Lok Sabha Election / अमित शाह का फर्जी वीडियो केस बन सकता है कांग्रेस के लिए क्यों गले की फांस? जानें सबकुछ

Zoom News : Apr 30, 2024, 12:33 PM
Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे आगे बढ़ता जा रहा है, विभिन्न सियासी दलों के बीच वार और पलटवार का सिलसिला भी तेज होता जा रहा है। हर दूसरे दिन कोई न कोई नया मुद्दा सुर्खियों में जगह बना रहा है। इसी कड़ी में आरक्षण को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एक ‘फर्जी वीडियो’ के चलते सियासी पारा चढ़ गया है। दिल्ली पुलिस ने सोशल मीडिया पर प्रसारित शाह के इस ‘फर्जी वीडियो’ के संबंध में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को एक मई को जांच में शामिल होने को कहा है। आइए, हम आपको बताते हैं कि इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ है:

क्या है अमित शाह के 'फर्जी वीडियो' में

कथित फर्जी वीडियो में, तेलंगाना में धार्मिक आधार पर मुसलमानों के लिए आरक्षण समाप्त करने की प्रतिबद्धता जताने का संकेत देने संबंधी शाह के बयान को तोड़-मरोड़कर इस तरह दिखाया गया है जैसे कि वह हर तरह का आरक्षण समाप्त करने की वकालत कर रहे हों। कांग्रेस नेताओं ने इसी वीडियो के सहारे बीजेपी और शाह को घेरना चाहा, लेकिन अब यह उनके गले की फांस बनता हुआ नजर आ रहा है। बीजेपी ने जहां इस वीडियो को लेकर कांग्रेस पर जोरदार पलटवार शुरू किया है, वहीं कानूनी कार्रवाई भी की जा रही है। जिस तरह से दोनों ही प्रमुख धड़े इस प्रकरण को लेकर बयान दे रहे हैं, उसे देखकर लगता है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा और भी ज्यादा तूल पकड़ सकता है।

दिल्ली पुलिस ने दर्ज कर ली है FIR

दिल्ली पुलिस ने इस सिलसिले में IPC की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना), 153ए (धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना), 465 (जालसाजी), 469 (किसी की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के लिए जालसाजी) और 171जी (चुनाव के परिणाम को प्रभावित करने के इरादे से गलत बयान प्रकाशित करना) के अलावा सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 66सी के तहत मामला दर्ज किया है। FIR के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने अपनी शिकायत में कहा कि यह पाया गया है कि सोशल मीडिया यूजर्स के द्वारा कुछ फर्जी वीडियो फैलाए जा रहे हैं।

असम में एक शख्स की हुई गिरफ्तारी

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने जानकारी दी है कि ‘फर्जी वीडियो’ के मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने ‘X’ पर लिखा, ‘असम पुलिस ने माननीय गृह मंत्री अमित शाह के फर्जी वीडियो मामले में रीतम सिंह नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।’ शर्मा ने कहा कि गिरफ्तार व्यक्ति 31 वर्षीय रीतम सिंह असम कांग्रेस से जुड़े हैं और पार्टी के ‘वार रूम’ संयोजक के तौर पर काम करते हैं। वहीं, कांग्रेस ने बीजेपी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि सिंह को चुनाव के बीच में केवल इसलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि उन्होंने सरकार की नीतियों की आलोचना की थी। पार्टी ने सिंह को तुरंत रिहा करने की मांग की।

तेलंगाना के सीएम रेड्डी ने दिया बड़ा बयान

दिल्ली पुलिस द्वारा एक मई को जांच में शामिल होने के लिए कहे जाने पर तेलंगाना के सीएम रेड्डी ने कर्नाटक की एक चुनावी सभा में कहा, ‘सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट किए गए थे, वे तेलंगाना गांधी भवन (राज्य कांग्रेस हेडक्वॉर्टर) में नोटिस लेकर पहुंचे कि हम तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करेंगे। इसका अभिप्राय है कि नरेंद्र मोदी जी अब चुनाव जीतने के लिए दिल्ली पुलिस का इस्तेमाल कर रहे हैं। ED, इनकम टैक्स और CBI खत्म हो गए हैं। यहां कोई नहीं डरता। यह जनता है जो जवाब देगी।’ बता दें कि रेड्डी ने उक्त वीडियो ‘X’ पर पोस्ट किया था। 

कांग्रेस ने कहा, हम भी कर सकते हैं कार्रवाई

इस बीच कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि उसके शासन वाले राज्यों में भाजपा नेताओं के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई की जा सकती है। दिल्ली में कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि रेड्डी इस तरह की रणनीति से नहीं डरेंगे और उन्होंने बीजेपी पर चुनाव अभियान में फर्जी खबरें तथा छेड़छाड़ किए गए वीडियो फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘उन्हें लगता है कि हम ऐसे ही बैठे रहेंगे और कोई कार्रवाई शुरू नहीं करेंगे। हम इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू करेंगे। कर्नाटक, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, झारखंड में FIR दर्ज होंगी, जहां बीजेपी सत्ता में नहीं है।’

पीएम मोदी ने भी विपक्ष पर साधा निशाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा BJP का मुकाबला कर पाने में नाकाम विपक्षी दल अब सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो फैलाने के लिए तकनीक का दुरुपयोग कर रहे हैं। पीएम ने कहा, ‘विरोधी सामाजिक कलह पैदा करने के लिए मेरे, अमित शाह और जे. पी. नड्डा जैसे नेताओं के उद्धरणों को तोड़-मरोड़कर पेश करने के लिए AI का इस्तेमाल कर रहे हैं। तकनीक का इस्तेमाल कर मेरी आवाज में ये लोग फर्जी वीडियो बना रहे हैं, जिससे खतरा पैदा हो रहा है। अगर आपको कोई फर्जी वीडियो दिखाई दे तो पुलिस को सूचित करें। ऐसे फर्जी वीडियो से समाज को बचाना हमारी जिम्मेदारी है। मैं ये आरोप बहुत गंभीरता से लगा रहा हूं। सामाजिक तनाव पैदा करने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि कोई अप्रिय घटना घट जाए।’

अमित शाह ने इस पूरे मुद्दे पर क्या कहा?

‘फर्जी वीडियो’ के मुद्दे पर गुवाहाटी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमित शाह ने कहा, ‘विपक्ष की हताशा और निराशा इस स्तर पर पहुंच गई है कि उन्होंने मेरा और कुछ भाजपा नेताओं का फेक वीडियो बनाकर सार्वजनिक किया है। उनके मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष आदि ने भी इस फेक वीडियो फॉरवर्ड करने का काम किया है। सौभाग्य से मैंने जो बोला था, उसका भी रिकॉर्डिंग हुआ था। वो रिकॉर्ड हमने सबके सामने रखा, जिससे सब स्पष्ट हो गया और आज कांग्रेस के प्रमुख नेता क्रिमिनल ऑफेंस का सामना कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि भाजपा SC/ST, OBC के आरक्षण की समर्थक है और हमेशा इसके संरक्षक के रूप में अपनी भूमिका निभाएगी।

कांग्रेस के लिए गले की फांस बन सकता है ये मुद्दा

‘फर्जी वीडियो’ का यह मामला कांग्रेस के गले की फांस बनता हुआ नजर आ रहा है। दरअसल, कांग्रेस इन चुनावों में बीजेपी को ‘संविधान’ और ‘आरक्षण’ के मुद्दे पर घेरने की कोशिश कर रही है। इस बीच आरक्षण अमित शाह के ‘फर्जी वीडियो’ ने बीजेपी को पलटवार का मौका दे दिया है। बीजेपी जनता में यह संदेश देने की पूरी कोशिश करेगी कि कांग्रेस जनता से तमाम मुद्दों पर झूठ बोल रही है और फर्जीवाड़ा करके बीजेपी पर निशाना साध रही है। बीजेपी का तगड़ा पलटवार कांग्रेस की पूरी रणनीति को ही पटरी से उतार सकता है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस इस मुश्किल से निकलने के लिए क्या कदम उठाती है।

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