विदेश / अमेरिकी जज ने टेक्सास के गर्भपात कानून पर लगाई अस्थाई रोक

Zoom News : Oct 07, 2021, 03:47 PM
टेक्सस: अमेरिका में एक फेडरल जज ने टेक्सस के विवादित गर्भपात कानून पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है. जज ने रोक राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन द्वारा किए गए अनुरोध के बाद लगाई.टेक्सस में एक सितंबर को लागू किए गए इस कानून के तहत लगभग हर तरह के गर्भपात पर रोक लग गई थी. इस कानून के तहत भ्रूण में दिल की धड़कन के पाए जाने के बाद गर्भपात कराने पर मनाही है. धड़कन का पता अमूमन गर्भ के छठे हफ्ते में चलता है लेकिन कई मामलों में इस अवधि तक महिलाओं को पता नहीं चल पाता है कि वो गर्भवती हैं. इस कानून में बलात्कार के मामलों से हुए गर्भ धारण के लिए भी कोई छूट नहीं है. पूरे देश में इस कानून का विरोध हो रहा है. बाइडेन सरकार ने डिस्ट्रिक्ट जज रॉबर्ट पिटमैन से अनुरोध किया था कि इस कानून को लागू होने से रोका जाए क्योंकि यह अमेरिकी संविधान के खिलाफ है

टेक्सस प्रशासन चाहे तो इस रोक के खिलाफ अपील कर सकता है. 113 पन्नों के अपने फैसल में जज पिटमैन ने कहा कि टेक्सस के अधिकारियों ने "एक अभूतपूर्व और आक्रामक योजना बनाई है जिसने राज्य के नागरिकों से एक महत्वपूर्ण और स्थापित संवैधानिक अधिकार छीन लिया है" कानून के आधिकारिक नाम सीनेट बिल आठ के बारे में कहते हुए जज ने आगे कहा, "जिस क्षण से एसबी आठ लागू हुआ, महिलाओं को गैर कानूनी रूप से उनके अपने जीवन से जुड़े फैसले लेने के संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त अधिकारों से वंचित कर दिया गया है" जज ने यह भी कहा,"यह अदालत इतने महत्वपूर्ण अधिकार के इतने अपमानजनक हरण को एक और दिन भी चलने की अनुमति नहीं देगी" चूंकि टेक्सस अभी भी इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकता है, संभव है कि मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच जाए. व्हाइट हाउस ने फैसले का स्वागत करते हुए उसे "टेक्सस में महिलाओं के संवैधानिक अधिकार को बहाल करने की राह में एक महत्वपूर्ण कदम बताया" लेकिन प्रवक्ता जेन साकी ने कहा कि इसके बावजूद गर्भपात के अधिकार पर टेक्सस और अन्य राज्यों में अभी भी खतरा मौजूद है, इसलिए बाइडेन इस बात का समर्थन करते हैं कि गर्भपात के अधिकार को देने वाले सुप्रीम कोर्ट के महत्वपूर्ण रो बनाम वेड फैसले को कानून की शक्ल दी जाए. नौ जजों वाले सुप्रीम कोर्ट में रूढ़िवादी बहुमत में हैं. अदालत ने पहले ही टेक्सस वाले कानून को रोकने के लिए की गई अपीलों को अस्वीकार कर दिया था. हालांकि ऐसा करने के लिए अदालत ने प्रक्रिया संबंधी कारण बताए थे और मामले के गुणों पर कोई टिप्पणी नहीं की थी.

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