AajTak : Sep 17, 2020, 07:44 AM
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भारतीय जनता पार्टी के विधान परिषद सदस्य देवेन्द्र प्रताप सिंह ने पत्र लिखा है। उन्होंने समूह-ख और ग की नौकरियों में 5 साल की संविदा नीति पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि ऐसा नहीं होना चाहिए। पत्र के जरिए देवेन्द्र सिंह ने कहा कि यह नई सेवा नियमावली के लागू होने से सरकार और पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचने की संभावना है। इस प्रस्ताव को लेकर आम जनता, खासतौर पर युवा वर्ग में काफी नाराजगी दिख रही है। उन्होंने साफ किया है कि इस मामले में वो युवाओं के साथ रहेंगे।देवेन्द्र प्रताप ने कहा कि नई प्रस्तावित सेवा नियमावली के आने से सरकारी सेवाओं में नियुक्त होने वाले नौजवानों का शोषण और कदाचार बढ़ेगा। नवनियुक्त कर्मचारी 5 साल के लिए अधिकारियों के बंधुआ मजदूर हो जाएंगे और अधिकारी वर्ग नई सेवा नियमावली को तरह-तरह से शोषण करने का औजार बना सकती है।
योगी सरकार कर रही है विचार बता दें कि सरकारी नौकरियों में भर्ती को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार बड़े बदलाव की तैयारी पर विचार कर रही है। यूपी में सरकारी नौकरी की शुरुआत पांच वर्ष की संविदा यानी कॉन्ट्रैक्ट से होगी। अगर यूपी सरकार भर्ती प्रक्रिया में बदलाव करने का फैसला करती है तो सरकारी नौकरी की शुरुआत में पहले कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्ति की जाएगी। पांच साल के प्रोबेशन के बाद सरकारी नौकरी पक्की होगी।लटकी रहेगी छंटनी की तलवार जानकारी के मुताबिक, योगी सरकार समूह-ख और ग की सभी परीक्षाओं में बड़ा बदलाव करने पर विचार कर रही है। जिसमें शुरुआत के 5 साल संविदा (Contract) के आधार पर नियुक्त करने की योजना है। इसके तहत 5 साल में अगर कार्य प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा तो छंटनी की तलवार लटकी रहेगी।
योगी सरकार कर रही है विचार बता दें कि सरकारी नौकरियों में भर्ती को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार बड़े बदलाव की तैयारी पर विचार कर रही है। यूपी में सरकारी नौकरी की शुरुआत पांच वर्ष की संविदा यानी कॉन्ट्रैक्ट से होगी। अगर यूपी सरकार भर्ती प्रक्रिया में बदलाव करने का फैसला करती है तो सरकारी नौकरी की शुरुआत में पहले कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्ति की जाएगी। पांच साल के प्रोबेशन के बाद सरकारी नौकरी पक्की होगी।लटकी रहेगी छंटनी की तलवार जानकारी के मुताबिक, योगी सरकार समूह-ख और ग की सभी परीक्षाओं में बड़ा बदलाव करने पर विचार कर रही है। जिसमें शुरुआत के 5 साल संविदा (Contract) के आधार पर नियुक्त करने की योजना है। इसके तहत 5 साल में अगर कार्य प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा तो छंटनी की तलवार लटकी रहेगी।