तेजस्वी के बड़े चुनावी ऐलान / जीविका दीदी, संविदाकर्मी होंगे स्थायी, हर परिवार को मिलेगी सरकारी नौकरी; गठबंधन विवाद पर बोले- कल बात करेंगे

तेजस्वी यादव ने बुधवार को तीन बड़े चुनावी ऐलान किए: जीविका दीदियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा और 30 हजार वेतन, सभी संविदाकर्मियों को स्थायी करना, और हर परिवार में एक सरकारी नौकरी। उन्होंने महागठबंधन में चल रहे विवादों पर 'कल बात करेंगे' कहकर टाल दिया, जबकि अंदरूनी खींचतान जारी है।

बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और RJD प्रमुख तेजस्वी यादव ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आगामी चुनावों को लेकर तीन महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। इन वादों से राज्य के बड़े वर्ग को सीधा लाभ। पहुंचने की उम्मीद है, खासकर महिलाओं और संविदा कर्मचारियों को।

जीविका दीदी और संविदा कर्मियों को स्थायीकरण

तेजस्वी यादव ने ऐलान किया कि उनकी सरकार बनने पर जीविका दीदियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिलेगा, और उनकी मासिक सैलरी 10 हजार से बढ़ाकर 30 हजार रुपए की जाएगी। उन्होंने जीविका दीदियों के लिए ऋण पर ब्याज माफी, दो साल तक ब्याज मुक्त ऋण, 2,000 रुपए का अतिरिक्त भत्ता और 5 लाख रुपए का बीमा भी देने का वादा किया और इसके अतिरिक्त, प्रदेश में कार्यरत सभी संविदा कर्मियों को स्थायी किया जाएगा। तेजस्वी ने कहा कि संविदा कर्मियों का शारीरिक, मानसिक और आर्थिक शोषण हो रहा है, जिसे उनकी सरकार एक झटके में खत्म करेगी और उन्हें स्थायी कर्मी का दर्जा दिलाएगी।

सरकारी नौकरी और महिला सशक्तिकरण योजनाएं

तेजस्वी यादव ने तीसरा बड़ा वादा किया कि हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। उन्होंने महिलाओं के लिए 'BETI' (बेनिफिट, एजुकेशन, ट्रेनिंग, इनकम) और 'MAA' (मकान, अन्न, आमदनी) नामक दो नई योजनाएं लाने की भी घोषणा की। उन्होंने बिहार की वर्तमान सरकार पर बेरोजगारी और अपराध बढ़ाने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य की जनता बदलाव का मन बना चुकी है।

गठबंधन विवाद और सियासी हलचल

महागठबंधन में चल रहे कथित विवादों पर मीडिया के सवालों पर तेजस्वी यादव ने सिर्फ इतना कहा कि वे इस पर "कल बात करेंगे"। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कई सीटों पर RJD और कांग्रेस के प्रत्याशियों के आमने-सामने होने से दोनों दलों के बीच दूरियां बढ़ी हैं। साझा घोषणा पत्र पर भी सहमति नहीं बन पाई है और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत आज पटना पहुंचेंगे और तेजस्वी यादव से उनकी मुलाकात की संभावना है। पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव और एलजेपी (आर) प्रमुख चिराग पासवान के बयानों ने भी राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज कर दी है, जो राज्य की बदलती सियासी तस्वीर को दर्शाते हैं।