैं।
आगे की योजना
नई FFS योजना केवल उन स्टार्टअप्स तक सीमित नहीं रहेगी, जिन्हें इक्विटी निवेश (Equity Investment) की आवश्यकता है। बल्कि यह उन स्टार्टअप्स के लिए भी मददगार साबित होगी, जिन्हें अन्य प्रकार के वित्तीय संसाधनों की जरूरत है। विशेष रूप से वे स्टार्टअप्स, जो बड़ी परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं और जिन्हें अधिक पूंजी की आवश्यकता होती है, वे भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।सरकार की इस पहल से भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को नई ऊर्जा मिलेगी और यह नवाचार व उद्यमशीलता को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होगी। यह योजना न केवल आर्थिक विकास को गति देगी, बल्कि भारत को वैश्विक स्टार्टअप हब के रूप में स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।