दुनिया / महिला की मौत के बाद जल उठा है ईरान, प्रदर्शनों में 31 लोगों की मौत

Zoom News : Sep 22, 2022, 10:08 PM
ईरान में पुलिस हिरासत में महिला की मौत के बाद प्रदर्शनों की वजह पूरा देश जल उठा है। 22 साल की महसा अमीनी की मौत के बाद भड़के विरोध प्रदर्शनों पर सुरक्षा बलों की कार्रवाई में कम से कम 31 लोगों की मौत हो चुकी है। ओस्लो स्थित एक एनजीओ ने गुरुवार को यह दावा किया। इस घटना को लेकर ईरान में तीन दिन से प्रदर्शन हो रहे हैं और राजधानी तेहरान तक में प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों के साथ झड़प हुई है।

ईरान ह्यूमन राइट्स (IHR) के निदेशक महमूद एमीरी-मोघद्दाम ने एक बयान में कहा, 'ईरान के लोग अपने मौलिक अधिकारों और मानवीय गरिमा को हासिल करने के लिए सड़कों पर उतरे हैं... सरकार उनके शांतिपूर्ण प्रदर्शन का गोलियों से जवाब दे रही है। आईएचआर ने देश के 30 से अधिक शहरों में विरोध प्रदर्शन की पुष्टि की है। प्रदर्शन की शुरुआत सबसे पहले ईरान के उत्तरी प्रांत कुर्दिस्तान से हुई थी, लेकिन अब ये धीरे-धीरे पूरे देश में फैल गया है। कुर्दिस्तान जहां अमीनी का जन्म हुआ था।

एनजीओ ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निंदा को अपर्याप्त बताया

आईएचआर ने कहा कि बुधवार को कैस्पियन सागर के उत्तरी मजांदरान प्रांत के अमोल शहर में 11 लोग और उसी प्रांत के बाबोल में छह लोगों की मौत हुई थी। जबकि पूर्वोत्तर शहर तबरीज में एक मौतकी पुष्टि हुई है। एमीरी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से की गई निंदा अब पर्याप्त नहीं है। वहीं, कुर्दिस राइट ग्रुप हेंगॉ ने कहा था कि कुर्दिस्तान प्रांत और ईरान के उत्तर के कुर्द आबादी वाले अन्य क्षेत्रों अब तक 15 लोग मारे गए हैं।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार ने जांच की मांग की है

बता दें कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने पूरे प्रकरण की जांच की मांग की है। अमेरिका जो वर्ष 2015 में ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते को फिर से बहाल करने की कोशिश कर रहा है ने इस्लामिक गणराज्य से महिलाओं पर 'व्यवस्थागत अत्याचार' समाप्त करने की मांग की है। इटली ने भी मौत की निंदा की है। दूसरी ओर  ईरान ने आलोचनाओं को खारिज करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित करार दिया है।ईरान में पुलिस हिरासत में महिला की मौत के बाद प्रदर्शनों की वजह पूरा देश जल उठा है। 22 साल की महसा अमीनी की मौत के बाद भड़के विरोध प्रदर्शनों पर सुरक्षा बलों की कार्रवाई में कम से कम 31 लोगों की मौत हो चुकी है। ओस्लो स्थित एक एनजीओ ने गुरुवार को यह दावा किया। इस घटना को लेकर ईरान में तीन दिन से प्रदर्शन हो रहे हैं और राजधानी तेहरान तक में प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों के साथ झड़प हुई है।

ईरान ह्यूमन राइट्स (IHR) के निदेशक महमूद एमीरी-मोघद्दाम ने एक बयान में कहा, 'ईरान के लोग अपने मौलिक अधिकारों और मानवीय गरिमा को हासिल करने के लिए सड़कों पर उतरे हैं... सरकार उनके शांतिपूर्ण प्रदर्शन का गोलियों से जवाब दे रही है। आईएचआर ने देश के 30 से अधिक शहरों में विरोध प्रदर्शन की पुष्टि की है। प्रदर्शन की शुरुआत सबसे पहले ईरान के उत्तरी प्रांत कुर्दिस्तान से हुई थी, लेकिन अब ये धीरे-धीरे पूरे देश में फैल गया है। कुर्दिस्तान जहां अमीनी का जन्म हुआ था।

एनजीओ ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निंदा को अपर्याप्त बताया

आईएचआर ने कहा कि बुधवार को कैस्पियन सागर के उत्तरी मजांदरान प्रांत के अमोल शहर में 11 लोग और उसी प्रांत के बाबोल में छह लोगों की मौत हुई थी। जबकि पूर्वोत्तर शहर तबरीज में एक मौतकी पुष्टि हुई है। एमीरी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से की गई निंदा अब पर्याप्त नहीं है। वहीं, कुर्दिस राइट ग्रुप हेंगॉ ने कहा था कि कुर्दिस्तान प्रांत और ईरान के उत्तर के कुर्द आबादी वाले अन्य क्षेत्रों अब तक 15 लोग मारे गए हैं।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार ने जांच की मांग की है

बता दें कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने पूरे प्रकरण की जांच की मांग की है। अमेरिका जो वर्ष 2015 में ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते को फिर से बहाल करने की कोशिश कर रहा है ने इस्लामिक गणराज्य से महिलाओं पर 'व्यवस्थागत अत्याचार' समाप्त करने की मांग की है। इटली ने भी मौत की निंदा की है। दूसरी ओर  ईरान ने आलोचनाओं को खारिज करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित करार दिया है।

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