Mahua Moitra Married / TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने रचाई शादी, इस दिग्गज नेता के साथ लिए सात फेरे

तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने बीजेडी नेता पिनाकी मिश्रा से जर्मनी में शादी की है। यह उनकी दूसरी शादी है। महुआ पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से सांसद हैं और पूर्व में बैंकर रही हैं। पिनाकी मिश्रा ओडिशा से पूर्व सांसद रह चुके हैं। शादी 3 मई को हुई।

Mahua Moitra Married: तृणमूल कांग्रेस (TMC) की तेजतर्रार और बेबाक नेता महुआ मोइत्रा ने अपने निजी जीवन में एक नया अध्याय जोड़ते हुए शादी कर ली है। उन्होंने ओडिशा की राजनीति में सशक्त पहचान रखने वाले बीजू जनता दल (BJD) के वरिष्ठ नेता पिनाकी मिश्रा से विवाह किया है। यह सियासी जोड़ी जर्मनी में एक निजी समारोह में परिणय सूत्र में बंधी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शादी 3 मई को सम्पन्न हुई।

पिनाकी मिश्रा, जो ओडिशा के पुरी से कई बार सांसद रह चुके हैं, हाल ही में संपन्न 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के संबित पात्रा से हार गए थे। वहीं, महुआ मोइत्रा ने पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से टीएमसी के टिकट पर एक बार फिर संसद में जगह बनाई है। उनकी पहचान संसद में सबसे मुखर और विचारवान सांसदों में से एक के तौर पर होती है।

यह है महुआ की दूसरी शादी

महुआ मोइत्रा की यह दूसरी शादी है। इससे पहले उन्होंने डेनमार्क के फाइनेंसर लार्स ब्रोरसन से विवाह किया था, लेकिन बाद में यह रिश्ता तलाक पर खत्म हुआ। अपने राजनीतिक करियर में भी महुआ ने लंबा सफर तय किया है। 2016 से 2019 के बीच वे पश्चिम बंगाल विधानसभा की सदस्य रहीं और करीमपुर से विधायक के तौर पर अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की।

महुआ मोइत्रा: एक झलक

12 अक्टूबर 1974 को असम में जन्मी महुआ मोइत्रा न केवल एक सांसद हैं, बल्कि एक कुशल अर्थशास्त्री भी रही हैं। उन्होंने अमेरिका के प्रतिष्ठित माउंट होलोके कॉलेज, मैसाचुसेट्स से 1998 में अर्थशास्त्र और गणित में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। राजनीति में कदम रखने से पहले वह जेपी मॉर्गन चेस, लंदन में उपाध्यक्ष के पद पर कार्यरत थीं। 2009 में उन्होंने कॉर्पोरेट करियर को अलविदा कहकर सार्वजनिक सेवा और राजनीति का रास्ता चुना।

राजनीति में निजी रिश्तों की नई इबारत

महुआ मोइत्रा और पिनाकी मिश्रा की यह शादी राजनीति की उस नरम परत को दिखाती है, जहां विचारधाराओं की भिन्नता के बावजूद रिश्तों की बुनियाद आपसी समझ और सम्मान पर टिकी होती है। यह रिश्ता राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय जरूर बना है, लेकिन इससे दोनों नेताओं के जनसेवा के संकल्प में कोई फर्क नहीं आने वाला।