इंडिया / केन्द्र सरकार का बड़ा फैसला, पर्सनल डेटा चुराना या बेचना बनेगा क्राइम, कंपनी पर लगेगा भारी जुर्माना

Live Hindustan : Dec 04, 2019, 03:12 PM
नई दिल्ली | केन्द्र सरकार ने आम आदमी की निजता को लेकर बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट की बैठक में गुरुवार को केन्द्र सरकार ने निजी डेटा संरक्षण विधेयक 2019 को मंजूरी दे दी है। अब अगर कोई कंपनी, साइट या एप आपका डाटा चुराती है तो उस पर भारी जुर्माना लगेगा। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस आशय की जानकारी दी। 

इस विधेयक में निजी डेटा के संचालन के संबंध में ढांचा तैयार करने की बात कही गई है जिसमें सार्वजनिक एवं निजी निकायों के आंकड़े भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज संपन्न केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि यह विधेयक संसद के वर्तमान शीतकालीन सत्र में ही पेश किया जायेगा।  समझा जाता है कि विधेयक में निजी डेटा हासिल करने, भंडारण और एकत्र करने के बारे में व्यापक दिशानिर्देश होने के साथ ही व्यक्तियों की सहमति, दंड, मुआवजा, आचार संहिता और उसे लागू करने के मॉडल का भी उल्लेख होगा । पिछले सप्ताह सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि सरकार जल्द ही संसद में निजी डेटा के संरक्षण के बारे में एक संतुलित विधेयक पेश करेगी।

सरकार ने पिछले साल विधेयक का मसौदा जारी किया था, जिसका कई वैश्विक कंपनियों ने विरोध किया था। कंपनियों का कहना था कि इससे उनका कारोबार प्रभावित होगा। साथ ही परिचालन व्यय भी बढ़ेगा। विधेयक का मसौदा जस्टिस बीएन श्रीकृष्ण द्वारा जुलाई, 2018 में सौंपी गई रिपोर्ट पर आधारित था। विधेयक के अंतिम मसौदे के बारे में जानकारी नहीं मिली है। लेकिन मसौदा विधेयक में लोगों के डाटा का इस्तेमाल उनकी अनुमति से ही करने का प्रावधान किया गया था। साथ ही डाटा संग्रह के लिए देश में ही सरवर रूप स्थापित करने का नियम बनाया गया था।

प्रस्तावित विधेयक में डाटा सुरक्षा के नियमों के उल्लंघन पर 15 करोड़ रुपये या कंपनी के कुल टर्नओवर के चार फीसद जुर्माना लगाने का प्रावधान है। हाल के दिनों में वाट्सएप पर डाटा की सुरक्षा में लगी सेंध के बाद सरकार और सतर्क हो गई है। इस मामले को लेकर बवाल मचा था। वाट्सएप मामले में रवि शंकर प्रसाद ने कहा था कि सरकार निजता को गंभीरता से लेती है और सूचना की गोपनीयता इसी का हिस्सा है।


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