रिलेशनशिप / जब पहली बार इस मॉडल ने पहनी बिकिनी, तो रातों-रात आ गए 50 हजार खत

NavBharat Times : Apr 09, 2020, 01:41 PM
लाइफस्टाइल डेस्क | आज एक समय में मॉडर्न और स्टाइलिश दिखना किसे पसंद नहीं होता। आज के समय में बिकिनी महिलाओं का सबसे फेवरेट बीचवियर बनती जा रही है। फैशन वर्ल्ड में जबरदस्त तरीके से छा चुकी बिकिनी आज हर किसी की पहनी पसंद है। बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड गलियारे तक बड़ी-बड़ी एक्ट्रेसेस और मशहूर मॉडल अपने परफेक्ट फिगर को फ्लॉन्ट करने के लिए बिकिनी का ही सहारा लेती हैं। लेकिन क्या आप इस बात को जानती हैं कि आज फैशन स्टेटमेंट बन चुकी बिकिनी को पहली बार किसने पहना था? आखिरकार बिकिनी सबसे पहले बनाई किसने थी? नहीं ना, आज हम आपको कुछ ऐसे ही सवालों के जवाब दे रहे हैं।

कैसे हुई बिकिनी की शुरुआत

1939 से 1945 तक चलने वाले द्वितीय (दूसरे) विश्वयुद्ध के दौरान यूरोप में पैसे की काफी कमी हो गई थी। कहा जाता है इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग 10 करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया था जो अभी तक मानव इतिहास का यह सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। जिसके चलते अधिकतर पैसा युद्ध में इस्तेमाल में लाए जाने सामान की पूर्ति करने में लग गया। इसी कारण यूरोप में खाने की चीजों से लेकर कपड़े तक की कमी हो गई। जिसके बाद अमेरिका के तरफ से आए निर्देशों के मुताबिक महिलाओं के स्विमशूट में कटौती करने को कहा गया, क्योंकि इन्हें बनाने में अधिक कपडा लगता था। तब फ्रेंच मैकेनिकल इंजीनियर लुईस लेअर्द ने 5 जुलाई 1946 को बिकिनी ईजाद की। इतने कम कपड़े में बने इस फ़ैशनेबल पहनावे को देखकर दुनिया में तहलका मच गया।

‘बिकिनी’ नाम कैसे पड़ा

दरअसल, जिस जगह पर सबसे पहले बिकिनी को बनाया गया उसका जगह का नाम पहले से ही बिकिनी अटॉल था। ये पहले अमेरिका की परमाणु परीक्षण साइट हुआ करती थी। यहां अमेरिका अपने न्यूक्लियर हथियारों का परीक्षण किया करता था, लेकिन समय की पड़ती मार को देखते हुए यहां बिकिनी बनाने का फैसला लिया गया। लेकिन दिक्कत तो थी केवल इसके नाम की! तीन दिन इसी दुविधा में बीत गए, ऐसे में बिकिनी बनाने का काम जोरों पर था लेकिन नाम न होने के कारण इसको मार्किट में उतारने से लोग डर रहे थे। ऐसे में तब इंजीनियर साहब का दिमाग दौड़ा और उन्होंने बिकिनी अटॉल नाम पर ही इसका नाम बिकिनी रखा।

किसी मॉडल ने नहीं किया इसका प्रचार

दरअसल, बिकिनी बन जाने के एक महीने बाद तक कोई भी अमेरिकन मॉडल इसका प्रचार करने को तैयार नहीं थी। क्योंकि बिकनी के मार्किट में आते ही स्पेन और इटली ने इसे पहनने पर कड़ा प्रतिबंध लगा दिया था। तब कैसीनो डी पेरिस में एक 19 वर्षीय फ्रांसीसी पॉर्न डांसर मिशेलाइन बर्नार्डिनी ने इसका ऐड किया। मिशेलाइन के बिकिनी ऐड के बाद सभी लोग उनकी खूबसूरती के मुरीद हो गए, और देखते ही देखते उन्हें खत लिखने लगे। कहा तो ऐसा भी जाता है मिशेलाइन को दो दिनों के भीतर ही 50 हजार खत मिले। इसके बाद 1951 में हुए फर्स्ट मिस वर्ल्ड ब्यूटी पेजंट की प्रतिभागियों ने बिकिनी पहनकर रैंप वॉक किया। 

फिर क्या था फ़्रांस में बिकिनी खूब हिट हुई। धीरे-धीरे बिकिनी को पूरी दुनिया में पसंद किया जाने लगा। हॉलीवुड फिल्मों में एक्ट्रेस के होल्ड एंड बोल्ड अवतार को फिल्माने के लिए बिकिनी का प्रयोग किया जाने लगा। तब से आज तक बिकिनी को फैशन स्टेटमेंट के तौर पर इस्तेमाल में लाया जाने लगा है।

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