Bihar Politics / फ्लोर टेस्ट से पहले बिहार में विधायकों की मोर्चाबंदी, JDU-RJD का क्या है प्लान?

Zoom News : Feb 10, 2024, 12:50 PM
Bihar Politics: बिहार में एनडीए की नीतीश सरकार को 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट पास करना है. आरजेडी के ‘खेला होने’ के दावे के बीच करीब सभी दल सतर्क हैं और अपने विधायकों को सहेजने में जुटे हैं. जेडीयू अपने विधायकों के लिए भोज का आयोजन कर रही है ताकि सभी विधायकों को एक जुट रखा जा सके. तो वहीं, आरजेडी भी हर दिन विधायकों को 5 सर्कुलर रोड पर बुला रही है.

महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने तो अपने 19 विधायकों में से 16 विधायकों को पहले ही हैदराबाद में शिफ्ट कर दिया है. किसी भी दल के नेता इस मसले पर खुलकर नहीं बोल रहे हैं. लेकिन सभी दल अपने विधायकों को सहेजने में जुटे हैं. सत्ताधारी जेडीयू ने तो साफ कर दिया है कि उनके विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा है. ऐसे में जेडीयू काफी सशंकित है.

विधानसभा अध्यक्ष पद को लेकर खींचतान

उधर, विधायकों की मोर्चेबंदी के बीच विधानसभा अध्यक्ष पद को लेकर भी खींचतान चल रही है. सत्तारुढ़ गठबंधन चाहता है कि फ्लोर टेस्ट से पहले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) कोटे से विधानसभा के स्पीकर को हटा दिया जाए जबकि खुद स्पीकर जल्द अपना पद छोड़ने के मूड में नहीं हैं. ऐसे में यहां पर खेला होने का डर बना हुआ है. स्पीकर की ओर से दिए बयान के बाद आशंका तेज हो गई है. लिहाजा एनडीए भी हरकत में आ गई है.

आरजेडी कोटे से स्पीकर अवध बिहारी चौधरी ने अपनी मंशा साफ कर दी है. नियमावली का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि नोटिस मिलने के बाद उन्हें अपने पद पर 14 दिन तक बने रहने का अधिकार है. ऐसे में अवध बिहारी चौधरी कब तक स्पीकर पद पर बने रहेंगे इसको लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है. कहा जा रहा है कि अवध बिहारी चौधरी 21 फरवरी से पहले पद किसी हाल में नहीं छोड़ेंगे. वहीं जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) कोटे से डिप्टी स्पीकर महेश्वर हजारी का दावा है कि 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट से पहले अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश होगा और उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना ही पड़ेगा.

स्पीकर के इस्तीफे को लेकर गतिरोध?

एनडीए की ओर से दावा किया जा रहा है कि महागठबंधन की सरकार के गिरते ही एनडीए के विधायकों द्वारा स्पीकर को हटाने का नोटिस 28 जनवरी को दे दिया गया था. इसलिए उन्हें 12 फरवरी को इस्तीफा देना होगा, वरना अविश्वास प्रस्ताव के जरिए उन्हें उनके पद से हटाया जाएगा. वहीं अवध बिहारी चौधरी सचिव के जरिए नोटिस पाने की बात 7 फरवरी को लेकर कह रहे हैं. इसलिए मामला पेचीदा होता जा रहा है.

अवध बिहारी चौधरी के मुताबिक, 21 फरवरी से पहले उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आने के बावजूद पद पर बने रहना कानून में प्रावधान है. माना जा रहा है कि आरजेडी इन्हीं नियमों के सहारे सदन में वोटिंग कराने को लेकर प्रस्ताव लाएगी और कुछ विधायकों की ओर से अनुपस्थित रहने पर आरजेडी राज्यपाल के पास जाकर माइनॉरिटी सरकार का हवाला देकर सरकार बनाने का दावा पेश करेगी.

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