- भारत,
- 23-Jun-2025 02:37 PM IST
By-Election Result: देश के चार राज्यों—पंजाब, गुजरात, केरल और पश्चिम बंगाल—की पांच विधानसभा सीटों पर 19 जून को हुए उपचुनावों के नतीजे राजनीतिक समीकरणों में कई संदेश छोड़ते हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने जहां शानदार प्रदर्शन कर अपनी पकड़ को मजबूत किया है, वहीं कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) को मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली।
पंजाब: लुधियाना वेस्ट में AAP का परचम
पंजाब की लुधियाना वेस्ट सीट AAP ने एक बार फिर अपने पास बनाए रखी। पार्टी के प्रत्याशी संजीव अरोड़ा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भारत भूषण आशू को निर्णायक अंतर से पीछे छोड़ दिया। 13वें राउंड तक ही अरोड़ा को 10 हजार से ज्यादा वोटों की बढ़त मिल चुकी थी। यह जीत भगवंत मान सरकार के लिए न केवल मनोबल बढ़ाने वाली है, बल्कि यह भी दिखाती है कि AAP अभी भी राज्य के शहरी इलाकों में मजबूत पकड़ बनाए हुए है।
गुजरात: विसावदर में AAP की वापसी, कडी पर BJP हावी
गुजरात की विसावदर सीट पर दिलचस्प मुकाबले के बाद आम आदमी पार्टी के गोपाल इटालिया ने भाजपा प्रत्याशी किरीट पटेल को 17,581 वोटों से मात दी। यह सीट पूर्व में AAP विधायक भूपेंद्र भयानी के भाजपा में जाने के बाद खाली हुई थी। वहीं कडी की रिजर्व सीट पर भाजपा के राजेंद्र चावड़ा ने 39 हजार से ज्यादा मतों से जीत दर्ज की। कांग्रेस के रमेश चावड़ा यहां दूसरे स्थान पर रहे।
पश्चिम बंगाल: कलीगंज में TMC की ताकत बरकरार
नादिया जिले की कलीगंज सीट पर टीएमसी ने फिर से अपनी पकड़ मजबूत की है। दिवंगत विधायक नसीरुद्दीन अहमद की बेटी अलीफा अहमद ने कांग्रेस और बीजेपी को पीछे छोड़ते हुए भारी बढ़त बनाई। यह सीट करीब 70% मतदान के साथ TMC की रणनीति और जनसमर्थन दोनों की सफलता को दर्शाती है।
केरल: नीलांबुर में कांग्रेस की वापसी
नीलांबुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी आर्यदान शौकत ने 11 हजार से ज्यादा वोटों से बढ़त बनाई। यहां पूर्व विधायक पीवी अनवर के इस्तीफे के बाद उपचुनाव हुआ था। यह परिणाम कांग्रेस के लिए दक्षिण भारत में संजीवनी की तरह माना जा रहा है, खासकर वामपंथी सरकार के विरोध के बीच।
राजनीतिक मायने और संदेश
इन उपचुनावों के नतीजे कई संदेश देते हैं:
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AAP पंजाब और गुजरात दोनों में बढ़त के साथ खुद को राष्ट्रीय विकल्प के तौर पर पेश करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
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TMC पश्चिम बंगाल में अपनी पकड़ को बनाए हुए है और नेतृत्व परिवर्तन के बाद भी मतदाताओं का विश्वास बरकरार है।
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कांग्रेस को केरल में राहत जरूर मिली है, लेकिन गुजरात और पंजाब में अभी भी उसे कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
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BJP को मिश्रित सफलता मिली है—कडी में बड़ी जीत मिली लेकिन विसावदर जैसी सीट गंवाना पार्टी के लिए चिंताजनक है।
