देश / PAK में उठी मोदी को PM बनाने की मांग, लोग बोले- 8 साल में मुल्क को सीधा कर देंगे

Zoom News : Feb 23, 2023, 07:13 PM
Pakistan News: पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है. देश के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ स्वीकार कर चुके हैं कि उनका मुल्क दिवालिया हो चुका है. पाकिस्तान की इस हालत के लिए लोग शाहबाज सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. इस बीच, पाकिस्तान का एक वीडियो सामने आया है जिसमें एक शख्स भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर रहा है और उन्हें देश की बागडोर सौंपने की मांग की है. 

'पाकिस्तान अलग नहीं होता तो...'

ट्विटर पर शेयर किए इस वीडियो में युवक कहता है,  पाकिस्तान साल 1947 में आजाद हुआ और ऐसा अंग्रेजों की वजह से हुआ था. अगर पाकिस्तान और भारत अलग नहीं होते तो आज टमाटर 20 रुपये किलो, चिकन 150 रुपये किलो, पेट्रोल 150 रुपये मिलता. यहां मुसलमान मुद्दा ही नहीं है. इससे अच्छे तो नरेंद्र मोदी हैं. वहां के लोग कैसे उन्हें मानते हैं. हमें नरेंद्र मोदी मिल जाएं, जो इस मुल्क को ठीक करें. 

युवक आगे कहता है कि हमें नवाज शरीफ, इमरान खान नहीं चाहिए. हिंदुस्तान आज दुनिया की सबसे बढ़ी ताकतों में से एक है और हमारे पाकिस्तान को देख लीजिए. नरेंद्र मोदी कोई बुरे इंसान नहीं हैं. वहां के मुसलमान 20 रुपये टमाटर ले रहे हैं, 150 रुपये चिकन ले रहे हैं, जब आप अपने बच्चों की जरूरतों को नहीं पूरी कर पाएंगे तो सोचेंगे कि हम किस मुल्क में पैदा हो गए हैं. मेरी मांग है कि हमें नरेंद्र मोदी दे दो, जो 8 साल हमारे देश में सरकार चलाए. पाकिस्तान को सीधा कर दे. आज हमारी भारत से तुलना हो ही नहीं सकती. वो बहुत आगे हैं और हम नीचे गिरते जा रहे हैं. 

शाहबाज शरीफ ने लिया ये फैसला

देश की आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ कड़े फैसले ले रहे हैं. उन्होंने बुधवार को खर्च घटाकर 200 अरब रुपये बचाने के लिए उपायों की घोषणा की, जिसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की शर्तो को पूरा कर देश को आगे बढ़ाना है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान आईएमएफ के साथ 1.1 अरब डॉलर की ऋण सुविधा की अगली किस्त पाने के लिए बेताब है, लेकिन वैश्विक फाइनेंसर द्वारा निर्धारित कठिन शर्तो को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा है. आईएमएफ मांग कर रहा है कि पाकिस्तान अपना टैक्स बेस घटाए, निर्यात क्षेत्र के लिए छूट खत्म करे और गरीब परिवारों की मदद के लिए कृत्रिम रूप से ऊर्जा की कीमतें कम करे. रिपोर्ट में बताया गया कि पाकिस्तान को धन की सख्त जरूरत है, क्योंकि यह गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के विदेशी मुद्रा भंडार मुश्किल से एक महीने के आयात खर्च के लायक है.

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