Coronavirus / कम से कम एक साल बाद बन पाएगा कोविड-19 का टीका: वैज्ञानिक समुदाय

Jansatta : Jun 16, 2020, 11:14 PM
Coronavirus: गुजरात में आज कोरोनावायरस के कुल 524 ताजा केस सामने आए, जबकि कुल केस बढ़कर सूबे में 24,628 हो गए। राज्य में एक दिन इस महामारी से 28 मरीजों की मौत हो गई। वहीं, कोरोना वायरस संक्रमण का उपचार ढूंढने के लिए पूरी दुनिया में चल रहे शोधों के बीच, वैज्ञानिकों का कहना है कि कोविड-19 बीमारी से बचाव के लिए टीका विकसित करने में कम से कम एक साल लग सकता है। हालांकि वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि यदि परीक्षण, मंजूरी और टीकों के उत्पादन का पैमाना बढ़ाने की प्रक्रिया साथ-साथ होती है तो कुछ महीने पहले भी टीका उपलब्ध हो सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, कोविड-19 के 10 संभावित टीकों का लोगों पर परीक्षण कर अध्ययन किया जा रहा है और 126 टीके अभी इससे पहले के चरण में है, यानी उन्हें लेकर अनुसंधान किया जा रहा है। प्रतिरक्षा विज्ञान के विशेषज्ञ सत्यजीत रथ ने कहा कि दुनिया भर में विभिन्न वृहद रणनीतियों से सार्स-सीओवी-2 के टीके विकसित किए जा रहे हैं।

नयी दिल्ली स्थित राष्ट्रीय प्रतिरक्षा विज्ञान संस्थान (एनआईआई) के वैज्ञानिक रथ ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा कि ये जानी मानी रणनीतियां है। इनमें से कुछ करीब दो सदी पुरानी और कुछ करीब दो दशक पुरानी हैं, लेकिन किसी के बारे में भी यह गांरटी के साथ नहीं कहा जा सकता कि उससे सार्थक परिणाम निकलेंगे।

अमेरिका में मैरीलैंड विश्वविद्यालय के मानव विषाणु विज्ञान संस्थान के निदेशक रॉबर्ट गालो ने कहा, ‘‘लोगों को संभावित टीके और टीके के बीच में अंतर समझ में नहीं आ रहा है और वैज्ञानिक एवं नेता इस दुविधा को बढ़ा रहे हैं।’’ इस माह की शुरुआत में एक डिजिटल बैठक में अमेरिका में विभिन्न संस्थानों के वैज्ञानिकों ने इस बात पर सहमति जताई थी कि 2021 तक कोविड-19 का टीका विकसित नहीं हो पाएगा।

इस बैठक में ‘यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया डेविस’ के कुलपति गैरी एस मे ने पूछा था, ‘‘टीका विकसित होने तक जनजीवन पूरी तरह पटरी पर लौटने की उम्मीद नहीं है, लेकिन यह कब तक हो पाएगा?’’ इस सवाल के जवाब में सभी ने सर्वसम्मति से कहा था कि एक साल या इससे भी अधिक। रथ ने भी कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि टीका अगले साल के मध्य से पहले विकसित हो पाएगा।’’

उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई सहयोगात्मक संघवाद का बेहतरीन उदाहरण है जिसमें केंद्र और राज्य मिलकर घातक वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए काम कर रहे हैं। मोदी ने 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और उप राज्यपालों के साथ बैठक में अपने उद्घाटन संबोधन में कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिखाई दे रहे हैं और हमें आगे बढ़ने के लिए उत्साहित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था खुलने के साथ ही, लोगों को खुद तथा अपने प्रियजनों को वायरस से बचाने के सुरक्षात्मक कदमों को छोड़ नहीं देना चाहिए।

इसी बीच, भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ जस्टर ने मंगलवार को कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारत की मदद के लिए 100 वेंटिलेटरों की पहली खेप सौंपी। भारतीय रेड क्रास सोसाइटी ने यह जानकारी दी। मई में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की थी कि इस ‘अदृश्य दुश्मन’ के खिलाफ लड़ाई में मदद के लिए अमेरिका भारत को वेंटिलेटर देगा। वहीं, महाराष्ट्र के कोंकण संभाग को राज्य सरकार ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के लिए 109 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है, जिसमें 35 करोड़ रुपये का इस्तेमाल ठाणे जिले में होगा। राज्य में ठाणे में मुंबई के बाद सबसे ज्यादा संक्रमण के मामले हैं।

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