राजस्थान / भंवरी देवी हत्याकांड मामले में राजस्थान के पूर्व विधायक मलखान सिंह को मिली ज़मानत

राजस्थान हाईकोर्ट ने बहुचर्चित भंवरी देवी हत्याकांड मामले में मुख्य आरोपियों में से एक पूर्व कांग्रेस विधायक मलखान सिंह बिश्नोई को करीब 10 साल बाद ज़मानत दे दी है। केस में 17 आरोपियों में से अब तक 9 को ज़मानत मिल चुकी है। वहीं, मामले में आरोपी पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा स्वास्थ्य कारणों की वजह से ज़मानत पर बाहर हैं।

जयपुर. राजस्थान के जोधपुर के चर्चित भंवरी देवी अपहरण और हत्याकांड मामले में पूर्व विधायक मलखान सिंह विश्नोई को 9 साल 8 महीने बाद राजस्थान हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. उनकी रिहाई आज हो जाएगी, कोर्ट ने मंगलवार को उनकी जमानत के आदेश जारी कर दिए थे. इस मामले में 17 लोग आरोपी थे, जिनमें सुप्रीम कोर्ट से सबसे पहले परसराम विश्नोई को जमानत मिली थी. उसके बाद हाईकोर्ट ने रेशमाराम, सहीराम विश्नोई, ओमप्रकाश, दिनेश, अशोक, उमेशाराम, पुखराज समेत 7 लोगों को जमानत दी है. वहीं, मामले में आरोपी और राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा अपनी बीमारी के चलते पहले से ही अंतरिम जमानत में है.

कई बार प्रयास के बाद अब मिली जमानत

पूर्व विधायक मलखान सिंह विश्नोई जमानत के लिए इससे पहले 2013 में भी दो बार प्रयास कर चुके थे, लेकिन कोर्ट ने दोनों बार उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इस बार सुप्रीम कोर्ट में परसराम की जमानत को आधार बनाकर विश्नोई के वकील हेमंत नाहटा और संजय विश्नोई ने जमानत याचिका दाखिल की थी. जिस पर मंगलवार को न्यायाधीश दिनेश मेहता ने सुप्रीम कोर्ट की जमानत में कही बात को आधार मानकर जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें जमानत दे दी है. वहीं, अभी इस मामले में आरोपी और भंवरी देवी के पति अमर चंद, बिशनाराम और कैलाश जाखड़ की जमानत याचिका पर कोर्ट ने 24 अगस्त तक सुनवाई टाल दी है.

हत्या कर शव दिया था जला

भंवरी देवी का अपहरण किया गया था, जिसके बाद उसकी हत्या कर दी गई थी. हत्या के बाद भंवरी देवी के शव को जलाकर उसकी राख को राजीव गांधी लिफ्ट नहर में बहा दिया गया. इस मामले में मंत्री का नाम आने के बाद उस समय की सरकार ने इस केस को सीबीआई को सौंप दिया था. सीबीआई ने जांच में तत्कालीन मंत्री महिपाल मदेरणा, विधायक मलखान सिंह विश्नोई समेत कई लोगों से पूछताछ कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया.