74वां स्वतंत्रता दिवस समारोह / वीरों को याद करते हुए पीएम मोदी ने किया लाल किले से सम्बोधित

Zoom News : Aug 15, 2020, 07:56 AM
नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल यहां लाल किले पर होने वाले 74वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में राष्ट्र का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर परम्परागत रूप से इस प्रतिष्ठित स्मारक की प्राचीर से राष्ट्र के नाम संबोधन प्रारंभ किया। सम्बोधन में पीएम मोदी ने देश की आजादी में योगदान देने वाले वीरों को याद किया तथा आत्मनिर्भर भारत का संकल्प दोहराया।

पीएम नरेन्द्र मोदी के सुबह 07.18 बजे लाल किले के लाहौरी गेट पर पहुंचे और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार ने उनकी अगुवाई की। रक्षा सचिव प्रधानमंत्री से सामान्य कमान अधिकारी (जीओसी), दिल्ली क्षेत्र लेफ्टिनेंट जनरल विजय कुमार मिश्रा को रूबरू कराया। जीओसी दिल्ली सलामी मंच तक के लिए प्रधानमंत्री के आगे-आगे चले। यहां अंतर-सेवा और पुलिस गॉर्ड्स द्वारा पीएम नरेन्द्र मोदी को सामान्य सलामी दी। उसके बाद प्रधानमंत्री ने गॉर्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया। प्रधानमंत्री के लिए गॉर्ड ऑफ ऑनर दस्ते में थल सेना, नौसेना, वायुसेना और दिल्ली पुलिस से एक-एक अधिकारी और 24 जवान शामिल हुए। गॉर्ड ऑफ ऑनर को राष्ट्रीय ध्वज के सामने प्राचीर के नीचे तैनात किया गया। कोरोना के चलते इस आयोजन में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्ण पालन किया गया है।

राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्र को संबोधित किया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय उत्साह के इस त्यौहार में, विभिन्न स्कूलों के 500 एनसीसी कैडेट्स (सेना, नौसेना और वायु सेना) हिस्सा ले रहे हैं।

इस साल थल सेना के समन्वय सेवा की भूमिका में होने के कारण गॉर्ड ऑफ ऑनर का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कर्नल गौरव एस येवालकर द्वारा किया गया। प्रधानमंत्री के गॉर्ड के थल सेना दस्ते का नेतृत्व मेजर पलविंदर ग्रेवाल, नौसेना दस्ते का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर के वी आर रेड्डी ने किया। वहीं स्क्वाड्रन लीडर विकास कुमार वायुसेना दस्ते का और अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त जितेंद्र कुमार मीणा ने दिल्ली पुलिस दस्ते का नेतृत्व किया।

गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण करने के बाद, प्रधान मंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी लाल किले की प्राचीर की ओर बढ़ेंगे, जहाँ उनका स्वागत रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, थल सेनाध्यक्ष जनरल एम. एम. नरवाने, नौसेना अध्‍यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह और वायु सेना अध्‍यक्ष एयर चीफ मार्शल आर. के. एस. भदौरिया करेंगे। दिल्ली क्षेत्र के जीओसी राष्ट्रीय प्रधान मंत्री को ध्वज फहराने के लिए लालकिले की प्राचीर पर बने मंच पर ले गए। 

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने पर, नेशनल गार्ड राष्ट्रीय ध्वज को 'राष्ट्रीय सलामी' दी गई। आर्मी ग्रेनेडियर्स रेजिमेंटल सेंटर का मिलिट्री बैंड राष्ट्रीय ध्वज फहराने और 'राष्ट्रीय सलामी' के दौरान राष्ट्रगान बजाई। बैंड की कमान सूबेदार मेजर अब्दुल गनी के हाथों में रही। मेजर श्वेता पांडे ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने में प्रधानमंत्री की सहायता की। 2233 फील्ड बैटरी (सेरेमोनियल) के तोप चलाने वाले बहादुर सैनिकों द्वारा 21 तोपों की सलामी के साथ तिरंगा फहराया गया। सेरेमोनियल बैटरी की कमान लेफ्टिनेंट कर्नल जितेंद्र सिंह मेहता और गन पोजिशन ऑफिसर नायब सूबेदार (एआईजी) अनिल चंद के पास रही।

सेना,  नौसेना,  वायु सेना और दिल्ली पुलिस प्रत्येक से एक ऑफिसर और 32 पुरुषों वाले राष्ट्रीय ध्वज गार्ड ने प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय ध्वज फहराने के दौरान राष्ट्रीय सलामी पेश की। सेना के मेजर सूर्य प्रकाश इस इंटर-सर्विसेज गार्ड और पुलिस गार्ड की कमान संभाली। राष्ट्रीय ध्वज गार्ड के लिए नौसेना दल की कमान लेफ्टिनेंट कमांडर विवेक टिंग्लू, वायु सेना दल की कमान स्क्वॉड्रन लीडर मयंक अभिषेक और दिल्ली पुलिस दल की कमान अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त सुधांशु धामा ने संभाली।

ब​टालियन की भूमिका

गढ़वाल राइफल्स की दूसरी बटालियन की स्‍थापना 01 मार्च 1901 को लेफ्टिनेंट कर्नल जेटी इवाट के सक्षम नेतृत्व में लैंसडाउन में की गई थी। यह भारतीय सेना की सबसे बेहतरीन बटालियनों में से एक है जिसका  एक दशक से भी अधिक समय से शानदार और उत्‍कृष्‍ट सेवा देने का इतिहास रहा है। बटालियन ने प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय विश्व युद्ध में ग्यारह युद्ध सम्मान जीते हैं, जो किसी भी स्‍तर से श्रेष्‍ठ हैं। स्वतंत्रता के बाद, बटालियन ने 1965 के युद्ध में सक्रिय भागीदारी की। इसे ऑपरेशन रक्षक में 1994 से 1996 और 2005 से 2007 के बीच सेवा करने का अवसर मिला। बटालियन ने 80 से अधिक आतंकवादियों का सफाया किया। आज के आयोजन में राष्ट्रीय ध्वज गार्ड के लिए सैन्य दल को फर्स्ट गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन से लिया गया है। फर्स्ट गोरखा राइफल्स की एलीट 5वीं बटालियन को शुरू में जनवरी 1942 में धर्मशाला में खड़ा किया गया था और बाद में दिसंबर 1946 में भंग कर दिया गया था। इसे 01 जनवरी 1965 को सोलन (हिमाचल प्रदेश) में फिर से खड़ा किया गया था। बटालियन ने 1971 में पूर्वी पाकिस्तान में 'ऑपरेशन कैक्टस लिटी' के दौरान अपनी क्षमता साबित की और इसके लिए बटालियन को तीन महावीर चक्र और दो वीर चक्र से सम्मानित किया गया। बटालियन को 2008 से 2009 तक सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन के लिए सेवा करने का भी अवसर मिला। वर्तमान में बटालियन, राष्ट्रपति के सेरेमोनियल आर्मी गार्ड का सम्मानजनक कर्तव्य निभा रही है।

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