- भारत,
- 09-Sep-2025 06:10 PM IST
Nepal Protest News: नेपाल में हाल के दिनों में हिंसक प्रदर्शनों ने देश को सियासी संकट की ओर धकेल दिया है। सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के बाद भड़के आंदोलन ने इतना विकराल रूप ले लिया कि पहले प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और फिर राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल को अपने पदों से इस्तीफा देना पड़ा। इसके बावजूद, काठमांडू समेत कई शहरों में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। प्रदर्शनकारियों की हिंसा में अब तक 20 लोगों के मारे जाने की खबर है।
सोशल मीडिया बैन से शुरू हुआ विवाद
नेपाल सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंध ने युवाओं में आक्रोश पैदा कर दिया। खास तौर पर जनरेशन-Z ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला माना और सड़कों पर उतर आए। सोमवार को पीएम ओली ने कहा था कि वह इस्तीफा दे सकते हैं, लेकिन सोशल मीडिया बैन नहीं हटाएंगे। हालांकि, प्रदर्शनकारियों के बढ़ते दबाव के चलते सरकार को यह प्रतिबंध हटाना पड़ा। लेकिन तब तक स्थिति इतनी बिगड़ चुकी थी कि इस्तीफे ही एकमात्र रास्ता बचा था।
पीएम और राष्ट्रपति के इस्तीफे
तनावपूर्ण माहौल के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 77(1) के तहत अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे को राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने स्वीकार किया। लेकिन इसके तुरंत बाद, राष्ट्रपति पौडेल ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसने देश को और गहरे संकट में डाल दिया। ओली ने अपने इस्तीफे में लिखा:
नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 76(2) के अनुसार, मुझे 31 आषाढ़, 2081 बी.एस. को प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था। देश की वर्तमान असाधारण स्थिति को ध्यान में रखते हुए, और संविधान के अनुसार, एक राजनीतिक रास्ता निकालने और स्थिति को हल करने के लिए आगे की पहल करने हेतु, मैं आज से प्रभावी, प्रधानमंत्री के पद से अपना इस्तीफा देता हूं।
इन इस्तीफों के बावजूद प्रदर्शनकारी शांत नहीं हुए हैं। सड़कों पर हिंसा और आगजनी की घटनाएं लगातार जारी हैं।
नेपाली सेना का हस्तक्षेप
जैसे-जैसे प्रदर्शन तेज हुए, नेपाली सेना को हालात पर काबू पाने के लिए कदम उठाना पड़ा। भैसपति में मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के आवासों पर आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं के बाद, सेना ने हेलीकॉप्टरों के जरिए मंत्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। भैसपति में एक मंत्री के आवास को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया, जिसने स्थिति की गंभीरता को और उजागर किया।
बलेंद्र शाह की अपील
काठमांडू के मेयर बलेंद्र शाह, जिन्हें प्रदर्शनकारियों के बीच एक प्रभावशाली नेता माना जा रहा है, ने फेसबुक के जरिए जनरेशन-Z से शांति बनाए रखने और घर लौटने की अपील की। उन्होंने लिखा:
"Gen-Z, देश आपके हाथों में है। आप ही इसे बनाएंगे। अब आप घर लौट जाएं।"
उनकी इस अपील का कितना असर होगा, यह देखना बाकी है, क्योंकि प्रदर्शनकारी अभी भी सड़कों पर डटे हुए हैं।
आगे क्या?
नेपाल के इस सियासी संकट ने देश को अनिश्चितता के भंवर में डाल दिया है। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद नई सरकार के गठन और नेतृत्व को लेकर सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडिया बैन हटने के बावजूद, प्रदर्शनकारियों की नाराजगी कम नहीं हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच संवाद की कमी इस संकट को और गहरा सकती है।
नेपाल की जनता और अंतरराष्ट्रीय समुदाय अब इस बात पर नजर रखे हुए हैं कि यह संकट किस दिशा में बढ़ता है। क्या देश में शांति बहाल होगी, या यह उथल-पुथल और गहराएगी? यह समय ही बताएगा।
