IND vs ENG / इस भारतीय खिलाड़ी की फिसड्डी फील्डिंग बनी बड़ा सिरदर्द- छोड़ दिए इतने कैच

भारत और इंग्लैंड के बीच लीड्स टेस्ट में यशस्वी जायसवाल ने शानदार शतक तो लगाया, लेकिन फील्डिंग में तीन अहम कैच छोड़े। बेन डकेट, ओली पोप और हैरी ब्रूक ने इसका पूरा फायदा उठाया। स्लिप में कमजोर फील्डिंग से टीम इंडिया पर दबाव बढ़ा और मैच संतुलन में आ गया।

IND vs ENG: टेस्ट क्रिकेट में सिर्फ बल्ला और गेंद ही नहीं, फील्डिंग भी किसी भी टीम की सफलता का अहम स्तंभ होती है। खासकर जब मुकाबला हो SENA (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) देशों में, तो स्लिप में कैच पकड़ने की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है। भारत और इंग्लैंड के बीच लीड्स के मैदान पर खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में भी यह बात साफ तौर पर नजर आई, जहां एक तरफ बल्लेबाजी और गेंदबाजी में टीम इंडिया ने अच्छा प्रदर्शन किया, वहीं युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल की खराब फील्डिंग ने टीम को मुश्किल में डाल दिया।

यशस्वी जायसवाल की शानदार बैटिंग, लेकिन फील्डिंग में बड़ी चूक

इस मुकाबले में यशस्वी जायसवाल ने एक तरफ तो बल्लेबाजी में शानदार शतक जमाकर अपनी उपयोगिता साबित की, लेकिन दूसरी ओर स्लिप फील्डिंग में तीन अहम कैच छोड़कर टीम की मुश्किलें बढ़ा दीं। इंग्लैंड की पहली पारी के दौरान यशस्वी ने गली और स्लिप में कुल तीन कैच टपकाए, जिनमें से हर एक टीम इंडिया पर भारी पड़ा।

  • पहला कैच इंग्लैंड के ओपनर बेन डकेट का था, जिन्हें जायसवाल ने 15 रन के निजी स्कोर पर ड्रॉप किया। डकेट बाद में 62 रन बनाकर आउट हुए।

  • दूसरा कैच ओली पोप का था, जिन्हें जायसवाल ने 62 रन पर छोड़ा और उन्होंने इस मौके का फायदा उठाते हुए शानदार शतक (106 रन) जड़ा।

  • तीसरा कैच हैरी ब्रूक का था, जिन्हें जायसवाल ने 82 रन पर ड्रॉप किया और ब्रूक 99 रन तक पहुंचे, हालांकि वे शतक से चूक गए।

इन तीनों मौकों पर यदि कैच लपक लिए जाते, तो इंग्लैंड की पारी कहीं कमजोर साबित हो सकती थी।

गेंदबाजों का संघर्ष और बुमराह का जलवा

हालांकि फील्डिंग की कमजोरी के बावजूद भारतीय गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया। इंग्लैंड की टीम अपनी पहली पारी में 465 रन पर सिमट गई, जो भारत की पहली पारी के 471 रन के स्कोर से सिर्फ 6 रन कम थी। भारत की तरफ से जसप्रीत बुमराह ने एक बार फिर अपनी क्लास दिखाई और 5 विकेट लेकर इंग्लिश बल्लेबाजों की कमर तोड़ दी। उनके अलावा प्रसिद्ध कृष्णा को 3 और मोहम्मद सिराज को 2 विकेट मिले।

टेस्ट में फील्डिंग की भूमिका को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता

यह मैच एक बार फिर यह साबित करता है कि टेस्ट क्रिकेट में अच्छे फील्डिंग सेटअप के बिना मुकाबले में बने रहना बेहद कठिन होता है। यशस्वी जायसवाल ने भले ही बल्ले से चमक बिखेरी हो, लेकिन उनकी फील्डिंग की नाकामी ने टीम की मेहनत पर पानी फेरने का काम किया। टीम इंडिया को आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में सुधार की सख्त जरूरत है, खासकर तब जब विदेशी सरजमीं पर मैच जीतने के लिए हर मौका भुनाना जरूरी हो जाता है।