नई दिल्ली / सरकार खामोश है और सवाल करने वालों को डराकर पुलिस चुप कराती है, अनु दुबे से मारपीट करने वालो को निलंबित करो

AMAR UJALA : Dec 01, 2019, 07:58 AM
नई दिल्ली | दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने संसद के बाहर बेटियों को सुरक्षा देने व हैदराबाद दुष्कर्म मामले का विरोध करने वाली अनु दुबे से मारपीट करने वाली तीनों महिला अधिकारियों को निलंबित करने की मांग की है। मालिवाल का कहना है कि देश में हर दो मिनट में दुराचार होता है, लेकिन सरकार खामोश हैं। सवाल उठाने वालों को पुलिस डरा-धमकाकर चुप करवा देती है। मालीवाल ने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।

अनु दूबे की मदद के लिए पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन पहुंचीं मालिवाल ने कहा कि आज फिर 2012 की यादें ताजा हो गई हैं। निर्भया कांड के बाद अब हैदराबाद की घटना ने देश को झकझोर कर रख दिया है। देश की राजधानी में एक निहत्थी व अकेली बेटी अनु दुबे अपने डर व सुरक्षा की मांग को लेकर संसद के बाहर सिर्फ सरकार से सवाल करना चाहती थी। अनु ने कहा कि थाने के अंदर तीन महिला अधिकारियों ने बिस्तर पर लिटाकर उसको मारा-पीटा। उसके शरीर व हाथ पर चोट के निशान दिख रहे हैं।

पुलिस ने गेट नहीं खोला

मालिवाल का कहना है कि जब मैं शिकायत के लिए थाने पहुंची तो गेट नहीं खोला गया। गेट बंद करना दर्शाता है कि आम आदमी पुलिस तक अपनी बात भी नहीं पहुंचा सकता है। मैंने अनु से पुलिस मारपीट की शिकायत दर्ज करवा दी है। अब देखना है कि पुलिस अपनी तीन महिला अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करती है या नहीं।

अनु के साथ मारपीट मामले की होगी जांच

संसद भवन के बाहर धरने पर बैठी अनु के साथ मारपीट के आरोप लगने के बाद शनिवार को दिल्ली पुलिस की खूब फजीहत हुई। स्वाति मालिवाल ने तो पुलिस कार्रवाई को गुंडागर्दी बताते हुए अधिकारियों को आड़े हाथों लिया। दोपहर बाद दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त प्रवक्ता अनिल मित्तल ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुआ कहा कि संसद भवन के आसपास किसी को भी प्रदर्शन करने की इजाजत नही है। अनु के आरोपों की छानबीन की जा रही है। वरिष्ठ महिला पुलिस अधिकारी इस पूरे मामले की जांच करेंगी।

मालिवाल ने शनिवार दोपहर अनु को साथ ले जाकर संसद मार्ग थाने में शिकायत दी। अनु ने अंग्रेजी में लिखी दो पेज की शिकायत में जो कुछ उसके साथ हुआ, पूरी बात लिखी। शिकायत में अनु ने थाने में मौजूद तीन महिला पुलिसकर्मियों के नाम लिखकर उनके खिलाफ मारपीट और गाली-गलोच करने के आरोप लगाए। मारपीट की वजह से अनु के शरीर पर नाखूनों के निशान देखे गए। थाने में ही शिकायत देने के दौरान अनु का भाई वहां पहुंचा तो थाना प्रभारी के कमरे में वह अपने भाई से लिपटकर खूब रोई। बाद में पुलिस मीडिया से बचाकर अनु को मेडिकल करवाने आरएमएल अस्पताल ले गई। दोपहर करीब 3.00 बजे अनु महिला आयोग की गाड़ी में बैठकर घर के लिए रवाना हो गई।

संसद भवन संवेदनशील इलाका है। यहां किसी को प्रदर्शन की इजाजत नही है। युवती से कहा गया था कि वह प्रदर्शन के लिए जंतर-मंतर जाए। जब वह इसके लिए तैयार नही हुई तो उसे महिला पुलिसकर्मियों की मदद से संसद मार्ग थाने लाया गया। पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया। युवती के आरोपों की वरिष्ठ महिला पुलिस अधिकारियों से जांच करवाई जा रही है।

घटना की टाइम लाइन 

सुबह 7.00 बजे : अनु प्रदर्शन करने के लिए संसद भवन पर पहुंची और तख्ती लेकर धरने पर बैठ गई।

सुबह 8.00 बजे : अनु को दिल्ली पुलिस जबरन संसद मार्ग थाने ले गई, वहां चार घंटे उसे हिरासत में रखा गया।

दोपहर 12.00 बजे : अनु के साथ मारपीट करने के बाद उसे छोड़ दिया गया, वह थाने के बाहर खड़ी हो गई।

दोपहर 12.00 बजे : कुछ युवा अनु के समर्थन में थाने के बाहर प्रदर्शन करने पहुंच गए, नारेबाजी की।

दोपहर 12.15 बजे : दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल थाने पहुंचीं, अनु से मुलाकात की।

दोपहर 12.35 : मालिवाल जबरन थाने का गेट खुलवाकर अंदर पहुंची और अनु से मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों की शिकायत करवाई।

दोपहर 1.00 : अनु को मेडिकल करवाने के लिए आरएमएल अस्पताल ले जाया गया।

दोपहर 1.40 बजे : अनु को मेडिकल करवाने के बाद वापस थाने लाया गया।

दोपहर 2.05 बजे : एनएसयूआई के छात्रों ने संसद मार्ग थाने के बाहर तेलंगाना सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, पुतला भी जलाया।

दोपहर 3.00 बजे : अनु महिला आयोग की गाड़ी में बैठकर अपने घर के लिए निकल गई।

'आज वह जली है, कल मैं जलूंगी पर मैं लड़ूंगी...'

हैदराबाद में वेटनरी डॉक्टर के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना से अनु काफी आहत है। अनु ने कहा कि देश में हर 20 मिनट में एक दुष्कर्म हो रहा है, मैं दुष्कर्म के और मामले नहीं देख सकती। हैदराबाद वाली घटना के बाद से वह रातभर सोई नहीं है और यह सिर्फ एक रात की बात नही है। आज वह जली है, कल मैं जलूंगी, लेकिन मैं लड़ूंगी...। थाने में पिटाई के मामले में अनु ने कहा कि इंसाफ मांगने पर क्या बेटियों के साथ पुलिस ऐसा सलूक करती है? उसकी लड़ाई लगातार जारी रहेगी, जब तक बेटियों को इंसाफ नही मिलता है तब तक वह संसद के बाहर प्रदर्शन करने जरूर आएगी।

अनु ने रोते हुए कहा कि डरने से अब मन भर गया है, घर के बाहर रहने पर बार-बार पूछा जाता है कि कब तक घर आओगी। निर्भया, कठुआ और न जाने कितनी बेटियों की बलि चढ़ा दी गई। सरकार से सवाल पूछते हुए अनु ने कहा कि यह मेरा ही तो घर है, मेरा भारत, मैं अपने ही घर में सुरक्षित क्यों नही हूं। मुझे नही पता कि कोई मेरा साथ देगा या नही, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। इंसाफ की आवाज उठाने के लिए मैं अकेली ही लडूंगी। मुझे अपना भारत दिख रहा है, भारत के भविष्य को हमें ही बनाना है। 

थाने में ले मारपीट करने पर अनु ने कहा कि जबरन उसे गाड़ी में बिठाकर थाने लाया गया। एक कमरे में बिस्तर पर लिटाकर उसे तीन महिला पुलिसकर्मियों ने बुरी तरह पीटा। वह चिल्लाती रही, लेकिन उसकी एक न सुनी गई। उसके शरीर पर नाखूनों के निशान बन गए और उनसे खून रिसने लगा। थाने में उससे लिखवा लिया गया कि वह अब दोबारा प्रदर्शन करने नही आएगी। अनु ने मीडिया को अपना नाम बताने के अलावा और कुछ नही बताया।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER