Gold Price Today: सोने की कीमतों में जारी तेजी थमने का नाम नहीं ले रही है। हर नए दिन के साथ सोना नया रिकॉर्ड बना रहा है। बुधवार को घरेलू वायदा बाजार में सोने की कीमतें एक नए उच्च स्तर पर पहुंच गईं। एमसीएक्स गोल्ड 4 अप्रैल अनुबंध पहली बार 84,000 रुपये के स्तर को पार कर गया, जिसे डॉलर में गिरावट, अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध की आशंकाओं और घरेलू हाजिर बाजार में खरीदारी से समर्थन मिला।
84,000 रुपये के पार पहुँचा एमसीएक्स गोल्ड
4 अप्रैल की एक्सपायरी के लिए एमसीएक्स गोल्ड 84,154 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो पिछले उच्चतम स्तर 83,721 रुपये को पार कर गया। बुधवार के सत्र के दौरान अंतर्राष्ट्रीय सोने की कीमतें भी 2,853.97 डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गईं। निवेशक सोने को सुरक्षित निवेश मानते हैं और अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध की नई आशंकाओं ने सोने की कीमतों को और ऊँचा कर दिया है। चीन द्वारा अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ लगाने के फैसले के बाद सोने के दाम में और अधिक तेजी देखी जा रही है।
सोने की कीमतों में उछाल के मुख्य कारण
1. अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध
अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव से निवेशकों में अस्थिरता का माहौल बना हुआ है, जिससे वे सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में सोने की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
2. वैश्विक मुद्रास्फीति की चिंताएं
अमेरिकी सरकार की टैरिफ नीतियों के कारण वैश्विक मुद्रास्फीति बढ़ने की आशंका है। निवेशक महंगाई से बचाव के लिए सोने को एक सुरक्षित संपत्ति के रूप में देख रहे हैं।
3. सुरक्षित निवेश की मांग
भू-राजनीतिक तनाव और शेयर बाजार की अस्थिरता के चलते निवेशकों का झुकाव सोने की ओर बढ़ रहा है।
4. केंद्रीय बैंकों की खरीदारी
विश्वभर के कई केंद्रीय बैंक सोने का भंडारण कर रहे हैं, जिससे इसकी कीमतों में मजबूती आ रही है।
5. डॉलर इंडेक्स का प्रभाव
हाल ही में अमेरिकी डॉलर इंडेक्स 109 अंक को पार कर गया, जिसका असर सोने सहित अन्य कमोडिटी बाजारों पर पड़ा है।
6. सोने की वैश्विक मांग
प्रमुख बुलियन बैंक ऊंचे वायदा प्रीमियम का लाभ उठाने के लिए दुबई और हांगकांग जैसे एशियाई बाजारों से सोने के भंडार को अमेरिका में स्थानांतरित कर रहे हैं, जिससे कीमतें और बढ़ रही हैं।
सोने की कीमतों में आगे क्या?
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों के कारण सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है। हालांकि, वैश्विक अनिश्चितता और केंद्रीय बैंकों की खरीदारी के चलते दीर्घकालिक रूप में सोने की कीमतें उच्च स्तर पर बनी रह सकती हैं। हालांकि, शॉर्ट टर्म में कुछ करेक्शन देखने को मिल सकता है।