Supreme Court / आज सुप्रीम कोर्ट सुनाने जा रहा ये 2 अहम फैसले, दिल्ली से महाराष्ट्र तक बदल जाएंगे पावर सेंटर!

Zoom News : May 11, 2023, 07:38 AM
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट आज 2 ऐसे अहम मुद्दों पर फैसला दे सकती है, जिसके बाद दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक की राजनीति पूरी तरह बदल जाएगी. देश की सबसे ऊंची अदालत की संवैधानिक बेंच ने दिल्ली में सर्विसेज के अधिकार के मुद्दे पर अपनी 18 जनवरी को अपनी सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था. इसके साथ ही महाराष्ट्र में सरकार गठन के अधिकार पर उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे ग्रुप की ओर से दायर की गई याचिकाओं पर भी आज फैसला आ सकता है. 

चीफ जस्टिस ने किया था संवैधानिक बेंच का गठन

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने दिल्ली में सर्विसेज के अधिकार के मुद्दे पर सुनवाई की थी. इस बेंच में चीफ जस्टिस चंद्रचूड के अलावा जस्टिस एम आर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हेमा कोहली और जस्टिस पी एस नरसिम्हा भी शामिल हैं. बेंच इस मुद्दे पर इस साल 18 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. केंद्र सरकार की ओर से इस मामले में पैरवी सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने की थी. 

दिल्ली में कौन होगा सर्विसेज का मुखिया?

बता दें कि दिल्ली में सर्वेसेज में आने वाले विभागों का मुखिया कौन होगा, इसे लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार में विवाद रहा है. दिल्ली सरकार ने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट की 2 सदस्यीय बेंच ने 14 फरवरी, 2019 को खंडित फैसला दिया था. एक जज ने सर्विसेज डिपार्टमेंट को नियंत्रित करने का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया था, जबकि दूसरे जज ने केंद्र सरकार को दायित्व सौंपा.

कम होगी दिल्ली-केंद्र की अदावत!

इस खंडित फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल मई में इस मामले के निपटारे के लिए 5 सदस्यीय संवैधानिक बेंच का गठन किया. कोर्ट ने कई महीनों की सुनवाए के बाद जनवरी 2023 में इस मुद्दे पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. माना जा रहा है कि संवैधानिक बेंच के फैसले से दिल्ली में अधिकारों को लेकर केजरीवाल सरकार और मोदी सरकार के बीच चल रही अदावत काफी हद तक कम हो सकेगी. 

महाराष्ट्र में किसकी रहेगी सरकार? 

दिल्ली के साथ ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) आज महाराष्ट्र में सत्ता को लेकर एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे की याचिका पर भी अपना फैसला सुना सकती है. इस फैसले पर बीजेपी के साथ एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना समेत दूसरे दलों की नजरें भी लगी हुई हैं. पिछले साल शिवसेना विधायकों ने तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे से बगावत करके एकनाथ शिंदे को अपना नया नेता चुन लिया था. 

शिवसेना विवाद पर आ सकता है फैसला

राज्य के गवर्नर ने प्रदेश के राजनीतिक संकट का हल निकालते हुए सीएम ठाकरे को फ्लोर टेस्ट का निर्देश दिया था लेकिन इस चुनौती को कबूल करने से पहले ही उन्होंने अपनी MVA गठबंधन सरकार का इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के सहयोग से महाराष्ट्र में अपनी सरकार बना ली थी. सत्ता में हुए इस बदलाव से खफा उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर कर बगावत को गैर-कानूनी बताते हुए अपनी सरकार बहाल करने की मांग की थी. वहीं शिंदे ग्रुप ने कैवियट दाखिल करके बिना उनका पक्ष सुने कोई भी आदेश जारी न करने का आग्रह किया था.

संवैधानिक बेंच ने 16 मार्च को पूरी कर ली थी सुनवाई

मामले में सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड ने 5 सदस्यीय संवैधानिक बेंच का गठन किया था. इस बेंच ने 21 फरवरी 2023 से लगातार 9 दिनों तक मामले की सुनवाई की. सुनवाई के आखिरी दिन चीफ जस्टिस चंद्रचूड ने मौखिक टिप्पणी की थी कि वह उद्धव ठाकरे सरकार को कैसे बहाल कर सकती है, जब उन्होंने फ्लोर टेस्ट का सामना करने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद खंडपीठ (Supreme Court) ने 16 मार्च 2023 को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था. 

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