Ashok Gehlot News / कांग्रेस छोड़कर जाने वाले गद्दार, नालायक, निकम्मे, पार्टी में कई अवसरवादी नेता- अशोक गहलोत

Vikrant Shekhawat : May 27, 2024, 06:40 PM
Ashok Gehlot News: पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के साथ कांग्रेस छोड़कर जाने वाले नेताओं को निशाने पर लिया है। गहलोत ने कांग्रेस छोड़कर जाने वालों को गद्दार, नालायक, निकम्मा तक कह दिया। गहलोत ने दावा किया कि राजस्थान में बीजेपी की कम सीट आने की हालत में चुनाव बाद सीएम बदल रहे हैं, सीएम का क्या कसूर है? गहलोत प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे।

कांग्रेस छोड़कर जाने वालों को नॉन-परफॉर्मिंग एसेट कहने के सवाल पर गहलोत ने कहा- कांग्रेस छोड़कर जाने वालों को चाहे अवसरवादी कह दीजिए, नॉन-परफॉर्मिंग कह दीजिए, निकम्मे कह दो, नाकारा कह दो, पीठ में छुरा घोंपने वाला कह दो, ये तमाम शब्द प्रयोग करते हैं। जो गद्दारी करता है वह गद्दार है, पीठ में छुरा घोंपे, उनको आप क्या कहोगे। उनके लिए यही शब्द हैं।

गहलोत ने कहा- कांग्रेस छोड़कर जाने वालों ने अच्छा नहीं किया। पांच साल आप राज करो और फिर संकट में हो तो छोड़कर चले जाओ। यह वक्त था काम करने का, इतिहास उससे बनता है। मैं आपके सामने खड़ा हूं, जिस वक्त इंदिरा गांधी खुद चुनाव हार गई थीं, कांग्रेस साफ हो गई थी, उत्तर भारत में एक सीट आई थी नाथूराम मिर्धा की, तब हम लोगों ने मजबूती दिखाई। संकट में साथ खड़े रहे। बाद में इंदिरा गांधी की वापस आंधी चली। कांग्रेस के अच्छे दिन आए तो उस वक्त जो साथ खड़े थे, पिछले 40 साल से पार्टी में वो ही बड़े पदों पर हैं।

गद्दार-अवसरवादी भी पार्टी में रहते हैं, ऐसे नेता लायबिलिटी नहीं बनें

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा- कांग्रेस और गांधी परिवार की यह खासियत है कि जो संकट में साथ देता है, उसको पद मांगने की जरूरत नहीं रहती। जो गद्दारी करते हैं, पीठ में छुरा घोंपते हैं वो भी पार्टी में रहते हैं। जो पार्टी के साथ हैं, मैं उन लोगों को भी कहना चाहूंगा, कल आपका है और उम्र तो अपनी कोई रोक नहीं सकता। उनको चाहिए कि वो इस तरह का व्यवहार करें, जिससे आने वाले 15 साल बाद वह कांग्रेस के एसेट रहें, लायबिलिटी नहीं बनें। जो केंद्रीय मंत्री बन गए थे, वह भी छोड़ कर चले गए। वो नौजवान थे, पहली बार में केंद्रीय राज्य मंत्री बनने का अवसर मिला। मैं तो पहले उप मंत्री बना था। केंद्र में ये तो राज्य मंत्री बने, उसके बावजूद छोड़कर चले गए।

बीजेपी हार रही है तो सीएम का क्या कसूर है?

गहलोत ने कहा- राजस्थान में बिजली, कानून व्यवस्था की बुरी स्थिति है। लोग कहते हैं चुनाव के बाद सीएम को हटा देंगे। अभी तो 4-5 महीने ही हुए हैं। बीजेपी हार रही है तो सीएम का क्या कसूर है? इनको क्यों हटा रहे हो? कसूर तो मोदी-शाह का है। आपने आकर झूठ बोला, हमारी सरकार पर झूठे आरोप लगाए, हमारी सरकार चली गई। अब जनता उसका बदला ले रही है। अब हम राजस्थान में लोकसभा चुनाव जीतेंगे, उसके तीन कारण हैं। हमारा चुनाव मैनेजमेंट शानदार रहा है। नई सरकार को कोई काम नहीं करने दे रहे, सरकार रिमोट से चल रही है और नंबर तीन अमित शाह से लेकर सबने एक से बढ़कर एक झूठ बोले।

मुख्यमंत्री को अच्छे सलाहकारों की जरूरत है, रिमोट से चलेंगे तो कामयाब नहीं होंगे

गहलोत ने कहा- यूपी, गुजरात, मध्य प्रदेश में 25 बार पेपर आउट हो गया। वहां एक शब्द नहीं बोला गया। हमारे यहां पर मोदी, शाह और बीजेपी नेताओं ने नौजवानों को भड़काया। अब परीक्षाओं के पेपर लीक हो जाते हैं, पूरे देश में हो रहे हैं। मोदी ने इसे राजस्थान में मुद्दा बनाया, अपराध को मुद्दा बनाया। अब आप बताइए, राजस्थान में कितने अपराध रोज हो रहे हैं। इन सबके लिए मुख्यमंत्री को फुर्सत नहीं है। राजस्थान में स्थिति बड़ी नाजुक होती जा रही है। मुख्यमंत्री नए-नए बने हैं, उनको अच्छे सलाहकारों की जरूरत है जिससे कि वह कामयाब हो सकें। रिमोट से चलेंगे तो कभी कामयाब नहीं होंगे। आरएसएस और दिल्ली की शह पर चलकर कभी कामयाब नहीं हो सकते।

कुर्सी सब सिखा देती है, सीएम घबराएं नहीं, पांच साल पूरे करें, मेरी हमदर्दी उनके साथ

पूर्व सीएम ने कहा- कुर्सी सब सिखा देती है, सीएम घबराएं नहीं। घबराएंगे तो चले जाएंगे। घबरा गए तो जाना निश्चित है। मोदी-शाह उनको बाद में हटा देंगे। मोदी और अमित शाह की जिस तरह की स्टाइल है, पहले प्यार-मोहब्बत करो, तारीफ करो और फिर हटा दो। मेरी हमदर्दी उनके साथ में है। आप 5 साल पूरे करो। आरएसएस-बीजेपी के नेताओं का दबाव मत मानो।

पीएम ने कहा था जनहित की स्कीम बंद नहीं करेंगे, अब हमारी स्कीम्स को क्यों बंद कर रहे?

अशोक गहलोत ने कहा- पीएम ने कहा था कि सरकार आने पर मैं कोई स्कीम बंद नहीं करूंगा। मैंने कहा था बीजेपी राज आने पर मेरी स्कीम्स को बंद करेंगे, कमजोर करेंगे। अब मैं उनको याद दिलाना चाहता हूं कि हमारी स्कीम्स को कमजोर क्यों कर रहे हो? कई स्कीम्स को बंद क्यों कर रहे हो? अन्नपूर्णा किट क्यों बंद कर दिए, उन पर मेरी फोटो लगी थी। मेरी फोटो हटाकर नए मुख्यमंत्री की फोटो लग जाती, स्कीम क्यों बंद कर दी? ऐसी कई योजनाएं हैं जो बंद की जा रही हैं।

ओबीसी आयोग की रिपोर्ट पर पिछड़ी मुसलमान जातियों को ओबीसी में शामिल किया था, सबको नहीं

मुस्लिम जातियों के ओबीसी आरक्षण को रिव्यू करने के सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री के बयान पर गहलोत ने कहा- ये लोग कुछ भी बयान दें, लेकिन हमारी सरकार ने ओबीसी आयोग की​ रिपोर्ट के आधार पर पिछड़ी मुस्लिम जातियों को आरक्षण दिया था। ओबीसी आयोग की सिफारिश के बाद ही आरक्षण दिया था। 25 साल पहले जब जाटों और विश्नोइयों को ओबीसी आरक्षण मिला, उस वक्त कायमखानी सहित सिंधी मुसलमान और जो जातियां बैकवर्ड थीं, उनको आरक्षण दिया है। सब मुसलमानों को आरक्षण थोड़े ही दिया है। जो ओबीसी की कैटेगरी में आने लायक था, जिन्हें मिलना चाहिए था, उन्हें ही मिला है।

सामाजिक सुरक्षा पेंशन बकाया होने के सवाल पर गहलोत ने कहा- मुख्यमंत्री अभी लोकसभा चुनाव प्रचार में बिजी हैं, इसलिए उनको कोई फीडबैक देता ही नहीं होगा। चार महीने हो गए पेंशन दिए हुए। विधवा, गरीब और बुजुर्गों के लिए 4 महीने की पेंशन बकाया होना बहुत बड़ी बात होती है। मैंने भी ट्वीट करके याद दिलाया था, सीएम को चाहिए कि वे तत्काल फैसला करें।

गहलोत ने पायलट को भी बताया था ‘नकारा-निकम्मा’

एक समय में यही सारी बातें गहलोत ने सचिन पायलट के लिए इस्तेमाल किया था. राजस्थान की सियासत में अक्सर अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच खींचतान बनी रहती है. गहलोत लगातार पायल पर हमलावर रहते हैं. दो साल पहले सियासी संकट को लेकर गहलोत ने पायलट के लिए न जाने क्या क्या कहा था. कई ऐसे शब्दों का भी इस्तेमाल किया था, जो नहीं की जानी चाहिए थी.

इसको लेकर जब पायलट से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकता. ऐसी भाषा उचित नहीं है. हमें इस बात का बहुत ध्यान रखना चाहिए कि हम क्या बोलते हैं और क्या कहते हैं. अतीत में जो हुआ मैं उस पर नहीं जाना चाहता. हालांकि, बाद में गहलोत और पायलट के बीच में दोस्ती हो गई थी. मगर आज भी दोनों नेताओं के संबंध उतने अच्छे नहीं हैं. हालांकि, इस समय दोनों नेताओं के एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी बंद कर दी है.

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER