राजेंद्र राठौड़ / राज्य सरकार कोरोना नियंत्रण की कार्यनीति में जल्द बदलाव करें

Zoom News : Sep 13, 2020, 10:51 PM

राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग की है कि कोरोना नियंत्रण के लिए पूर्व में बनी कार्यनीति में आमूलचूल परिवर्तन करना चाहिए। इसके लिए नये सिरे से जनप्रतिनिधियों, सरकारी व निजी चिकित्सक प्रतिनिधियों व सामाजिक संगठनों से आपात बैठक बुलायी जाये। राठौड़ ने कहा कि वर्तमान में कोरोना संक्रमित रोगी की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग नहीं होने से तथा संक्रमित रोगी के संपर्क में आये व्यक्तियों व परिवार की कोरोना जांच नहीं करने की चिकित्सा विभाग की नीति ने आज प्रदेश में कोरोना संक्रमण के सामाजिक फैलाव को विस्फोटक स्थिति में ला दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बीते 3 महीनों में अपनी टेस्ट क्षमता दोगुनी 15 हजार से 30 हजार की जबकि लगभग सभी बड़े राज्यों ने यह क्षमता दस गुना तक बढ़ाई है, अकेले उत्तर प्रदेश में एक से डेढ़ लाख टेस्ट प्रतिदिन हो रहे हैं। राठौड़ ने कहा कि सरकार को कोरोना संक्रमण के आंकड़ों को छुपाने के बजाय जिला स्तर पर आई.ई.सी. कर सही आंकड़े जनता के सम्मुख वास्तविकता से रखने चाहिए ताकि जनचेतना के माध्यम से बचाव हो सके। प्रायः सभी जिलों में कोरोना की जांच रिपोर्ट 48 से 72 घंटे विलंब से मिलने के कारण लगातार संक्रमण फैल रहा है। राठौड़ ने कहा कि दिल्ली और महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना संक्रमित केसों की संख्या के बावजूद भी राज्य सरकार इसी मुगालते में रही कि राजस्थान में कोरोना स्थिति नियंत्रण में है लेकिन संक्रमित मरीजों की संख्या का आंकड़ा अब एक लाख पार होना राज्य सरकार की नाकाम चिकित्सकीय व्यवस्था व कोरोना कुप्रबंधन का प्रत्यक्ष प्रमाण है। राठौड़ ने मांग की है कि सरकार की अस्पष्ट नीति के कारण अब तक एक भी निजी चिकित्सालय ने प्रदेश में अपने चिकित्सालयों के साथ किसी भी होटल में कोरोना के लगातार बढ़ रहे संक्रमित रोगियों की संख्या के कारण भर्ती कर इलाज प्रारंभ नहीं किया है। वर्तमान में इलाज हेतु संक्रमित रोगी दर-दर ठोकरें खाते घूम रहे हैं। राठौड़ ने कहा कि राजधानी जयपुर में कोरोना के इलाज के लिए 2000 ऑक्सीजन युक्त शैय्याओं की आवश्यकता थी तथा 300 विभिन्न चिकित्सालयों में वेंटीलेटर की आवश्यकता थी जिस पर सरकार ध्यान न देकर जयपुरिया चिकित्सालय में कोरोना के लिए 500 बैड की उपलब्धता की थोथी घोषणा कर रही है। जबकि वस्तुतः वहां भी मरीजों के लिए 50 से भी कम बैडस की उपलब्धता भी विधिवत अब तक तैयार नहीं होना चिंताजनक है। राठौड़ ने कोरोना के इलाज में सर्वाधिक काम में आने वाली ऑक्सीजन की मुनाफाखोरी में 40-50 प्रतिशत प्रति सिलेण्डर राशि अधिक वसूलने वाले व्यापारियों पर भी सख्त कार्रवाई की मांग की है।

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