राजस्थान / सीएम अशोक गहलोत के बड़े फैसले, 2 महीने के पानी-बिजली के बिल स्थगित, किसानों को राहत पैकेज

कोरोना संकट को देखते हुए सीएम अशोक गहलोत ने आमजन और किसानों को राहत देने के लिए 2 माह के बिजली व पानी के बिलों को स्थगित करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही किसानों के लिए राहत पैकेज की भी घोषणा की गई है। गुरुवार रात को सीएम निवास पर हुई उच्च स्तरीय बैठक में राहत पैकेज पर देन का फैसला किया गया है।

News18 : Apr 03, 2020, 01:05 PM
जयपुर। कोरोना संकट (Corona crisis) को देखते हुए सीएम अशोक गहलोत ने आमजन और किसानों को राहत देने के लिए 2 माह के बिजली व पानी के बिलों (Electricity and water bills) को स्थगित करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही किसानों के लिए राहत पैकेज की भी घोषणा की गई है। गुरुवार रात को सीएम निवास पर हुई उच्च स्तरीय बैठक में राहत पैकेज पर देन का फैसला किया गया है।

बिजली कंपनियों को 650 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए जाएंगे

बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार घरेलू श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं के मार्च और अप्रैल के बिजली बिल स्थगित किए जाएंगे। 11 लाख अघरेलू बिजली कनेक्शनों का फिक्स चार्ज भी मई तक स्थगित किया गया है। किसानों के बिजली बिल आगामी 2 माह के लिए स्थगित किए गए हैं। 31 मई तक बिजली बिलों का भुगतान करने पर कृषि और घरेलू उपभोक्ताओं को 5 फीसदी छूट दी जाएगी। सरकार ने इसके लिए बिजली कंपनियों को 650 करोड़ रुपए उपलब्ध करवाने की घोषणा की

है।

पानी के बिल भी जून जमा करवा सकेंगे

1।68 लाख औद्योगिक प्रतिष्ठानों के बिजली के फिक्स चार्ज को 31 मई तक के लिए स्थगित किया गया है। 13 लाख किसानों के बिजली बिल 31 मई तक स्थगित रखे गए हैं। 31 मार्च से पहले काटे गए कृषि और घरेलू कनेक्शनों को फिर से जोड़ने के लिए एमनेस्टी योजना की अवधि 30 जून तक बढ़ाई गई है। पानी के भी मार्च और अप्रैल के बिल स्थगित किए गए हैं। सभी श्रेणी के पानी के उपभोक्ता जून में बिल जमा करवा सकेंगे।

किसानों के लिए राहत पैकेज

कोरोना संकट के बीच किसानों को राहत का मिनी पैकेज दिया गया है। सरकारी घोषणा के मुताबिक इस साल खरीफ की फसल के लिए किसानों को 25 फीसदी ज्यादा फसली कर्ज दिया जाएगा। इसके तहत 8000 करोड़ का फसली कर्ज बांटा जाएगा। सरकार ने पीएम फसल बीमा योजना में के 700 करोड़ रुपए के प्रीमियम का और भुगतान करने का फैसला भी किया है। आदिवासी इलाके के 5 लाख किसानों को 5 किलोग्राम प्रति किसान के हिसाब से मुफ्त हाइब्रिड मक्का बीज बांटा जाएगा। इस पर 25 करोड़ रुपए खर्च होंगे। 10 लाख लघु सीमांत किसानों को प्रति किसान 1।5 किलो बाजरा बीज के मुफ्त मिनीकिट बांटे जाएंगे। इस पर 30 करोड़ रुपए खर्च होंगे।