Bihar Elections 2025 / ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर क्यों शांत हो गईं विपक्षी पार्टियां? EC को नहीं मिली आपत्ति

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले SIR मुद्दे पर राजनीतिक गरमाहट बढ़ी है। विपक्ष आरोप लगा रहा है कि वोटों की चोरी हो रही है, जबकि चुनाव आयोग का दावा है कि अब तक किसी पार्टी ने आधिकारिक आपत्ति दर्ज नहीं कराई। आयोग ने योग्य मतदाताओं को सूची में शामिल होने की अपील की है।

Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनावों से पहले विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) का मुद्दा राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चा में है। विपक्ष, खासकर कांग्रेस, ने इसे "वोट की चोरी" करार देते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इन आरोपों के बीच, चुनाव आयोग ने एक बड़ा खुलासा किया है, जिसके अनुसार विपक्ष की ओर से अब तक एक भी औपचारिक आपत्ति दर्ज नहीं की गई है। यह स्थिति तब है, जब चुनाव आयोग ने बार-बार सभी राजनीतिक दलों और नागरिकों से मतदाता सूची में सुधार के लिए दावे और आपत्तियां दर्ज करने की अपील की है।

चुनाव आयोग का रुख

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि उसका उद्देश्य बिहार की अंतिम मतदाता सूची को पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष बनाना है। आयोग का कहना है कि कोई भी योग्य मतदाता सूची से न छूटे और कोई अयोग्य मतदाता उसमें शामिल न हो। इसके लिए 1 अगस्त, 2025 को बिहार की प्रारूप मतदाता सूची जारी की गई थी। इस सूची में किसी भी त्रुटि को सुधारने के लिए आयोग ने सभी पक्षों से दावे और आपत्तियां दर्ज करने का आह्वान किया था। हालांकि, 9 दिन बीत जाने के बाद भी किसी भी राजनीतिक दल ने कोई औपचारिक दावा या आपत्ति दर्ज नहीं की है।

संसद में हंगामा

SIR को लेकर संसद के मानसून सत्र में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। विपक्षी दलों, विशेष रूप से कांग्रेस और राजद, ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ मिलकर SIR के जरिए मतदाताओं के नाम काट रहा है, जिसे उन्होंने "वोट की चोरी" का नाम दिया। इस मुद्दे पर संसद में तीखी बहस हुई, जिसके कारण सत्र का सुचारू संचालन प्रभावित हुआ। विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सरकार और चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए, लेकिन ठोस सबूत या औपचारिक शिकायत दर्ज करने में वे पीछे रहे।

विपक्ष की चुप्पी

चुनाव आयोग ने प्रारूप मतदाता सूची जारी करने के बाद सभी राजनीतिक दलों और आम नागरिकों से अपील की थी कि यदि किसी का नाम गलती से काटा गया हो, तो वे आवश्यक दस्तावेज जमा करके इसे सुधार सकते हैं। इसके बावजूद, किसी भी राजनीतिक दल ने अब तक कोई आपत्ति दर्ज नहीं की है। बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सार्वजनिक मंचों पर कहा था कि वे और उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) "वोटों की चोरी" को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। हालांकि, उनकी ओर से भी कोई औपचारिक आपत्ति या दावा दर्ज नहीं किया गया है।