देश / मिसाइल-रॉकेटों की बढ़ेगी रफ्तार, DRDO ने किया हाइपरसोनिक स्क्रैमजेट इंजन का सफल परीक्षण

News18 : Sep 07, 2020, 03:47 PM
नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने सोमवार को स्वदेशी तौर पर विकसित स्क्रैमजेट प्रोपल्सन सिस्टम (Scramjet Propulsion System) का इस्तेमाल करते हुए हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोंट्रेटर व्हीकल (Hypersonic Technology Demontrator Vehicle) की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग की। इस सफल लॉन्चिंग के बाद ये अब अगले चरण की प्रक्रिया के लिए स्थापित हो गई हैं। इसका इस्तेमाल बेहद तेज गति से लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलों और रॉकेट्स के प्रक्षेपण में यान के तौर पर किया जाएगा।

यह लॉन्चिंग बालासोर, ओडिशा स्थित डॉ। अब्दुल कलाम द्वीप के एकीकृत परीक्षण रेंज (आइटीआर) से किया गया। यह हाइपरसोनिक स्पीड से उड़ान भरने वाला मानव रहित स्क्रैमजेट सिस्टम है। जिसकी रफ्तार ध्वनि की गति से 6 गुना अधिक है। इसके साथ ही ये आसमान में 20 सेकेंड में लगभग 32।5 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंच जाता है। बता दें कि हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोंट्रेटर व्हीकल यानी HTDV प्रोजेक्ट DRDO की एक महत्त्वाकांक्षी परियोजना है। इसका उद्देश्य कई सैन्य और नागरिक लक्ष्यों को सेवाएं देना है।

इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और इसके वैज्ञानिकों को बधाई दी। राजनाथ सिंह ने कहा कि संस्थान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में जुटा है। रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया, 'डीआरडीओ ने आज स्वदेशी रूप से विकसित स्क्रैमजेट प्रोपल्शन सिस्टम का उपयोग कर हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।'

उन्होंने कहा, 'मैं डीआरडीओ को इस महान उपलब्धि के लिए बधाई देता हूं जो पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में है। मैंने परियोजना से जुड़े वैज्ञानिकों से बात की और उन्हें इस महान उपलब्धि पर बधाई दी। भारत को उन पर गर्व है।'

बता दें कि डीआरडीओ भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय का आर एंड डी विंग है, जो अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकी और प्रणालियों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए भारत को सशक्त बनाने की दिशा में काम करता है।

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