- भारत,
- 06-Aug-2025 09:57 AM IST
US-Russia Trade: मंगलवार को व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि अमेरिका रूस से केमिकल और फर्टिलाइजर इंपोर्ट करता है। यह बयान भारत के उस दावे के जवाब में आया, जिसमें भारत ने कहा था कि अमेरिका अपनी न्यूक्लियर इंडस्ट्री, फर्टिलाइजर्स और केमिकल्स के लिए रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड का आयात जारी रखे हुए है। एएनआई द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा, "मुझे इसके बारे में कुछ नहीं मालूम। हमें इसकी जांच करनी होगी।"
ट्रंप की नई धमकी
ट्रंप का यह बयान उनकी सोमवार की उस घोषणा के बाद आया, जिसमें उन्होंने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए कहा था कि अमेरिका भारत पर रूसी तेल की खरीद के लिए शुल्क में "काफी बढ़ोतरी" करेगा। ट्रंप ने दावा किया कि भारत न केवल भारी मात्रा में रूसी तेल खरीद रहा है, बल्कि इसे खुले बाजार में भारी मुनाफे पर बेच रहा है, और उसे यूक्रेन में रूसी युद्ध मशीन के प्रभावों की कोई परवाह नहीं है। उन्होंने कहा, "इसी वजह से मैं भारत द्वारा अमेरिका को दिए जाने वाले टैरिफ में काफी बढ़ोतरी करूंगा।"
भारत का कड़ा जवाब
भारत ने ट्रंप के बयान का कड़ा विरोध किया और विदेश मंत्रालय ने इसे "अनुचित और बेतुका" करार दिया। भारत ने स्पष्ट किया कि रूस से उसका आयात बाजार की जरूरतों और ऊर्जा सुरक्षा पर आधारित है, खासकर यूक्रेन संघर्ष के बाद जब पश्चिमी देशों ने पारंपरिक सप्लाई को यूरोप की ओर मोड़ दिया था। भारत ने कहा कि उसने रूस से आयात शुरू किया क्योंकि वैश्विक ऊर्जा बाजारों की स्थिरता को मजबूत करने के लिए अमेरिका ने ही ऐसे आयातों को प्रोत्साहित किया था।
भारत ने अपने बयान में कहा, "हमारा उद्देश्य भारतीय उपभोक्ताओं के लिए अनुमानित और किफायती ऊर्जा लागत सुनिश्चित करना है। वैश्विक बाजार की स्थिति के कारण यह एक अनिवार्य आवश्यकता है। हालांकि, यह उजागर होता है कि भारत की आलोचना करने वाले देश खुद रूस के साथ व्यापार में शामिल हैं, जो हमारे मामले के विपरीत, कोई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय बाध्यता नहीं है।"
यूरोपीय संघ और रूस का व्यापार
भारत ने यह भी बताया कि 2024 में रूस के साथ यूरोपीय संघ का द्विपक्षीय व्यापार 67.5 बिलियन यूरो तक पहुंच गया, जिसमें 16.5 मिलियन टन एलएनजी शामिल है। यह व्यापार भारत के रूस के साथ व्यापार की मात्रा से कहीं अधिक है। भारत ने इस बात पर जोर दिया कि वह अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।
