Dhanteras 2023 / इन देवताओं की करें धनतेरस के दिन पूजा, हर मनोकामना होगी पूरी

हिन्दू धर्म में हर साल कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है और यह त्योहार 5 दिन चलने वाले दिवाली उत्सव का पहला दिन है. इन 5 दिनों पांच देवों की पूजा जाती है. हिंदू धर्म के मुताबिक दिवाली का पर्व एक उत्सव है, जिसकी शुरुआत धनतेरस से हो जाती है और अंत भाई दूज पर होता है. हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, धनतेरस के दिन सोने-चांदी के सामान की खरीदारी की जाती है. यह दिन खरीदारी के लिए शुभ माना जाता है.

Dhanteras 2023: हिन्दू धर्म में हर साल कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है और यह त्योहार 5 दिन चलने वाले दिवाली उत्सव का पहला दिन है. इन 5 दिनों पांच देवों की पूजा जाती है. हिंदू धर्म के मुताबिक दिवाली का पर्व एक उत्सव है, जिसकी शुरुआत धनतेरस से हो जाती है और अंत भाई दूज पर होता है. हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, धनतेरस के दिन सोने-चांदी के सामान की खरीदारी की जाती है. यह दिन खरीदारी के लिए शुभ माना जाता है. धनतेरस तिथि से लोग घरों को रोशन कर देते हैं और दिवाली उत्सव में शामिल हो जाते हैं. हर साल लोग धनतेरस मनाते हैं.

अगर आप धनतेरस का पर्व मनाने जा रहे हैं तो सबसे पहले जान लें कि धनतेरस के दिन किस भगवान की पूजा करें और किसी पूजा करने से क्या फल मिलता है. बता दें कि, धनतेरस में पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 45 मिनट से शुरू होकर 7 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगा. मान्यता है कि इस शुभ मुहूर्त में, लक्ष्मी, गणेश, कुबेर देवता और धन्वंतरि देव की पूजा-अराधना करने से घर में सुख-समृद्धि आती है.

धन्वंतरि पूजा

धन तेरस के दिन समुद्र मंथन से आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. अमृत कलश के अमृत का पान करके देवता अमर हो गए थे. इसीलिए आयु और स्वस्थता की कामना हेतु धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि का पूजन किया जाता है.

लक्ष्मी पूजा

इस दिन लक्ष्मी पूजा का भी महत्व है. श्रीसूक्त में वर्णन है कि लक्ष्मीजी भय और शोक से मुक्ति दिलाती हैं तथा धन-धान्य और अन्य सुविधाओं से युक्त करके मनुष्य को निरोगी काया और लंबी आयु देती हैं.

कुबेर पूजा

धन के देवता कुबेर की इस दिन विशेष पूजा होती है. कुबेर भी आसुरी प्रवृत्तियों का हरण करने वाले देव हैं इसीलिए उनकी भी पूजा का प्रचलन है.

यम पूजा

धन तेरस के दिन यम पूजा का भी महत्व है. कहते हैं कि धनतेरस के दिन यमराज के निमित्त जहां दीपदान किया जाता है, वहां अकाल मृत्यु नहीं होती है.

गणेश पूजा

गणेशजी की पूजा प्रत्येक मांगलिक कार्य और त्योहार में की जाती है क्योंकि वे प्रथम पूज्य हैं. सभी के साथ गणेश पूजा की जाना जरूरी होती है.

पशु पूजा

धनतेरस के दिन ग्रामीण क्षेत्र में मवेशियों को अच्छे से सजाकर उनकी पूजा करते हैं, क्योंकि ग्रामीणों के लिए पशु धन का सबसे ज्यादा महत्व होता है. दक्षिण भारत में लोग गायों को देवी लक्ष्मी के अवतार के रूप में मानते हैं इसलिए वहां के लोग गाय का विशेष सम्मान और आदर करते हैं.