IPO Jain Recycling: भारतीय शेयर बाजार में एक और आईपीओ की हलचल बढ़ गई है। जैन रिसोर्स रिसाइक्लिंग लिमिटेड ने 2,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए बाजार नियामक सेबी के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल किया है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इस आईपीओ में 500 करोड़ रुपये के नए इक्विटी शेयरों का निर्गम और 1,500 करोड़ रुपये का बिक्री प्रस्ताव (ओएफएस) शामिल है।
आईपीओ के जरिये फंड का उपयोग
कंपनी ने स्पष्ट किया है कि इस निर्गम से प्राप्त राशि का उपयोग मुख्य रूप से लोन के भुगतान और सामान्य कॉर्पोरेट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाएगा। ओएफएस के तहत, प्रमोटर कमलेश जैन 1,430 करोड़ रुपये के शेयर और शेयरधारक मयंक पारीक 70 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री करेंगे। इसके अलावा, कंपनी 100 करोड़ रुपये तक की प्री-आईपीओ प्लेसमेंट राउंड में जुटाने की योजना बना रही है, जो निर्गम राशि को प्रभावित कर सकता है।
जैन रिसोर्स रिसाइक्लिंग लिमिटेड: एक परिचय
तमिलनाडु स्थित यह कंपनी मुख्य रूप से अलौह धातु स्क्रैप के रिसाइक्लिंग और उससे धातु उत्पादों के निर्माण पर केंद्रित है। कंपनी का उत्पाद पोर्टफोलियो सीसा और इसकी मिश्र धातुओं की सिल्लियां, तांबा, एल्यूमीनियम और उनके मिश्र धातु उत्पादों को शामिल करता है। इसके अतिरिक्त, कंपनी ने शारजाह, यूएई में एक स्वर्ण शोधन सुविधा स्थापित करने के लिए आइकॉन स्क्वायर लिमिटेड यूएई के साथ भागीदारी की है। जैन रिसोर्स रिसाइक्लिंग विभिन्न धातु और वस्तुओं के व्यापार में भी सक्रिय भूमिका निभाती है।
प्रमुख बुक-रनिंग लीड मैनेजर
इस आईपीओ का संचालन करने के लिए डैम कैपिटल एडवाइजर्स, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, मोतीलाल ओसवाल इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स और पीएल कैपिटल मार्केट्स को बुक-रनिंग लीड मैनेजर के रूप में नियुक्त किया गया है। आईपीओ के तहत जारी किए गए शेयरों को बीएसई और एनएसई पर सूचीबद्ध करने की योजना बनाई गई है।
बाजार में आईपीओ की बढ़ती गतिविधि
हाल ही में भारतीय शेयर बाजार में आईपीओ गतिविधियां फिर से जोर पकड़ रही हैं। दक्षिण कोरियाई कंपनी एलजी की अनुषंगी एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया लिमिटेड और मानव संसाधन एवं टोल प्लाजा प्रबंधन सेवा प्रदाता इनोविजन लिमिटेड को भी सेबी से आईपीओ के लिए मंजूरी मिल चुकी है। इससे निवेशकों के लिए नए अवसर पैदा हो रहे हैं।
इस तरह, जैन रिसोर्स रिसाइक्लिंग लिमिटेड का आईपीओ भारतीय निवेशकों के लिए एक आकर्षक अवसर साबित हो सकता है। बाजार में बढ़ती आईपीओ गतिविधियों को देखते हुए यह निर्गम निवेशकों के बीच काफी चर्चा में रहने की संभावना है।