- भारत,
- 05-Jul-2025 09:43 PM IST
China News: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग बीते दो हफ्तों से सार्वजनिक जीवन से पूरी तरह गायब हैं। न कोई भाषण, न कोई तस्वीर, और न ही किसी आधिकारिक कार्यक्रम में हिस्सा। अब जब यह साफ हो गया है कि वे ब्राजील में होने वाले BRICS सम्मेलन में भी हिस्सा नहीं लेंगे, तो यह सवाल और गहरा हो गया है कि क्या चीन की सत्ता में कोई बड़ा बदलाव होने वाला है?
शी की गैरमौजूदगी और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) की चुप्पी ने अटकलों को हवा दी है। अगर शी जिनपिंग की सत्ता वाकई कमजोर हो रही है, तो अगला नेता कौन होगा? आइए जानें उन नामों को, जो इस वक्त बीजिंग के पावर सर्कल में सबसे ज्यादा चर्चा में हैं।
संभावित उत्तराधिकारी
ली क्यांग: प्रधानमंत्री और जिनपिंग के सबसे भरोसेमंद
ली क्यांग को 2023 में चीन का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था। वे लंबे समय से शी जिनपिंग के करीबी माने जाते हैं। शंघाई में कोविड लॉकडाउन के दौरान उनके सख्त प्रशासनिक रवैये ने उन्हें नेतृत्व की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। हाल ही में उन्होंने G20 जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चीन का प्रतिनिधित्व किया, जिससे संकेत मिलता है कि पार्टी उन्हें अंतरराष्ट्रीय चेहरा बनाने को तैयार है। हालांकि, उनकी शी के प्रति वफादारी उन्हें एक स्वतंत्र नेता के रूप में स्थापित होने में बाधा बन सकती है।
जनरल झांग यूशिया: सेना के दम पर संभावित उत्तराधिकारी
जनरल झांग यूशिया, सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (CMC) के पहले उपाध्यक्ष, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) में शी के बाद सबसे ताकतवर शख्स हैं। हाल की रिपोर्ट्स के अनुसार, शी की अनुपस्थिति में सेना के फैसलों में उनकी भूमिका बढ़ी है। उन्हें पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ के गुट का समर्थन प्राप्त है, जो उन्हें एक मजबूत दावेदार बनाता है। सेना पर उनकी पकड़ और अनुभव उन्हें सत्ता के लिए एक गंभीर उम्मीदवार बनाते हैं, खासकर अगर पार्टी के भीतर सत्ता का संघर्ष सैन्य समर्थन पर निर्भर करता है।
झाओ लेजी: संवैधानिक पकड़ और प्रशासनिक अनुभव
झाओ लेजी, पोलितब्यूरो स्थायी समिति के वरिष्ठ सदस्य, पहले चीन के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के प्रमुख रह चुके हैं। वर्तमान में वे कानूनी और विधायी मामलों की देखरेख करते हैं। पार्टी में उन्हें एक समझदार और संतुलित नेता माना जाता है, जो विभिन्न गुटों को एकजुट कर सकता है। उनकी यह क्षमता उन्हें सत्ता के लिए एक मजबूत दावेदार बनाती है, खासकर अगर पार्टी स्थिरता को प्राथमिकता देती है।
वांग हुनिंग: पार्टी की विचारधारा के शिल्पकार
वांग हुनिंग को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का ‘थिंक टैंक’ माना जाता है। उन्होंने तीन राष्ट्रपतियों—जियांग जेमिन, हू जिंताओ और शी जिनपिंग—के साथ काम किया है और ‘शी जिनपिंग थॉट’ जैसी विचारधाराओं को गढ़ने में अहम भूमिका निभाई। हालांकि, उनके पास प्रशासनिक अनुभव की कमी है, लेकिन उनकी वैचारिक विशेषज्ञता और किंगमेकर की भूमिका उन्हें सत्ता के खेल में महत्वपूर्ण बनाती है। वे शायद प्रत्यक्ष नेतृत्व की बजाय पर्दे के पीछे से प्रभाव डालना पसंद करें।
डिंग श्वेइशियांग: जिनपिंग के सबसे करीबी सहयोगी
डिंग श्वेइशियांग, जो शी जिनपिंग के चीफ ऑफ स्टाफ रह चुके हैं, पार्टी की उच्चतम परतों तक पहुंचने वाले उन चुनिंदा नेताओं में हैं, जिनके पास प्रांतीय शासन का अनुभव नहीं है। उनका राजनीतिक कद पूरी तरह शी के भरोसे पर टिका है। अगर शी जिनपिंग की पसंद को प्राथमिकता दी जाती है और पार्टी में अचानक बदलाव होता है, तो डिंग एक प्रमुख दावेदार हो सकते हैं। हालांकि, उनकी शी पर निर्भरता उनकी स्वतंत्र छवि को कमजोर कर सकती है।
क्या चीन की सत्ता के केंद्र में हलचल है?
शी जिनपिंग का दो हफ्तों तक सार्वजनिक रूप से नजर न आना और BRICS जैसे महत्वपूर्ण मंच से दूरी बनाना महज संयोग नहीं माना जा सकता। हाल के महीनों में सेना में हुई बर्खास्तगियां, पार्टी के भीतर उभरती दरारें, और वैचारिक बदलावों की चर्चाएं इस बात की ओर इशारा करती हैं कि चीन की राजनीति में कुछ बड़ा होने वाला है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की चुप्पी ने इन अटकलों को और हवा दी है।
हालांकि, यह भी संभव है कि शी जिनपिंग की गैरमौजूदगी का कारण स्वास्थ्य समस्याएं या कोई व्यक्तिगत मामला हो। लेकिन उनकी अनुपस्थिति का समय और संदर्भ—खासकर BRICS सम्मेलन और सेना में हाल के बदलाव—यह सुझाव देते हैं कि बीजिंग में सत्ता के समीकरण बदल रहे हैं। अगर शी की सत्ता कमजोर होती है, तो अगला नेता न केवल चीन की घरेलू नीतियों को प्रभावित करेगा, बल्कि वैश्विक मंच पर भी चीन की स्थिति को नया रूप दे सकता है।