Karauli Violence / गिरफ्तार भाजपा नेताओं को दौसा बॉर्डर पर छोड़ा, तेजस्वी बोले-हिंदू विरोधी सरकार के खिलाफ लड़ते रहेंगे

Zoom News : Apr 13, 2022, 04:49 PM
करौली हिंसा को लेकर भाजयुमो और भाजपा नेताओं की न्याय यात्रा को करौली बॉर्डर पर रोक दिया गया। जिसके बाद कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हुई। हालात काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया। उसके बाद भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या और प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया सहित 400 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर महुआ थाने ले जाया गया।  

गिरफ्तार भाजपा नेता सतीश पूनिया, तेजस्वी, सांसद मनोज, सांसद रंजीता कोली, भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु शर्मा सहित सभी बड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं को दौसा बॉर्डर पर लाकर छोड़ दिया गया है। मौके पर पुलिस बल अभी भी तैनात है। जब तक सभी कार्यकर्ताओं की रवानगी नहीं होती, पुलिस मौके पर ही बनी रहेगी। पूनिया ने कहा कि हमने नामजद गिरफ्तारियां दी है। हमने गहलोत सरकार को नंगा कर दिया है, जो न्याय की जगह लाठियों पर बल देती है। 2023 में इसका जवाब मिलेगा। 

सूर्या ने कहा-पिक्चर अभी बाकी है

वहीं तेजस्वी सूर्या ने कहा कि ये ट्रेलर है पिक्चर बाकी है। राजस्थान की हिंदू विरोधी सरकार को आज पूरे देश ने देखा है। लड़ाई लंबी है। युवा मोर्चा अपनी ऊर्जा बनाए रखें क्योंकि ये लड़ाई सरकार बदलने तक जारी रहेगी। 

बता दें कि यात्रा को रोकने से आक्रोशित सतीश पूनिया, सासंद रंजीता कोली, सांसद मनोज राजौरिया सड़क पर ही धरने पर बैठ गए थे। भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने गहलोत सरकार को चेतावनी दी थी कि उन्हें अगर जाने नहीं दिया गया तो यहीं पर उग्र आंदोलन किया जाएगा। सूर्या ने कहा कि हर कीमत पर करौली जाएंगे, नहीं तो सामूहिक रूप से गिरफ्तारियां देंगे।

धरने पर बैठे सतीश पूनिया, रंजीता कोल और अन्य

इस दौरान 'गहलोत हमसे डरता है' और 'जय श्री राम' की जमकर नारेबाजी हुई। भारी पुलिस बल मौके पर तैनात है। मौके पर तीन लेयर बैरिकेड्स लगाया गया है। अधिकारियों ने मौके पर मौजूद भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं से समझाइश करने की कोशिश की लेकिन वे नहीं माने। पुलिस पक्ष का कहना है कि अगर सरकार इजाजत देती है, तभी जाने देंगे।

पुलिस से भिड़े कार्यकर्ता

तेजस्वी सूर्या ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम जहां अभी हैं, वहां धारा 144 लागू नहीं है। करौली जाना हमारा संवैधानिक अधिकार है। यह तानाशाही सरकार हमारे अधिकारों को छीन रही है, इसलिए हम विरोध कर रहे हैं।'


तेजस्वी सूर्या

राज्यपाल ने डीजीपी को किया तलब 

इधर, राज्यपाल कलराज मिश्र ने करौली हिंसा को लेकर डीजीपी एमएल लाठर को तलब किया है। उन्होंने मामले की जांच पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि करौली हिंसा को लेकर प्रदेश में दो अप्रैल से सियासत गरमाई हुई है। भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे पर तुष्टीकरण के आरोप लगाए हैं।

तेजस्वी सूर्या बुधवार को करौली पहुंचे। उनका करौली हिंसा पीड़िता हिंदू परिवारों से मुलाकात करने का कार्यक्रम था। भाजपा के कई बड़े नेता इस न्याय यात्रा में शामिल हुए। जिनमें भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के अलावा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर और उपनेता प्रतिपक्ष नेता राजेंद्र राठौड़ सहित कई नेता शामिल रहे। हालांकि, न्याय यात्रा को रोकने से बवाल हो गया है। 

युवा मोर्चा ने अपनी न्याय यात्रा को 'करौली चलो' का नारा दिया है। यह यात्रा बुधवार को 12 बजे भाजपा मुख्यालय से शुरू हुई, जो करौली तक जाएगी। भाजपा के न्याय यात्रा को देखते हुए करौली के सभी एंट्री मार्ग पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। वहीं करौली में 14 अप्रैल तक कर्फ्यू बढ़ा दिया गया है। 

करौली भेजा गया भारी पुलिस बल

वहीं न्याय यात्रा को लेकर तीन आईपीएस, 16 आरपीएस अधिकारियों को करौली रवाना किया गया था। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। करौली के 50 भाजपा नेताओं को पाबंद किया गया है कि अगर कोई उपद्रव हुआ तो कार्रवाई होगी। करौली में शांति को बनाए रखने के लिया कर्फ्यू की अवधि भी घटा दी गई है। अब दस बजे ही कर्फ्यू लागू कर दिया जाएगा। 


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