- भारत,
- 27-Jul-2025 06:20 PM IST
Gold Price Today: 2025 में मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने ने निवेशकों को 30% से ज्यादा का रिटर्न दिया है, जबकि चांदी जैसे अन्य जोखिम वाले एसेट्स ने करीब 35% की बढ़त हासिल की है। इसकी तुलना में, निफ्टी 50 इंडेक्स में केवल 4.65% और BSE सेंसेक्स में 3.75% की वृद्धि देखी गई। हालांकि, सेंसेक्स के कुछ बड़े शेयरों ने बेहतर प्रदर्शन किया, जैसे रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों ने 14% से ज्यादा और HDFC बैंक के शेयरों ने 12.50% का रिटर्न दिया। फिर भी, सोना और चांदी ने अन्य सभी एसेट्स को पीछे छोड़ दिया है।
लंबे समय में भी सोने-चांदी का प्रदर्शन शानदार रहा है। पिछले छह साल में MCX पर सोना 32,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से बढ़कर 97,800 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया है, यानी 200% से ज्यादा की बढ़त।
सोने की कीमत में उछाल के पीछे क्या कारण?
कमोडिटी मार्केट एक्सपर्ट्स के अनुसार, सोना आने वाले समय में भी टॉप रिस्की एसेट्स में रहेगा। स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा कहते हैं, "भारत में सोने का भावनात्मक और आर्थिक महत्व हमेशा से रहा है। हाल के वर्षों में यह दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों के लिए स्ट्रैटेजिक एसेट बन गया है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद, जब रूस के विदेशी मुद्रा भंडार को फ्रीज किया गया, तब से सेंट्रल बैंक सोने को सेफ हेवन एसेट मानकर खरीद रहे हैं।"
उन्होंने आगे बताया कि सोने की कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे कई कारण हैं:
अमेरिकी डॉलर पर भरोसे में कमी: कई सेंट्रल बैंक अब अपने रिजर्व में डॉलर की जगह सोने को प्राथमिकता दे रहे हैं।
अमेरिका का बढ़ता कर्ज: इससे डॉलर की स्थिरता पर सवाल उठ रहे हैं, जिसके चलते सोना वैल्यू स्टोर के तौर पर और महत्वपूर्ण हो गया है।
जियोपॉलिटिकल तनाव और ट्रेड वॉर: वैश्विक स्तर पर बढ़ती अस्थिरता ने सोने को निवेशकों के लिए आकर्षक बनाया है।
पिछले 6 साल में सोने का 200% रिटर्न
SS WealthStreet की फाउंडर सुगंधा सचदेवा के अनुसार, पिछले छह साल में सोने ने करीब 200% रिटर्न दिया है। जून 2019 में सोना 34,200 रुपये प्रति 10 ग्राम था, जो 2025 में 97,800 रुपये तक पहुंच गया। इसके पीछे निम्नलिखित कारण रहे:
कोविड-19 महामारी: इस दौरान ढीली मौद्रिक नीतियों और लगभग शून्य ब्याज दरों ने महंगाई और मुद्रा की वैल्यू गिरने का डर बढ़ाया।
निगेटिव रियल इंटरेस्ट रेट्स: इससे सोने को होल्ड करने का फायदा बढ़ा।
जियोपॉलिटिकल टेंशन: रूस-यूक्रेन युद्ध (फरवरी 2022), अमेरिका में बैंकिंग संकट (SVB, क्रेडिट सुइस 2023), मिडिल ईस्ट में तनाव (अक्टूबर 2023), और 2025 में बढ़ता ट्रेड वॉर जैसे कारकों ने सोने की कीमत को 1,00,178 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचाया।
क्या सोने में तेजी बरकरार रहेगी?
सुगंधा सचदेवा के अनुसार, सेंट्रल बैंकों की रिकॉर्ड तोड़ सोने की खरीदारी और डॉलर की हिस्सेदारी में कमी (2001 में 73% से घटकर 2025 में 58%) सोने की डिमांड को मजबूत बनाए रखेगी। मल्टी-करेंसी सिस्टम की ओर बढ़ता रुझान, अमेरिका का बढ़ता कर्ज, और ग्लोबल करंसी मार्केट में उतार-चढ़ाव सोने को और आकर्षक बना रहे हैं। इसके अलावा, चीन जैसे देशों में बीमा सेक्टर और ETF इनफ्लो ने भी सोने की कीमतों को बढ़ाने में योगदान दिया है।
क्या यह सोना खरीदने का सही समय है?
सचदेवा का कहना है, "सोना लंबे समय तक वैल्यू स्टोर और पोर्टफोलियो डाइवर्सिफायर के तौर पर काम करता रहेगा। बढ़ते ग्लोबल कर्ज, जियोपॉलिटिकल रिस्क, और करंसी मार्केट की अनिश्चितता को देखते हुए निवेशकों को प्राइस करेक्शन पर धीरे-धीरे सोना खरीदना चाहिए और अगले पांच साल के लिए स्ट्रैटेजिक एलोकेशन रखना चाहिए।"
अगले पांच साल में सोने की कीमत
सुगंधा सचदेवा: अगले पांच साल में सोना 1,35,000 से 1,40,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। शॉर्ट टर्म में प्रॉफिट बुकिंग या मजबूत डॉलर के कारण कीमत में थोड़ी गिरावट आ सकती है, लेकिन 72,000 से 75,000 रुपये के बीच मजबूत सपोर्ट रहेगा।
संतोष मीणा: अगर मौजूदा ट्रेंड जारी रहा, तो सोना 2,25,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है। पिछले पांच साल में सोने ने 18% का कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट दिया है, और जियोपॉलिटिकल तनाव, ट्रेड वॉर, और सेंट्रल बैंकों की खरीदारी इसे और मजबूत बनाए रखेगी।
