पाकिस्तान / मरीज बनकर कर रहे गंदे मैसेज, डॉक्टर बोलीं- इस समय भी ऐसी सनक

AajTak : Jul 16, 2020, 09:19 AM
Pak: कोरोना वायरस महामारी के दौरान पूरी दुनिया के डॉक्टर्स रात-दिन एक कर मरीजों के इलाज में लगे हैं। लोग तरह-तरह से डॉक्टर्स के प्रति सम्मान दिखा कर उन्हें प्रोत्साहित कर रहे हैं। खुद की जिंदगी को खतरे में डालकर मरीजों की देखभाल कर रहे ये डॉक्टर्स किसी योद्धा से कम नहीं हैं। सोशल मीडिया पर कोरोना वॉरियर्स के प्रति कृतज्ञता दिखाने के लिए लोग कई तरह के पोस्ट कर रहे हैं। हालांकि पाकिस्तान में कुछ उल्टी ही कहानी चल रही है।

यहां की महिला डॉक्टर्स अपने मनचले मरीजों से परेशान हैं। यहां के पुरूष महिला डॉक्टर्स से बात करने के लिए महामारी तक का बहाना बना रहे हैं। यहां की महिला डॉक्टर्स का कहना है कि डॉक्टर्स के प्रति जो भी सम्मान दिखाया जा रहा है, वो बस पुरुष डॉक्टरों के लिए ही है।

जहां पाकिस्तान की ये महिला डॉक्टर्स लोगों को खतरनाक वायरस से बचाने के लिए अपनी पूरी जान लगा रही हैं, वहीं सोशल मीडिया पर उन्हें अश्लील मैसेज के साथ ट्रोल किया जा रहा है। ये कहानी उन डॉक्टर्स की है जो लोगों को भीड़भाड़ से बचाने के लिए ऑनलाइन मैसेज, ऑडियो या वीडियो के जरिए मेडिकल सुविधा उपलब्ध करा रही हैं।

बिया अली जैब नाम की एक डॉक्टर ने अपनी ट्विटर पर अपना दर्द बयां किया है। डॉक्टर बिया अली ने लिखा है, 'इस मुश्किल वक्त में मैं खुद अपने देश की मदद करने के लिए आगे आईं हूं। मुझे लगा कि पाकिस्तानी थोड़े समझदार हैं लेकिन इस बुरे वक्त में भी उन्हें बस सेक्स और दोस्ती चाहिए।'

इसके साथ ही डॉक्टर बिया अली ने बताया कि अब वो वॉलंटियर के तौर पर टेलीमेडिसिन से काम नहीं करेंगी। इतना ही नहीं उन्होंने अपना ट्विटर अकाउंट भी डिलीट कर दिया है।

पाकिस्तान में महिला डॉक्टर के साथ बदसलूकी का ये पहला मामला नहीं है। डॉक्टर अंजा ने भी सोशल मीडिया पर कुछ स्क्रीनशॉट शेयर किए हैं। डॉक्टर अंजा का कहना है कि बातचीत की शुरूआत इससे होती है कि आपने मेडिकल स्कूल कब ज्वाइन किया और अगर आपने बता दिया या अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल में इसका जिक्र कर दिया तो आपके पास मैसेजेस की बाढ़ आ जाएगी।

डॉक्टर अंजा कहती हैं, 'सबसे अजीब ये है कि बात की शुरूआत ये बहुत तहजीब से डॉक्टर साहिबा के साथ करते हैं और उसके बाद ये बातचीत को गलत दिशा में ले जाने की कोशिश करते हैं। कभी-कभी तो इनमें से कुछ खुद को डॉक्टर या मेडिकल का स्टूडेंट बताते हैं।'

वॉलंटियर बनने के बाद डॉक्टर फिजा को भी ऐसी ही दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है, 'कभी-कभी वो बातचीत की शुरूआत ऐसे करते हैं जैसे कि वो सच में मरीज हों लेकिन थोड़ी ही देर में उनकी असलियत सामने आ जाती है।'

डॉक्टर फिजा कहती हैं, 'कई बार मैं उन्हें सिर्फ एक ट्रोल समझकर अनदेखा कर देती हूं लेकिन कभी-कभी उधर से ऐसे ग्राफिक, फोटो और वीडियो आ जाते हैं जो मेरा पूरा दिन खराब कर देते हैं।' इन सब चीजों से तंग आकर फिजा ने भी वॉलंटियर काम करने से मना कर दिया है।

वहीं एक ऑनलाइन टेलीमेडिसिन कंपनी की फाउंडर एलीजा ने कहा, 'हम इस महामारी के समय डिजिटल तरीके से मरीजों की समस्या दूर कर रहे हैं लेकिन हमारी टीम को कई तरीके की वर्चुअल हैरेसमेंट का सामना करना पड़ता है।'


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