जयपुर धमाके / 13 मई 2008 को जयपुर में हुए बम धमाके के चारों दोषियों की सजा पर फैसला आज, रहम के लिए गिड़गिड़ाए आतंकी

Dainik Bhaskar : Dec 20, 2019, 10:18 AM
जयपुर. साढ़े 11 साल पहले जयपुर में सीरियल धमाके करने वाले 4 दोषियों की सजा पर आज शाम 4 बजे फैसला होगा। गुरुवार को ब्लास्ट मामलों के विशेष कोर्ट में चारों मोहम्मद सैफ उर्फ करीऑन, सरवर आजमी, सैफुर उर्फ सैफुर्रहमान और मोहम्मद सलमान को पेश किया गया था। सरकारी वकील ने मामले को दुर्लभतम मानते हुए चारों को फांसी की सजा देने की मांग की। करीब आधा घंटे की बहस के दौरान चारों परेशान दिखे। अदालत ने बुधवार को बम ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार 5 आरोपियों में से शहबाज को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था। जबकि चारों को 8 जगहों पर सिलसिलेवार बम ब्लास्ट करने, आपराधिक षड्‌यंत्र और अन्य अपराध में दोषी करार दिया था।

13 मई 2008 को परकोटे में 8 जगहों पर सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। इनमें 71 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 185 जख्मी हुए थे। 

दोषियों को अच्छे परिवार का बताया

सबसे पहले मोहम्मद सैफ की सजा के बिंदुओं पर बहस हुई। बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि दोषी युवा है, अच्छी फैमिली से है। पूरे परिवार का बेदाग बैकग्राउंड है। कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं है। 11 साल जेल में बिता चुका हैं और उसके खिलाफ कोई सीधा साक्ष्य भी नहीं है। एमए फाइनल इयर का स्टूडेंट रहा है। वह अच्छी नौकरी कर रहा था। वह किसी गलत संगठन का सदस्य भी नहीं है, लिहाजा रियायत दी जाए।

सरवर आजमी के सजा पर चर्चा करते हुए वकील ने कहा कि 19 मई 2008 को यह बीई की परीक्षा दे रहा था। जिसका बैकग्राउंड बिल्कुल साफ है। सरवर के पिता और भाई डॉक्टर हैं। वह 11 साल जेल में बिता चुका है। इसलिए रियायत दी जाए। जिसके बाद सैफुर्रहमान की सजा पर बहस कर रियायत देने की मांग की गई।

सलमान के पक्ष में बोलते हुए वकील ने कहा कि गिरफ्तारी के वक्त वह नाबालिग था। जुवेनाइल कोर्ट ने भी उसे नाबालिग माना था, जो फिलहाल हाइकोर्ट में पेंडिंग है। इसके जवाब में कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में उसे बालिग माना जा चुका है।  

कुल 13 को आरोपी बनाया था

बुधवार को कोर्ट ने मोहम्मद सैफ, सैफुर्रहमान, सरवर आजमी और मोहम्मद सलमान को हत्या, राजद्रोह और विस्फोटक अधिनियम के तहत दोषी पाया था। इस मामले में कुल 13 लोगों को पुलिस ने आरोपी बनाया था। 3 आरोपी अब तक फरार हैं जबकि 3 हैदराबाद और दिल्ली की जेल में बंद हैं। बाकी बचे दो गुनहगार दिल्ली में बाटला हाउस मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं। 

बम ब्लास्ट केस में 8 केस दर्ज किए गए 

13 मई 2008 की शाम परकोटा इलाके में 12 से 15 मिनट के अंतराल में चांदपोल गेट, बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़, त्रिपोलिया बाजार, जौहरी बाजार और सांगानेरी गेट पर बम धमाके हुए थे। पहला ब्लास्ट खंदा माणकचौक, हवामहल के सामने शाम 7:20 बजे हुआ था, फिर एक के बाद एक 8 धमाके हुए। बम ब्लास्ट केस में 8 केस दर्ज किए थे। अभियोजन की ओर से मामले में 1293 गवाहों के बयान कराए थे।

कोर्ट ने इंडियन मुजाहिदीन को सीरियल ब्लास्ट के लिए जिम्मेदार माना

कोर्ट ने सीरियल ब्लास्ट के लिए आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) को जिम्मेदार माना है। साथ ही, बाटला मुठभेड़ में मारे गए दोनों आतंकियों को भी कोर्ट ने दोषी करार दिया, इसमें आतिफ अमीन को ब्लास्ट का मुख्य साजिशकर्ता माना है। कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि जेहाद की आड़ में जेहादी मानसिकता से विस्फोट किए गए। यह मानसिकता यहीं नहीं थमी। इसके बाद अहमदाबाद और दिल्ली में भी विस्फोट किए गए।

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