Rupee vs Dollar / रुपए में डॉलर को पीछे छोड़ आएगी ताबड़तोड़ तेजी? हुई बड़ी भविष्यवाणी

कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और डॉलर की मांग के बावजूद, आर्थिक आंकड़ों के बेहतर आने की संभावना से रुपए में तेजी की उम्मीद है। विशेषज्ञों के अनुसार रुपया 85 का स्तर तोड़कर 84 तक मजबूत हो सकता है। निकट भविष्य में 60-80 पैसे की तेजी संभव है।

Rupee vs Dollar: हाल ही में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और डॉलर की मजबूत मांग के चलते भले ही भारतीय रुपया दबाव में नजर आया हो, लेकिन जानकारों की मानें तो यह स्थिति स्थायी नहीं है। आने वाले दिनों में रुपए में जबरदस्त उछाल देखने को मिल सकता है। अनुमान है कि रुपया जल्द ही 85 के स्तर को तोड़कर 84 तक पहुंच सकता है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यह मजबूती 60 से 80 पैसे तक की हो सकती है, जो हालिया आर्थिक आंकड़ों के बेहतर रहने की उम्मीदों पर आधारित है।

बुधवार को फ्लैट नोट पर बंद हुआ रुपया

बुधवार को रुपए में दिन की शुरुआत दबाव के साथ हुई थी, जो दिनभर अस्थिरता के बीच घूमता रहा और अंततः 85.40 पर स्थिर होकर बंद हुआ। यह स्तर पिछले कारोबारी सत्र से कोई बदलाव नहीं दर्शाता। दिनभर के कारोबार में रुपया 85.33 के उच्चतम स्तर और 85.72 के निचले स्तर के बीच रहा।

डॉलर के मुकाबले स्थानीय करेंसी पर दबाव का मुख्य कारण महीने के अंत में डॉलर की बढ़ी हुई मांग और घरेलू इक्विटी बाजारों की नकारात्मक चाल रही। निवेशक भी घरेलू औद्योगिक उत्पादन और आगामी जीडीपी डेटा की प्रतीक्षा में सतर्कता बरत रहे हैं।

क्यों आ सकती है रुपया में तेजी?

एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) जतिन त्रिवेदी के अनुसार, डॉलर इंडेक्स के स्थिर रहने से फिलहाल रुपया भी स्थिर नजर आ रहा है। हालांकि, जैसे ही प्रमुख वैश्विक आर्थिक आंकड़े सामने आएंगे – जैसे कि यूएस फेडरल रिजर्व की बैठक के मिनट्स, Q1 जीडीपी और कोर पीसीई प्राइस इंडेक्स – रुपए की दिशा तय होगी।

उन्होंने बताया कि द्वितीयक बाजारों में विदेशी फंड्स की भागीदारी अगर सकारात्मक रही, तो रुपए में मजबूती देखने को मिल सकती है। उन्होंने निकट भविष्य में रुपया 84.80 से 85.75 के दायरे में रहने की संभावना जताई है।

वैश्विक कारक: कच्चा तेल और डॉलर इंडेक्स

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में फिर से उछाल देखने को मिल रहा है। ब्रेंट क्रूड ऑयल 0.67% बढ़कर 64.52 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच चुका है। डॉलर इंडेक्स भी 0.05% बढ़कर 99.47 पर कारोबार करता देखा गया, जिससे डॉलर की मजबूती बनी रही।

डॉलर की इस मजबूती के पीछे अमेरिका में उपभोक्ता विश्वास सूचकांक में सुधार और टिकाऊ वस्तुओं के ऑर्डर में वृद्धि जैसे पॉजिटिव डेटा रहे हैं।

घरेलू बाजारों की स्थिति

बीएसई सेंसेक्स 239.31 अंक गिरकर 81,312.32 पर बंद हुआ जबकि एनएसई निफ्टी 73.75 अंक की गिरावट के साथ 24,752.45 पर रहा। हालांकि विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 348.45 करोड़ रुपए के शेयरों की खरीदारी की, जो बाजार में लंबे समय के लिए सकारात्मक संकेत है।